रूस के दागिस्तान में बड़ा आतंकी हमला हुआ है. इस हमले में एक पादरी और पुलिसकर्मियों सहित 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. रूसी सुरक्षाबलों ने हमले को अंजाम देने वाले 6 आतंकियों को मार गिराया है…लेकिन सवाल ये है कि रूस बार-बार क्यों आतंकी हमले का शिकार हो रहा है…-Terrorist Attack in Russia
रूस के दागिस्तान में हुआ अटैक इस साल का दूसरा बड़ा आतंकी हमला है…इससे पहले मार्च में मास्को में आतंकी हमला हुआ था….पुतिन 18 मार्च को 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बने थे…हमला उसी के 5 दिन बाद हुआ था…मार्च में हए आतंकी हमले में 143 लोगों की मौत हो गई थी…तब हमले की जिम्मेदारी ISIS-K ने ली थी…-Terrorist Attack in Russia
ISIS-K का नाम उत्तरपूर्वी ईरान, दक्षिणी तुर्कमेनिस्तान और उत्तरी अफगानिस्तान में आने वाले क्षेत्र के नाम पर रखा गया है…ये संगठन सबसे पहले 2014 में पूर्वी अफगानिस्तान में एक्टिव हुआ…तब रूस के उग्रवादी समूहों के कई लड़ाके इसमें शामिल होने सीरिया पहुंच गए थे…ये पुतिन और उनके प्रोपागेंडा का विरोध करते हैं…इनका कहना है कि पुतिन की सरकार चेचन्या और सीरिया में हमले कर मुसलमानों पर अत्याचार करती है…अफगानिस्तान ने मुसलमानों पर इसी तरह के अत्याचार रूस ने सोवियत काल के दौरान किए थे…-Terrorist Attack in Russia
मार्च में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी भले ही ISIS की खुरासान विंग ने ली थी.. लेकिन तब भी रूस ने यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया था…राष्ट्रपति पुतिन ने मॉस्को के कंसर्ट हॉल में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा था.. इस हमले के पीछे जो भी हैं.. वो कसम खाते हैं.. बख्शे नहीं जाएंगे.. उन्होंने ये भी दावा किया था बंदूकधारियों ने यूक्रेन भागने की कोशिश की थी जिसके बाद ही रूस ने इसका आरोप यूक्रेन पर लगाया था…तब मॉस्को आतंकी हमले पर यूक्रेन की भी प्रतिक्रिया सामने आई थी… यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के वरिष्ठ सलाहकार.. मिखाइल पोडोल्याक ने कहा था कि -Terrorist Attack in Russia
हम साफ करना चाहते हैं.. यूक्रेन का इन हमले से कोई लेना-देना नहीं है.. रूस की सेना और एक देश के रूप में रूसी संघ के साथ हमारा पूर्ण पैमाने पर चौतरफा युद्ध चल रहा है. और किसी चीज की परवाह किए बिना यूक्रेन युद्ध के मैदान में अपनी लड़ाई लड़ेगा…
रूस और यूक्रेन के बीच 2 साल चार महीने से महायुद्ध चल रहा है…यूक्रेन घुटने टेकने को तैयार नहीं है.. तो रूस पीछे हटने को राजी नहीं…इस जंग में जेलेंस्की की सेना के मददगार बने वो विदेश हथियार.. जो उसे महाशक्तियों से मिले फिर वो चाहे अमेरिका हो.. ब्रिटेन हो.. फ्रांस हो.. जर्मनी हो.. इन हथियारों के दम पर यूक्रेन लगातार पुतिन की पलटन का सामना कर रहा है… कई मोर्च पर तो पुतिन की सेना को अपने पांव पीछे तक खींचने पड़े हैं.. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है.. सेना की कमी पड़ने पर रूस ने जेल में बंद कैदियों तक को हथियार के साथ इस युद्ध में धकेल दियादरअसल यूक्रेन नाटो का सदस्य बनना चाहता है.. और रूस इसी से खफा है.. रूस का कहना है.. यूक्रेन को नाटो में शामिल करना अमेरिका की चाल है.. वो यूक्रेन के जरिए उसके दरवाजे तक पहुंचना चाहता है.. रूस ने यूक्रेन को चेतावनी दी थी.. वो इसपर आगे बढा.. तो रूस हमला कर देगा.. और हुआ भी वही…
रूस में आतंकी हमले से यूक्रेन को क्या फायदा होगा?
क्या रूस को युद्ध से भटकाने के लिए किए जा रहे हैं हमले?
इससे पहले मार्च में मास्को में आतंकी हमला हुआ था
#russiaattack #war #putin #terrorattack#russia #moscow #usa #ukraine #germany #love #instagram #turkey #like #france #follow #travel #italy #china #dubai #russian #instagood #nature #india #fashion #photography #music #canada #america #beautiful #europe #istanbul #photo #japan #art#airr news