Misuse of social media will cost heavily on retired army officers, pension may be stopped-army officers latest news
सोशल मीडिया का Misuse army के रिटायर अधिकारियों पर पड़ेगा भारी, रुक सकती है पेंशन-army officers latest news
सोशल मीडिया का यूज़ जितनी तेज़ी से बढ़ा है इसको लेकर तमाम खबरें भी सामने आ रही हैं…कई मायनों में तो सोशल मीडिया वरदान साबित हो रहा है लेकिन इसका Misuse भी तेज़ी से बढ़ा है…जिसको लेकर सरकार वो तमाम उपाय कर रही है जिससे इसपर रोक लगाई जा सके…वहीं अब सेना के रिटायर अधिकारियों को भी सोशल मीडिया का यूज़ सोच-समझकर करना होगा…सेना ने इसको लेकर एक एडवाइजरी भी जारी की है…क्या है ये एडवाइजरी और इसके अमल में ना लाने पर क्या खामियाज़ा भुगताना होगा…आज हम इसी पर चर्चा करेंगे…
भारतीय सेना से रिटायर अधिकारी या सैनिक अगर सोशल मीडिया में ऐसा कुछ लिखते हैं या वीडियो पोस्ट करते हैं जिससे भारतीय सेना की छवि खराब हो रही है तो उनपर तुरंत ऐक्शन लिया जाएगा…और इसी को लेकर एक एडवायजरी जारी की गई है….सेना के AG ब्रांच की तरफ से सेना के सभी कमांड हेडक्वॉर्टर को ये एडवाइजरी भेजी गई है…जिसमें कहा गया है कि पिछले कुछ वक्त में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें पूर्व सैनिकों के बर्ताव की वजह से भारतीय सेना की इमेज खराब हुई है…-army officers latest news
इस एडवायजरी में सोशल मीडिया पर व्यवहार करने के साथ-साथ मिलिट्री यूनिफॉर्म के अनुचित इस्तेमाल से लेकर सुविधाएं लेने के लिए अपने सर्विस आई कार्ड की फोटो कॉपी का गलत इस्तेमाल करना तक शामिल है…इसमें कहा गया है कि पिछले कुछ वक्त में सोशल मीडिया के जरिए भारतीय सेना के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने में कुछ पूर्व सैनिक एक्टिव दिख रहे हैं…सोशल मीडिया के जरिए सेना में सर्विस लाइफ और सर्विस कंडीशन के बारे में लोगों को भड़काया जा रहा है…इसमें जो भाषा इस्तेमाल की जा रही है वह सेना की इमेज खराब कर रही है…इसमें ये भी आशंका जताई जा रही है कि सोशल मीडिया में पूर्व सैनिकों के इस तरह के वीडियो और झूठे नेरेटिव से सेना के अंदर ऑफिसर और जवानों के बीच दरार आ सकती है…दुश्मन इसका इस्तेमाल भारतीय सेना के खिलाफ कर सकता है…
एडवाइजरी के अनुसार सोशल मीडिया का मिसयूज करने पर पेंशन रोकने से लेकर FIR कराने तक की बात कही गई है…आर्मी के पेंशन रेगुलेशन एक्ट-2008 का हवाला देते हुए लिखा गया है कि कॉम्पिटेंट अथॉरिटी किसी भी पूर्व सैनिक की पेंशन पूरी तरह से या उसका कुछ हिस्सा रोक सकती है…अगर कोई गंभीर तौर पर अनुचित आचरण का दोषी पाया जाता है तो कंपीटेंट अथॉरिटी को यह अधिकार है कि जो पेंशन पहले से दी जा रही है उसे रोका जा सकता है…क्योंकि पेंशन देने के लिए उनका भविष्य का अच्छा आचरण भी एक शर्त है…एडवाइजरी में कहा गया है कि इस तरह के जो भी मामले सामने आते हैं उन्हें एजी के पास भेजें ताकि उन पर कार्रवाई की जा सके…सेना के खिलाफ अपमानजनक और प्रोपेगेंडा फैलाने वाले वीडियो सोशल मीडिया से हटाने के लिए चैनल रेगुलेटर में शिकायत दर्ज कराएं…
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