Kedarnath Temple Gold Theft Controversy: Clash between Shankaracharya and BKTC

0
62
Kedarnath Temple Gold Theft

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की सोने की परतों को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा लगाए गए आरोपों ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस मुद्दे ने धार्मिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, जहां एक ओर BKTC ने इन आरोपों को कांग्रेस पार्टी का एजेंडा बताया है, वहीं दूसरी ओर शंकराचार्य ने इसे न्यायालय में ले जाने की बात कही है। ऐसे में क्या आप भी मानते है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह से वास्तव में सोने की परतें गायब हैं?-Kedarnath Temple Gold Theft

क्या शंकराचार्य के आरोप सही हैं या यह महज एक राजनीतिक चाल है? BKTC और शंकराचार्य के बीच इस विवाद का धार्मिक और राजनीतिक महत्व क्या है?  इस मामले की गहराई में जाकर, हम जानने की कोशिश करेंगे कि यह विवाद आखिरकार क्यों उठा और इसके पीछे कौन से प्रश्न उभर कर आते हैं?

नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।

केदारनाथ धाम, भारत के चार धामों में से एक है, और हिंदू धर्म में इसकी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। यहां के गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने का कार्य एक विशेष दाता के द्वारा किया गया था, जो कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विशेषज्ञों की निगरानी में सम्पन्न हुआ। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने 10 जुलाई को यह आरोप लगाया कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह से 228 किलोग्राम सोने की परतें गायब हो गई हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई जांच नहीं की है।

BKTC के अध्यक्ष अजेयेंद्र अजय ने शंकराचार्य के इन आरोपों को कांग्रेस पार्टी का एजेंडा बताते हुए कहा कि यदि शंकराचार्य के पास इस सोने की चोरी के प्रमाण हैं, तो उन्हें राज्य और केंद्र की कानून प्रवर्तन और जांच एजेंसियों को सौंपना चाहिए। उन्होंने शंकराचार्य से आग्रह किया कि वे अदालत में PIL दाखिल करें और उच्चस्तरीय जांच की मांग करें। BKTC ने यह स्पष्ट किया कि समिति ने कभी भी मंदिर की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने के लिए सोना नहीं खरीदा।

यह विवाद तब और बढ़ गया जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में बुराड़ी, दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के निर्माण का शिलान्यास किया गया। हालांकि, मुख्यमंत्री धामी के हस्तक्षेप के बाद यह तय हुआ कि नए मंदिर का नाम ‘केदारनाथ धाम’ नहीं रखा जाएगा।

वैसे इस विवाद की जड़ें न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व में बल्कि राजनीतिक पृष्ठभूमि में भी छिपी हैं। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के आरोप, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी के एजेंडे को आगे बढ़ाने का दावा किया है, ने इस मुद्दे को और भी जटिल बना दिया है। BKTC ने उनके आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताते हुए कहा है कि सोने की परतें कभी खरीदी ही नहीं गईं थीं।

राजनीतिक दृष्टिकोण से, यह विवाद भाजपा और कांग्रेस के बीच की प्रतिद्वंद्विता का नया मोर्चा खोलता है। शंकराचार्य के आरोपों को कांग्रेस के एजेंडे का हिस्सा बताना, भाजपा के राजनीतिक तंत्र को मजबूत करने की रणनीति हो सकती है। वहीं, शंकराचार्य का आरोप लगाना, कांग्रेस की रणनीति के तहत भाजपा सरकार पर हमला करने का एक तरीका हो सकता है।

आपको बता दे कि केदारनाथ मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है और यह स्थल हमेशा से ही श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख धार्मिक केंद्र रहा है। सोने की परतें चढ़ाने की प्रथा भी ऐतिहासिक रूप से मंदिरों में रही है, जो श्रद्धालुओं की भक्ति और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है। इस विवाद का प्रभाव न केवल धार्मिक समुदाय पर पड़ेगा, बल्कि राजनीतिक क्षेत्र में भी इसका असर दिखेगा।

बाकि भारत में मंदिरों से जुड़ी चोरी और विवादों की घटनाएँ पहले भी हो चुकी हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर, सोमनाथ मंदिर और अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भी ऐसे आरोप लग चुके हैं। इन घटनाओं ने हमेशा से ही जनता के बीच असंतोष और अविश्वास को जन्म दिया है।

नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
Extra : केदारनाथ मंदिर, सोने की चोरी, शंकराचार्य, BKTC, कांग्रेस, विवाद, PIL, सुप्रीम कोर्ट, Kedarnath temple, gold theft, Shankaracharya, BKTC, Congress, controversy, PIL, Supreme Court
#kedarnathtemple #kedarnath #mahadev #bholenath #mahakal #shiva #kedarnathdham #harharmahadev #uttarakhand #badrinath #uttarakhandheaven #tungnath #kedarnathtrek #mahakaal #mahakaleshwar #mahadeva #kedarkantha #shiv #pahadi #temple #rudraprayag #ujjain #kedarnathvalley #bholebaba #uttrakhand #india #uttarakhandi #omnamahshivaya #omkareshwar #shivshankar#airrnews

RATE NOW

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here