VIRAL On Whatsapp : Uniform Civil Code के लिए ‘missed call’ कैंपेन चला रही है मोदी सरकार
मोदी सरकार ने एक बार फिर मिस्ड काल कैम्पेन शुरू कर दिया है। इस बार भाजपा ने जनसंम्पर्क से जन समर्थन अभियान से जुड़ने के लिए लोगों से मिस्ड काल कर भाजपा से जुड़ने की अपील की है।
बता दें कि मिस्ड कॉल कैम्पेन के तहत विशेष नंबर 9090902024 को डायल करने पर मोदी सरकार की 9 वर्षो की उपलब्धियों को बताने वाला मैसेज और वीडियो भी देखने को मिल रहा है। यह मोबाइल नम्बर अपने आप में यूनिक है, जो मोदी सरकार के नौ वर्षों और 2024 के महत्वपूर्ण चुनावी वर्ष का प्रतिनिधित्व करती है। अपने रणनीतिक दृष्टिकोण के लिए मशहूर भारतीय जनता पार्टी आगामी चुनावों में लोगों से नए जनादेश की मांग करते हुए सत्ता में अपने पिछले नौ वर्षों के संकेत के रूप में इस संख्या को सावधानीपूर्वक चुना है।
जानकारी के लिए बता दें कि 31 मई से 30 जून तक एक महीने तक चलने वाले इस ब्लिट्जक्रेग में सभी संसदीय सीटों के 600 से अधिक क्षेत्रों में 51 रैलियांए 500 से अधिक बैठकें और प्रेस कॉन्फ्रेंस होंगी।
मोदी सरकार ने अपने 9 साल के कार्यकाल में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के नारे और अभियान के साथ देशव्यापी अभियान चला रही है, उसी के एक हिस्से के तौर पर जनसमर्थन अभियान से जुड़ने के लिए यह मिस्ड काल कैम्पेन चलाया जा रहा है।आपको याद दिला दें कि नरेन्द्र मोदी और अमितशाह की जोड़ी ने राष्ट्रीय राजनीति में प्रभावी होने के बाद पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए इसी तरह का एक मिस्ड काल कैम्पेन चलाया था, जिसे बहुत ही शानदार कामयाबी मिली थी। ऐसा माना जाता है कि उस मिस्ड काल कैम्पेन की वजह से भारतीय जनता पार्टी ना केवल भारत बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी में तब्दील हो गई।
हांलाकि लोगों के व्हाटसअप नम्बर्स पर जो मैसेज भेजे रहे हैं, उन पर Uniform Civil Code को सपोर्ट करने की बात की जा रही है। इसके लिए मोदी सरकार ने एक विशेष नंबर 9090902024 भी जारी किया है, जिस पर लोगों से मिस्ड कॉल करने की अपील की जा रही है।
हांलाकि यह जगजाहिर है कि यूनिफार्म सिविल कोड से हिन्दू समाज पर कोई विशेष फर्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि भारतीय संवैधानिक कानूनों अनुपालन यह समाज वर्षों से कर रहा है। फिर सवाल यह उठता है कि आखिर यूनिफार्म सिविल कोड के समर्थन में कैम्पेन क्यूं चलाया जा रहा है।
दरअसल पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा था कि ‘हम देख रहे हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है, एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल पाएगा क्या? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? दरअसल प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के बाद समान नागरिक संहिता को लेकर देशभर में बहस छिड़ गई।
यूनिफॉर्म सिविल कोड से तात्पर्य यह है कि भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक समान कानून होना चाहिए, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति अथवा लिंग का क्यों न हों? बतौर उदाहरण यदि समान नागरिक संहित लागू होता है तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे संवेदनशील विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम-कानून होंगे।
गौरतलब है कि देश की मुस्लिम कम्यूनिटी यूनिफार्म सिविल कोड के लागू होने के पक्ष में नहीं है। अधिकांश मुसलमानों का कहना है कि भारत एक सेक्यूलर देश है जहां सभी धर्मावंलबियों को धार्मिक स्वतंत्रता मिली है। इसलिए समान नागरिक संहिता को लागू किया जाना देशहित में नहीं होगा।
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