अमेरिका का भारत संग डबल गेम, पाकिस्तान को IMF से दिलवाया लोन वफाइटर जेट एफ-16 को बना रहा है आधुनिक
लश्कर, जैश और अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों का घर पाकिस्तान एक बार फिर से डिफॉल्ट होने से बच गया है। बता दें कि आईएमएफ यानि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने पाकिस्तान की शहबाज सरकार को 3 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज दे दिया है। लेकिन यह बात जानकर आपको हैरानी होगी कि पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्ज दिलवाने में अमेरिका ने एक बड़ी भूमिका निभाई है। अमेरिका के इस डबल गेम पर आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी का कहना है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश का आईएमएफ के फैसलों पर निर्णायक अधिकार है। ऐसे में अमेरिका और उसके सहयोगी पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने से बचाने के लिए आगे आए हैं। इसलिए आईएमएफ से पाकिस्तान सरकार को 3 अरब डॉलर का कर्ज दिलवाया है। अमेरिका न केवल पाकिस्तान को कर्ज में डूबने से बचा रहा है बल्कि फाइटर जेट-16 को आधुनिक भी बना रहा है, ताकि भारत के खिलाफ उनकी मारक क्षमता में सुधार आ जाए।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक पाकिस्तान को र्आइएमएफ से लोन दिलवाने में अमेरिका ने पर्दे के पीछे से मदद की है। वह भी तब, जब पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ किए गए सभी वादों को पूरा नहीं किया था। बता दें कि शहबाज सरकार की ओर से आईएमएफ की सभी शर्तें पूरी नहीं की गईं बावजूद इसके अमेरिका ने पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने से बचा लिया। पाकिस्तान के एक राजनयिक सूत्र ने बताया कि पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने से बचाने के लिए आईएमएफ की पूरी प्रक्रिया के दौरान अमेरिका ने मदद की। हांलाकि अमेरिका ने दबाव बनाया है कि आईएमएफ के साथ किए गए सुधार के सभी वादों को पूरा किया जाए।
खबरों के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ लोन दिलवाने के मुद्दे पर दो बार बात की। इसके अलावा वॉशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास आईएमएफ से कर्ज दिलवाने के लिए अमेरिका के विदेश और वित्त विभाग से लगातार गुहार लगाता रहा।
इतना ही नहीं अमेरिकी सांसदों के द्वारा पाकिस्तान को लोन दिलवाने के लिए बाइडन सरकार पर दबाव डलवाया गया। इससे पूर्व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ आईएमएफ चीफ से इस सिलसिले में दो बार मिले थे और अपनी परेशानी को लेकर गिड़गिड़ाए थे। आईएमएफ से मिलने लोन के चलते फिलहाल पाकिस्तान पर कंगाल होने का खतरा टल गया है।
बीबीसी ने आईएमएफ के मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर के हवाले से जारी बयान में कहा कि पाकिस्तान को कई बार बाहरी समस्यायों से जूझना पड़ा जैसे साल 2022 में आई महाविनाशकारी बाढ़, यूक्रेन-रूस युद्ध के मद्देनजर वैश्विक महंगाई की मार, और कुछ नीतिगत गलत फैसलों के चलते इस देश का आर्थिक विकास रूक गया।
गौरतलब है कि कंगाल पाकिस्तान जहां एक तरफ आईएमएफ से मिले कर्ज के भरोसे जिन्दा है, वहीं दूसरी तरफ इस देश के द्वारा कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों को खुलेआम चंदा दिया जाना जारी है।
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