Rajasthan Politics: The Impact of CM Bhajan Lal Sharma’s Appointment – A Game-Changing Move by BJP – AIRR News Special Report
राजस्थान की राजनीति: CM Bhajan Lal Sharma की नियुक्ति का प्रभाव – बीजेपी का गेम-चेंजिंग कदम – AIRR न्यूज़ की विशेष रिपोर्ट
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राजस्थान की राजनीति में १२ दिसम्बर २०२३ को एक नया मोड़ आया है , जहां बीजेपी ने एक बड़ा दांव खेलकर सभी को चौंका दिया है। तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं कि इस नए फैसले के पीछे क्या कारण हैं, और इसके आने वाले समय में क्या प्रभाव हो सकते हैं। तो बने रहिए हमारे साथ।
राजस्थान में बीजेपी ने एक बड़ा दांव खेलकर सभी को चौंका दिया है। पार्टी ने सीएम पद के लिए CM Bhajan Lal Sharma का नाम तय किया है, जो पहली बार विधायक बने हैं और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। भजन लाल शर्मा के अलावा, पार्टी ने दो उप मुख्यमंत्री और एक स्पीकर भी नियुक्त किए हैं।
आपको बता दे कि बीजेपी ने अपने इस फैसले से अपने अंदर की गुटबाजी को खत्म करने का प्रयास किया है। क्योंकि पहले से ही राजस्थान में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के बीच मतभेद चल रहे थे। इसके अलावा, पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी सीएम पद के लिए दावेदार थे। लेकिन पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने इन सबको नजरअंदाज करके एक नए चेहरे को मौका दिया है।
भाजपा द्वारा भजन लाल शर्मा का नाम तय करने के पीछे कई कारन हो सकते हैं। सबसे पहला कारण तो यह है कि वे आरएसएस के बैकग्राउंड से हैं और संगठन में काफी अनुभव रखते हैं। इससे पहले वे बीजेपी में महामंत्री भी रह चुके हैं। दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि वे ब्राह्मण समुदाय से हैं,और राजस्थान में बीजेपी अपने वोट बैंक ब्राह्मणों को खुश करने की कोशिश की है। तीसरा कारण यह है कि वे गृह मंत्री अमित शाह के करीबी हैं और उनकी राय को बहुत महत्व दिया जाता है। चौथा कारण यह है कि वे भरतपुर के रहने वाले हैं, जो राजस्थान का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। भरतपुर में जाट, मीणा, गुर्जर और ब्राह्मण जैसी कई जातियां रहती हैं। बीजेपी ने इससे इन सबको अपनी ओर झुकाने का प्रयास किया है।
आपको बता दे कि भजन लाल शर्मा के साथ-साथ, बीजेपी ने दो उप मुख्यमंत्री और एक स्पीकर भी नियुक्त किए हैं। उप मुख्यमंत्री के रूप में दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा को चुना गया है। दीया कुमारी राजपूत समुदाय से हैं और जयपुर के पूर्व राजा सवाई मानसिंह की पोती हैं। वे विद्याधर नगर से विधायक हैं। प्रेम चंद बैरवा दलित समुदाय से हैं और दूदू से विधायक हैं। इनके अलावा बीजेपी ने स्पीकर के रूप में रामलाल शर्मा को चुना है। रामलाल शर्मा भी ब्राह्मण समुदाय से हैं और बाड़मेर से विधायक हैं। वे पार्टी के वरिष्ठ नेता भी हैं और विधानसभा में वो बीजेपी की आवाज़ बनेंगे।
बीजेपी के इस फैसले का विपक्ष ने तीखा विरोध किया है। कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी ने राजस्थान की जनता को धोखा दिया है। कांग्रेस के प्रवक्ता रघु शर्मा ने कहा है कि बीजेपी ने अपने वादे के खिलाफ जाकर एक अनुभवहीन और अयोग्य व्यक्ति को सीएम बनाया है। उन्होंने कहा है कि भजन लाल शर्मा अमित शाह के चमचे हैं और वे राजस्थान के हितों की रक्षा नहीं कर पाएंगे।
कांग्रेस के अलावा, अन्य दलों ने भी बीजेपी के इस कदम को नकारा है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक भट्ट ने कहा है कि बीजेपी ने राजस्थान को अपना गुलाम बना दिया है। इसके अलावा भट्ट ने कहा है कि भजन लाल शर्मा दिल्ली के आदेशों पर चलेंगे और राजस्थान की जनता को निराश करेंगे।
इसी तरह, बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष देवीलाल गुर्जर ने कहा है कि बीजेपी ने राजस्थान के सामाजिक न्याय को दरकिनार कर दिया है। आगे देवी लाल ने कहा है कि बीजेपी ने ब्राह्मणवादी और मनुवादी नीति को अपनाया है , और अब वो अपने इस फैसले से दिखा दिया है कि अब वे दलित, आदिवासी, ओबीसी और मुस्लिम समुदायों को अपने सरकार में जगह नहीं देंगे ।
इस प्रकार, बीजेपी के इस फैसले ने राजस्थान की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। अब यह देखना होगा कि भजन लाल शर्मा की सरकार कैसे काम करती है और क्या वे राजस्थान के विकास और समृद्धि के लिए कुछ नया कर पाते हैं।
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