यूपी में खुद को Revamp करने में जुटी कांग्रेस, उपचुनाव के लिए 10 में से 4 सीटों पर लड़ने के लिए दे रही है जोर, क्या सपा-कांग्रेस के रिश्तों में आएगी दरार?

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यूपी में खुद को Revamp करने में जुटी Congress, उपचुनाव के लिए 10 में से 4 सीटों पर लड़ने के लिए दे रही है जोर, क्या सपा-Congress के रिश्तों में आएगी दरार?-UP By Elections

Uttar Pradesh के लोकसभा चुनाव के नतीजे काफी हद तक Congress के पक्ष में रहे. Congress कुल 17 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरी थी, जिसमें से 6 सीटों पर उसे जीत मिली. सबसे बड़ी जीत राहुल गांधी को रायबरेली से और केएल शर्मा को अमेठी में मिली. केएल शर्मा ने तो भाजपा की बड़बोली कैबिनेट मंत्री स्मृति इरानी को हरा दिया. केएल शर्मा के जरिए Congress ने स्मृति इरानी को यह संदेश देने की कोशिस की कि यह समझ लो कि Congress नेतृत्व आपको कितनी तवज्जो देता है. अब वही Congress जिसका जनाधार Uttar Pradesh में समाप्त होता जा रहा था. उसको मानो संजीवनी मिल गई है. वह आने वाले उपचुनावों में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके 10 विधानसभा सीटों में से चार सीटों पर चुनाव लड़ने की कोशिश कर रही है. यहां तक कि सभी 10 सीटों के लिए सीनियर लीडर्स को पर्यवेक्षक तक नियुक्त कर दिया है. -UP By Elections

Congress के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, जो इस हफ्ते की शुरुआत में पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे की वरिष्ठ नेताओं और पीसीसी प्रमुखों के साथ आयोजित बैठक में शामिल होने रे लिए दिल्ली में थे, उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारा लक्ष्य पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का है, जो 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगियों ने जीती थीं. हमारा उस किसी भी सीट पर दावा नहीं है जो सपा के कब्जे वाली सीटें रही हैं. सपा ने मीरापुर पर दावा किया है क्योंकि उस समय रालोद ने सपा के साथ गठबंधन करके वह सीट जीती थी. लेकिन हम कम से कम चार सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे हैं.-UP By Elections

बता दें, इससे पहले Congress 10 सीटों में से महज दो या तीन सीटों के लिए जोर लगाती दिख रही थी. Congress यह बार्गेनिंग अगले महीने होने वाले रीसफल से पहले कर रही है. Congress जिला और क्षेत्रीय स्तर पर अपने कैडर के प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए राज्यव्यापी कैंपेन चला रहा है. इसी तरह की एक बैठक प्रयागराज में भी की गई है. प्रयागराज जिले की एक सीट फूलपुर में विधानसभा चुनाव होंगे. जो 2022 में भाजपा के सहयोगी दल निषादराज पार्टी के कब्जे में थी. अब Congress फूलपुर सीट पर अपना दावा ठोंक सकती है, क्योंकि यह सीट सपा के कब्जे वाली नहीं है और यहां पर पहले v के बड़ा जनाधार था. फूलपुर लोकसभा सीट से स्वयं पंडित जवाहर लाल नेहरू किसी जमाने में सांसद चुने जाते थे.-UP By Elections

इस हफ्ते की शुरुआत में समाजवादी पार्टी ने संयोगवश छह विधानसभा सीटों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है. जिस पर अजय राय ने कहा कि हमने सीटों को लेकर अपना विचार पार्टी नेतृत्व के सामने रख दिया है. बाकी फैसला सीनियर लीडरशिप को करना है.-UP By Elections

जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वहां पर तारीखों की घोषणा की जानी अभी बाकी है. इनमें से नौ सीटें ऐसी हैं जहां के विधायक मौजूदा समय में सांसद बन गए हैं. कानपुर में सीसामऊ एक ऐसी सीट है जो सपा के कब्जे वाली है. लेकिन, इस सीट के विधायक इरफान सोलंकी एक आपराधिक मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है जिससे उनकी सदस्यता चली गई है. -UP By Elections

2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने इन 10 सीटों में से पांच पर जीत हासिल की थी. तीन पर भाजपा ने और एक पर उसकी तत्कालीन और वर्तमान सहयोगी निषाद पार्टी ने जीत हासिल की थी. ​​मीरापुर दसवीं सीट थी, जिसे रालोद ने सपा के साथ मिलकर जीता. उस समय रालोद और सपा एक साथ मिलकर चुनाव लड़े थे.

हाल के लोकसभा चुनावों में यूपी में भाजपा की सीटों में आश्चर्यजनक रूप से कमी आई है. जिसकी वजह से सत्ताधारी दल और सपा-Congress दोनों के लिए उपचुनाव में बहुत कुछ दांव पर लगा है. Congress प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि उनकी योजना अगस्त तक कैडर की राज्यव्यापी समीक्षा को पूरी करने का है. उन्होंने कहा कि मकसद बिल्कुल स्पष्ट है. एक महीने तक चलने वाली इस कवायद की रिपोर्ट के आधार पर संगठन में फेरबदल किया जाएगा. जिन्होंने अच्छे नतीजे दिए हैं, उनको प्रमोट किया जाएगा और जिन लोगों ने अच्छे नजीते नहीं दे पाए हैं, उन्हें बदला जाएगा. 

Congress ने 10 विधानसभा सीटों के लिए जिनको जिम्मेदारी दी गई है, उनमें अमेठी के मौजूदा सांसद केएल शर्मा को सीसामऊ विधानसभा सीट के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है. मीरापुर विधानसभा सीट के लिए इमरान मसूद, कुंदरकी के लिए राकेश राठौर और गाजियाबाद के लिए तनुज पुनिया को पर्यवेक्षक बनाया गया है. 

प्रयागराज के सांसद उज्ज्वल रमन सिंह, जो लोकसभा चुनाव से पहले सपा से Congress में शामिल हुए थे, उनको फूलपुर विधानसभा सीट की जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा मंझवां विधानसभा सीट पर मौजूदा Congress विधायक वीरेंद्र चौधरी को प्रभारी बनाया गया है, जिसे 2022 में निषाद पार्टी ने जीता था. कटेहरी विधानसभा सीट पर Congress ने पूर्व बसपा नेता और मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पर्यवेक्षक बनाया है. मिल्कीपुर और खैर सुरक्षित सीटों पर पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह और राजकुमार राव को जिम्मेदारी दी गई है.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सांसद चुने जाने के बाद मैनपुरी की करहल सीट खाली हुई है. Congress ने रामनाथ सिकरवार को यहां पर अपना पर्यवेक्षक बनाया है. सिकरवार ने हाल ही में फतेहपुर सीकरी से लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्होंने मौजूदा भाजपा सांसद को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन करीब 40,000 वोटों के अंतर से हार गए थे. 

Congress के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पर्यवेक्षकों को खास निर्वाचन क्षेत्रों की आवश्यकता और उनके अनुभव के आधार पर नियुक्त किया गया है. ये वे लोग हैं जो हाल ही में लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़े हैं या जीते हैं.

गौरतलब है कि Congress के दावों पर समाजवादी पार्टी की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन, Congress ने उन सीटों पर दावा नहीं पेश किया है जो सपा के कब्जे वाली हैं. Congress का दावा केवल उन सीटों पर है, जो भाजपा के कब्जे वाली हैं. इससे इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा और Congress के बीच मनमुटाव की स्थिति पैदा होने की संभावनाएं कम लग रही हैं.

Uttar Pradesh के लोकसभा चुनाव के नतीजे काफी हद तक Congress के पक्ष में रहे. Congress कुल 17 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरी थी, जिसमें से 6 सीटों पर उसे जीत मिली. सबसे बड़ी जीत राहुल गांधी को रायबरेली से और केएल शर्मा को अमेठी में मिली. केएल शर्मा ने तो भाजपा की बड़बोली कैबिनेट मंत्री स्मृति इरानी को हरा दिया. केएल शर्मा के जरिए Congress ने स्मृति इरानी को यह संदेश देने की कोशिस की कि यह समझ लो कि कांग्रेस नेतृत्व आपको कितनी तवज्जो देता है. अब वही कांग्रेस जिसका जनाधार Uttar Pradesh में समाप्त होता जा रहा था. उसको मानो संजीवनी मिल गई है. वह आने वाले उपचुनावों में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके 10 विधानसभा सीटों में से चार सीटों पर चुनाव लड़ने की कोशिश कर रही है. यहां तक कि सभी 10 सीटों के लिए सीनियर लीडर्स को पर्यवेक्षक तक नियुक्त कर दिया है. 

Congress के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, जो इस हफ्ते की शुरुआत में पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे की वरिष्ठ नेताओं और पीसीसी प्रमुखों के साथ आयोजित बैठक में शामिल होने रे लिए दिल्ली में थे, उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारा लक्ष्य पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का है, जो 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगियों ने जीती थीं. हमारा उस किसी भी सीट पर दावा नहीं है जो सपा के कब्जे वाली सीटें रही हैं. सपा ने मीरापुर पर दावा किया है क्योंकि उस समय रालोद ने सपा के साथ गठबंधन करके वह सीट जीती थी. लेकिन हम कम से कम चार सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे हैं.

बता दें, इससे पहले Congress 10 सीटों में से महज दो या तीन सीटों के लिए जोर लगाती दिख रही थी. Congress यह बार्गेनिंग अगले महीने होने वाले रीसफल से पहले कर रही है. Congress जिला और क्षेत्रीय स्तर पर अपने कैडर के प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए राज्यव्यापी कैंपेन चला रहा है. इसी तरह की एक बैठक प्रयागराज में भी की गई है. प्रयागराज जिले की एक सीट फूलपुर में विधानसभा चुनाव होंगे. जो 2022 में भाजपा के सहयोगी दल निषादराज पार्टी के कब्जे में थी. अब Congress फूलपुर सीट पर अपना दावा ठोंक सकती है, क्योंकि यह सीट सपा के कब्जे वाली नहीं है और यहां पर पहले Congress के बड़ा जनाधार था. फूलपुर लोकसभा सीट से स्वयं पंडित जवाहर लाल नेहरू किसी जमाने में सांसद चुने जाते थे.

इस हफ्ते की शुरुआत में समाजवादी पार्टी ने संयोगवश छह विधानसभा सीटों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है. जिस पर अजय राय ने कहा कि हमने सीटों को लेकर अपना विचार पार्टी नेतृत्व के सामने रख दिया है. बाकी फैसला सीनियर लीडरशिप को करना है.

जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वहां पर तारीखों की घोषणा की जानी अभी बाकी है. इनमें से नौ सीटें ऐसी हैं जहां के विधायक मौजूदा समय में सांसद बन गए हैं. कानपुर में सीसामऊ एक ऐसी सीट है जो सपा के कब्जे वाली है. लेकिन, इस सीट के विधायक इरफान सोलंकी एक आपराधिक मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है जिससे उनकी सदस्यता चली गई है. 

2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने इन 10 सीटों में से पांच पर जीत हासिल की थी. तीन पर भाजपा ने और एक पर उसकी तत्कालीन और वर्तमान सहयोगी निषाद पार्टी ने जीत हासिल की थी. ​​मीरापुर दसवीं सीट थी, जिसे रालोद ने सपा के साथ मिलकर जीता. उस समय रालोद और सपा एक साथ मिलकर चुनाव लड़े थे.

हाल के लोकसभा चुनावों में यूपी में भाजपा की सीटों में आश्चर्यजनक रूप से कमी आई है. जिसकी वजह से सत्ताधारी दल और सपा-Congress दोनों के लिए उपचुनाव में बहुत कुछ दांव पर लगा है. Congress प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि उनकी योजना अगस्त तक कैडर की राज्यव्यापी समीक्षा को पूरी करने का है. उन्होंने कहा कि मकसद बिल्कुल स्पष्ट है. एक महीने तक चलने वाली इस कवायद की रिपोर्ट के आधार पर संगठन में फेरबदल किया जाएगा. जिन्होंने अच्छे नतीजे दिए हैं, उनको प्रमोट किया जाएगा और जिन लोगों ने अच्छे नजीते नहीं दे पाए हैं, उन्हें बदला जाएगा. -UP By Elections

Congress ने 10 विधानसभा सीटों के लिए जिनको जिम्मेदारी दी गई है, उनमें अमेठी के मौजूदा सांसद केएल शर्मा को सीसामऊ विधानसभा सीट के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है. मीरापुर विधानसभा सीट के लिए इमरान मसूद, कुंदरकी के लिए राकेश राठौर और गाजियाबाद के लिए तनुज पुनिया को पर्यवेक्षक बनाया गया है. 

प्रयागराज के सांसद उज्ज्वल रमन सिंह, जो लोकसभा चुनाव से पहले सपा से Congress में शामिल हुए थे, उनको फूलपुर विधानसभा सीट की जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा मंझवां विधानसभा सीट पर मौजूदा Congress विधायक वीरेंद्र चौधरी को प्रभारी बनाया गया है, जिसे 2022 में निषाद पार्टी ने जीता था. कटेहरी विधानसभा सीट पर Congress ने पूर्व बसपा नेता और मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पर्यवेक्षक बनाया है. मिल्कीपुर और खैर सुरक्षित सीटों पर पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह और राजकुमार राव को जिम्मेदारी दी गई है.-UP By Elections

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सांसद चुने जाने के बाद मैनपुरी की करहल सीट खाली हुई है. Congress ने रामनाथ सिकरवार को यहां पर अपना पर्यवेक्षक बनाया है. सिकरवार ने हाल ही में फतेहपुर सीकरी से लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्होंने मौजूदा भाजपा सांसद को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन करीब 40,000 वोटों के अंतर से हार गए थे. -UP By Elections

Congress के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पर्यवेक्षकों को खास निर्वाचन क्षेत्रों की आवश्यकता और उनके अनुभव के आधार पर नियुक्त किया गया है. ये वे लोग हैं जो हाल ही में लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़े हैं या जीते हैं.-UP By Elections

गौरतलब है कि Congress के दावों पर समाजवादी पार्टी की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन, Congress ने उन सीटों पर दावा नहीं पेश किया है जो सपा के कब्जे वाली हैं. Congress का दावा केवल उन सीटों पर है, जो भाजपा के कब्जे वाली हैं. इससे इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा और Congress के बीच मनमुटाव की स्थिति पैदा होने की संभावनाएं कम लग रही हैं.-UP By Elections
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