New Twist in Rajasthan Politics: Tension between Vasundhara Raje and Dushyant Singh
Rajasthan Politics में नया मोड़:वसुंधरा राजे और दुष्यन्त सिंह के बीच तनाव!
जहां हम आपको देते हैं ताजा और विश्वसनीय खबरें। आज हम बात करेंगे Rajasthan Politics में नए मुख्यमंत्री को लेकर चल रही हलचल के बारे में, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह पर विधायकों की बाड़ेबंदी करने और उन्हे जबरन रोकने का आरोप लगाया गया है।
आपको बता दे कि इस आरोप को लगाया है भाजपा विधायक ललित मीणा के पिता हेमराज मीणा ने, जो खुद पूर्व विधायक हैं। उन्होंने कहा है कि उनका टिकट काटकर उनके पुत्र ललित को टिकट दिया गया था, जिसके लिए वे वसुंधरा राजे को जिम्मेदार मानते हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार देर रात बांरा-झालावाड़ जिलों के विधायकों को दुष्यंत सिंह जयपुर लेकर आए थे, और उन्हें सीकर रोड़ स्थित आपणो राजस्थान रिसोर्ट में रूकवाया गया है ।
उन्होंने आगे कहा कि जब वे अपने पुत्र को लेने के लिए रिसोर्ट पहुंचे, तो वहां मौजूद विधायक कंवरलाल ने उन्हें रोका, और कहा कि दुष्यंत की मर्जी के बिना यहां से किसी को नहीं लेकर जा सकते हैं। उन्होंने दुष्यंत सिंह को फोन किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इसके बाद प्रदेशाध्यक्ष सी.पी.जोशी और विधायक भजनलाल शर्मा रिसोर्ट में पहुंचे, और ललित को अपने साथ लेकर आए। इस दौरान कंवरलाल के समर्थकों ने हेमराज की गाड़ी पर पथराव किया, जिससे गाड़ी का शीश टूट गया।
इस घटना के बाद अटकले गर्म हो गयी कि कही हमारा अपने पुत्र को लेकर कुछ और खिचड़ी तो नहीं पका रहे है जो भविष्य में भाजपा के लिए मुसीबत बन सकती है। इन सभी अटकलों को विराम देते हुए हेमराज ने कहा कि वे और उनका पुत्र पार्टी के साथ हैं, और सीएम का फैसला पार्टी करेगी। उन्होंने ये भी बताया कि इस बारे में वसुंधरा राजे ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात की है, और उन्होंने शाह से बाड़ेबंदी जैसी किसी तरह की घटना से इनकार किया है। वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर कहा है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की प्रचंड विजय इस बात का प्रतिक है कि पीएम नरेन्द्र मोदी की गारंटी के आगे कांग्रेस के झूठे वादे और दावे नहीं चले।
इस विवाद को लेकर कंवरलाल ने भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि हेमराज व्यक्तिगत रूप से दुष्यंत के खिलाफ हैं, इसलिए उनका टिकट काटकर उनके पुत्र को दे दिया गया है, जिसके लिए वे वसुंधरा राजे को जिम्मेदार मानते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि बाड़ेबंदी जैसी कोई बात नहीं थी, और विधायक अपनी मर्जी से रात्रिभोज और आराम करने गए थे। उन्होंने ये भी दावा किया कि वे ने हेमराज की गाड़ी पर पत्थर नहीं फेंके, और ये सब झूठ है।
इस तरह राजस्थान में नए मुख्यमंत्री को लेकर चल रही हलचल में भाजपा के दो विधायकों के बीच तनाव बढ़ा है। इस विवाद को लेकर पार्टी की ऊपरी नेतृत्व ने अभी तक कोई स्पष्ट रुख नहीं बताया है। विश्लेषकों का कहना है कि इस घटना से राजस्थान में भाजपा के अंदर की दरार सामने आई है, जिसमें वसुंधरा राजे और दुष्यंत सिंह के समर्थक एक-दूसरे से टकरा रहे हैं।
इसके अलावा, राजस्थान में नए मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने शुक्रवार को एक बैठक बुलाई थी, जिसमें राजस्थान के विधायकों की राय ली गयी । इस बैठक में अमित शाह, जेपी नड्डा, बीएल संतोष, अरुण सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य नेता शामिल थे। इससे पहले, अमित शाह ने राजस्थान के विधायकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी, और उनसे अपने पसंदीदा उम्मीदवार का नाम बताने को कहा था।
आपको बता दे कि एक तरफ कांग्रेस ने अपने मुख्यमंत्री को शपत भी दिलवा दी है और भाजपा को राजस्थान में नए मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही, पार्टी को यह भी देखना होगा कि नए मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, जो राजस्थान की जनता को भी पसंद आए, और पार्टी को आगे के चुनावों में भी फायदा दिलाए।
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