ब्रिटीश भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने पं. जवाहरलाल नेहरू से कहा कि आखिर भारत की आजादी के बाद सत्ता हस्तातंरण कैसे की जाए, इसका प्रतीक क्या होगा? इसके बाद राजगोपालाचारी ने चोल साम्राज्य के सेंगोल प्रक्रिया के बारे में बताया। तत्पश्चात तमिलनाडु से सेंगोल मंगवाया गया और इस ऐतिहासिक क्षण के लिए राजदंड सेंगोल को स्वीकार करने की जिम्मेदारी पं. नेहरू ने ली। तब से आजाद भारत में सेंगोल को अंग्रेजों से सत्ता के ट्रांसफर का प्रतीक माना जाता है।