UP By polls: Uttar Pradesh में अगले महीने तक 10 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव कराए जाने की संभावना जताई जा रही है. इन सीटों पर उपचुनाव यहां के विधायकों के सांसद चुने जाने की वजह से कराए जाएंगे. इन 10 में से नौ विधायक अब संसद भवन की शोभा बढ़ा रहे हैं, जबकि कानपुर की सीसामऊ सीट के सपा विधायक इरफान सोलंकी की एक आपराधिक मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है, जिसकी वजह से यह सीट खाली हो गई है. अब इन सीटों पर उपचुनाव कराए जाएंगे.-UP – Gorakhpur by-election
10 विधानसभा सीटों पर होंगे उपचुनाव
इन 10 विधानसभा सीटों में से पांच सीटें समाजवादी पार्टी के कब्जे वाली हैं, जबकि तीन सीटें भाजपा के कब्जे वाली हैं. दो सीटें भाजपा के सहयोगियों की रही हैं. –UP – Gorakhpur by-election
जीत के लिए भाजपा ने उतारी मंत्रियों की फौज
भाजपा ने चार मंत्रियों और मुख्यमंत्री को मिलाकर इन सीटों का बंटवारा कर दिया है. सभी के पास दो-दो सीटों की जिम्मेदारी है. जिसमें से सीएम योगी के पास जिन दो सीटों की जिम्मेदारी है. वे मिल्कीपुर और कटेहरी हैं. मिल्कीपुर विधानसभा सीट फैजाबाद लोकसभा के अंतर्गत आती है. यह सीट अवधेश प्रसाद सपा के सांसद चुन लिए जाने से खाली हुई है. करहल सीट पर भी उपचुनाव होना है. अखिलेश यादव इसी सीट से विधायक थे. उनके इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई है.-UP – Gorakhpur by-election
समाजवादी पार्टी पीछे नहीं
समाजवादी पार्टी भी किसी से पीछे नहीं है. वह भी अपने प्रत्याशियों को संकेत दे दिया है कि विधानसभा उपचुनावों की तैयारियों में जुट जाएं. लोकसभा चुनावों में मिली जीत से समाजवादी पार्टी के हौसले काफी बुलंद हैं. जबकि भाजपा की सीटें घटने से नेताओं को वोट बैंक खिसकने का डर सता रहा है. – UP – Gorakhpur by-election
विधानसभा से लेकर लोकसभा में सपा उठा रही है जन सरोकार के मुद्दे
इसके अलावा विधानसभा से लेकर लोकसभा तक समाजवादी पार्टी लगातार जनसरोकार से जुड़े मुद्दे उठा रही है. इसके अलावा जातीय गणित को साधने का हर संभव प्रयास भी कर रही है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीडीए का नारा दिया जो लोकसभा चुनावों में हिट हो गया, तो अब उसको और मजबूती देने का प्रयास कर रहे हैं. इसको ही देखते हुए उन्होंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को बनाया और उनके साथ एक मुस्लिम विधायक को मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी दी है. कुछ इसी तरह का गणित उन्होंने लोकसभा में भी बैठाया है.
पूरब से लेकर पश्चिम तक की सीटों पर होने हैं उपचुनाव
Uttar Pradesh में जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराए जाने हैं, उनमें पूरब से लेकर पश्चिम तक की सीटें शामिल हैं. इसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि उपचुनाव पूरे प्रदेश में होने जा रहा है. इन चुनावों से Uttar Pradesh की नब्ज एक बार फिर से टटोली जाएगी.
लोकसभा की ट्रेंड कायम रहने पर सपा को होगा फायदा
लोकसभा चुनावों में भाजपा का कोर वोट उससे खिसकता हुआ दिखाई दिया, जिसकी वजह विपक्ष का संविधान और आरक्षण का मुद्दा रहा. विपक्ष यह बात जन-जन तक पहुंचाने में कामयाब रहा कि भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर संविधान को बदलने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही पिछड़े और दलितों का आरक्षण खत्म करके उनकी हकमारी की जाएगी.
अगड़े वर्ग को साधने की कोशिश में सपा
पिछड़े और दलितों को साधने के बाद अब अखिलेश यादव अगड़ों का वोट बैंक अपनी तरफ करने के प्रयास में हैं. इसलिए अखिलेश यादव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ब्राह्मण जाति के माता प्रसाद पांडेय को बनाया और गोरखपुर में पंडित हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा लगाए जाने के लिए बनाए गए चबूतरे को जिला प्रशासन द्वारा गिराए जाने के बाद उस मुद्दे को लपकने का पूरा प्रयास कर रहे हैं.
मठ-हाता का दुश्मनी पुरानी
गोरखपुर में वह गोरखनाथ मठ स्थित है, जिसके योगी आदित्यनाथ मठाधीश हैं. इसी जिले में पंडित हरिशंकर तिवारी का घर भी है. पंडित जी जब तक जिंदा रहे तो उन्होंने कभी मठ को तवज्जो नहीं दी. ऐसा लग रहा था कि उनके निधन के बाद मठ और हाता (पंडित हरिशंकर तिवारी के आवास का नाम) के बीच का दूरियां खत्म हो गई हैं, लेकिन उनके आवास के समीप पंडित जी की प्रतिमा लगाए जाने के लिए चबूतरे का निर्माण कराया जा रहा था तो उसको जिला प्रशासन तोड़वा दिया.
पूरब में ब्राह्मण नाराज
माना जा रहा है कि इसको लेकर पूर्वी Uttar Pradesh के ब्राह्मणों में नाराजगी है. पंडित हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल में बड़े रसूखदार और ब्राह्मणों के नेता माने जाते थे. अब सरकार को ब्राह्मणों की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा. जिसका असर आगामी उपचुनावों मे देखा जा सकता है.-UP – Gorakhpur by-election
लोकसभा चुनावों में 7% ब्राह्मण रहे भाजपा के खिलाफ
ऐसा माना जा रहा है कि इसके पहले हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में सात फीसदी ब्राह्मण वोट समाजवादी पार्टी के खाते में चला गया. जिसका नतीजा यह हुआ कि वाराणसी जैसी वीवीआईपी सीट पर पीएम मोदी के जीत का अंतर काफी घट गया. इसके पहले के दो चुनावों में पीएम मोदी को इस सीट पर बड़ी जीत हासिल हुई थी. इस बार और बड़ी जीत की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन इस सीट पर कांग्रेस को काफी वोट मिले.
हरिशंकर तिवारी के मामले को तूल दे रही है सपा
अब पंडित हरिशंकर तिवारी के मामले को समाजवादी पार्टी भी तूल दे रही है. अखिलेश यादव ने खुलकर पंडित हरिशंकर तिवारी के परिवार वालों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाइयों को बदले की भावना करार दिया और वहां पर खुद पहुंचने की बात की थी. लेकिन व्यस्तताओं की वजह से नहीं पहुंच पाए तो अपने प्रतिनिधि के तौर पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को भेजे. जिससे यह जाहिर होता है कि समाजवादी पार्टी किसी भी तरह की चूक नहीं करना चाहती है.
गौरतलब है कि विधानसभा उपचुनावों को सरकार चुनाव माना जाता है. यह माना जाता है कि जिसकी सत्ता होगी उपचुनावों के नतीजे उसके ही पक्ष में जाते हैं, लेकिन लोकसभा चुनावों में मिली जीत से गदगद समाजवादी पार्टी उपचुनावों में भाजपा को धूल चटाकर 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए नैरेटिव सेट करना चाहती है. वहीं, योगी आदित्यनाथ के उपचुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं माने जा रहे हैं. लोकसभा चुनावों की हार का ठीकरा तो कुछ हद तक केंद्रीय नेताओं के सिर पर भी फोड़ दिया गया. लेकिन उपचुनावों के नतीजे फेवर में नहीं आने पर किसी तरह का बहाना नहीं बनाया जा सकता है. वहीं जीत मिलने पर उसका भी श्रेय योगी को ही मिलेगा.
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