युवाओं में नशे की लत बढ़ा रहा है ‘कागज’ जैसा ड्रग, पकड़ी गई अबतक की सबसे बड़ी खेप
आजकल युवाओं में एलएसडी का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है…एलएसडी यानी लिसर्जिक एसिड डायथाइलैमाइन…एलएसडी को ‘एसिड’ भी कहा जाता है और इसका सेवन करना गैर-कानूनी है…ये गंधहीन, रंगहीन और स्वादहीन होता है…ये एक तरह का सिंथेटिक केमिकल से बना ड्रग होता है और इसे मतिभ्रम के रूप में कैटेगराइज्ड किया गया है…यानी इसके सेवन से सबसे ज्यादा दिमाग पर असर पड़ता है…ये एक ‘कागज’ की तरह होता है, जिसे चाटकर या निगलकर लिया जाता है…इससे युवाओं में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रहीं हैं…जब कोई व्यक्ति एलएसडी का सेवन करता है तो उसका मतिभ्रम हो जाता है…उसके सारे सेंसेस खत्म हो जाते हैं…और इस स्थिति में वो ना ही कोई फैसले ले पाता है और उसका बर्ताव पूरी तरह से बदल जाता है…
हम अपने इस वीडियो में ‘कागज’ जैसे इस ड्रग की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि एनसीबी ने एलएसडी ड्रग की अब तक की सबसे बड़ी खेप पकड़ी है…इसमें एलएसडी के करीब 15 हजार ब्लॉट हैं…इस खेप के साथ दिल्ली-एनसीआर से जुड़े 6 लोगों को भी गिरफ़्तार किया है…जब्त की गई एलएसडी की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 10 करोड़ से ज्यादा है. यानी, हर एक ब्लॉट की कीमत 5 से 7 हजार…एनसीबी के मुताबिक एलएसडी की कमर्शियल क्वांटिटी 0.1 ग्राम है, लेकिन पकड़ी गई खेप इससे ढाई हजार गुना ज्यादा है…एनसीबी का कहना है कि इंटरनेशनल ड्रग्स ट्रैफिकिंग का ये रैकेट डार्क वेब पर चल रहा था…
चौंकाने वाली बात ये है कि जिन लोगों को एनसीबी ने गिरफ्तार किया है वो स्टूडेंट और युवा हैं जो सीक्रेट ऐप्स और WICKR जैसी मैसेंजर सर्विस पर गुमनाम रहकर पैसा कमाना चाहते थे…एनसीबी के मुताबिक इस मामले में जिन छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है वो सभी पढ़े-लिखे और युवा हैं जिनकी उम्र 25 से 28 साल के बीच है…पकड़े गए लोगों में एक गोवा का स्टूडेंट हैं जो नोएडा की निजी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करता है…इनमें एक दिल्ली में रहने वाला लड़का भी है जो कुछ ब्लॉट को कश्मीर भेजने की फिराक में था…एनसीआर में रहने वाली एक लड़की को भी गिरफ्तार किया गया है…इसके साथ ही जयपुर के एक सप्लायर और केरल के एक शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है.
दो हफ्ते चले लंबे ऑपरेशन में एलएसडी के 14,961 ब्लॉट जब्त किए हैं…इससे पहले 2021 में कर्नाटक पुलिस ने एलएसडी के करीब 5 हजार ब्लॉट जब्त किए थे…पिछले साल कोलकाता एनसीबी ने भी इतने ही ब्लॉट की जब्ती की थी…आपको बता दें कि ये सारा खेल डार्क वेब पर चलता था…ड्रग्स की तस्करी, पोर्नोग्राफिक कंटेंट और गैर-कानूनी काम के लिए अपराधी डार्क नेट का इस्तेमाल करते हैं…एनसीबी के मुताबिक जो एलएसडी पकड़ी गई है वो पोलैंड और नीदरलैंड्स से आई थी…इससे जुड़ा पूरा सिंडिकेट इस एलएसडी को भारत के अलग-अलग राज्यों में तस्करी करता था…इसके लिए यूपीआई और क्रिप्टोकरंसी से पेमेंट ली जाती थी…इन्हें कुरियर या पोस्ट के जरिए डिलिवर किया जाता था.