आंध्र में BJP का TDP- जनसेना से गठबंधन-“TDP-BJP“
राज्य को इस गठबंधन से फायदा होगा-नायडू
अमित शाह के आवास पर हुई थी बैकक
चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण बैठक में रहे मौजूद
2018 तक NDA में शामिल रही थी TDP
सीट शेयरिंग पर जल्द बनेगी सहमति
आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटें
आंध्र प्रदेश में लोकसभा चुनाव भाजपा, तेलुगु देशम पार्टी और जनसेना पार्टी एक साथ लड़ेगी.. इसका आधिकारिक ऐलान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया पर 9 मार्च को किया.. इससे पहले दिनभर TDP के नेता रैली और मीडिया में इसका जिक्र करते रहे.. TDP सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि आंध्र प्रदेश बुरी तरह से बर्बाद हो गया है.. इस गठबंधन के साथ आने से राज्य और देश को फायदा मिलेगा.. वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि PM मोदी के नेतृत्व में देश और राज्य का विकास जरूर होगा.. “TDP-BJP”
साथ ही BJP ने कहा कि एक-दो दिन में सीट शेयरिंग को लेकर भी बातचीत फाइनल हो जाएगी.. अलायंस को लेकर शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर एक बैठक हुई थी.. इसमें TDP सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू और जनसेना पार्टी के अध्यक्ष पवन कल्याण शामिल हुए.. बाद में TDP सांसद कनकमेदाला रवींद्र कुमार ने भी बताया कि उनकी पार्टी NDA में शामिल हो रही है…दरअसल, 2018 तक TDP भाजपा की अगुआई वाले गठबंधन NDA के सबसे महत्वपूर्ण घटक दलों में से एक था…”TDP-BJP”
रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा चल रही है.. आंध्र प्रदेश में 25 लोकसभा सीटें और 175 विधानसभा सीटें हैं… भाजपा चाहती है कि 8-10 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन अगर पवन कल्याण की जन सेना पार्टी भी NDA में शामिल होती है तो 5-6 सीटें भी भाजपा अपने पक्ष में ले सकती है.. JSP पहले ही TDP के साथ गठबंधन कर चुकी है..
उसे TDP ने तीन लोकसभा सीटें और 24 विधानसभा सीटें दी गई हैं.. भाजपा चाहती है कि वाइजैग, विजयवाड़ा, अराकु, राजामपेट, राजमुंद्री, तिरुपति जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर चुनाव लड़े… अब आपको बताते हैं कि साल 2018 में गठबंधन क्यों टूटा था..TDP ने 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले 2018 में NDA गठबंधन से अपना नाम वापस ले लिया था.. आंध्र प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा न मिलने से नाराज चंद्रबाबू नायडू ने NDA सरकार से नाम वापस ले लिया था.. उन्होंने गठबंधन से नाम वापस लेते हुए कहा था कि हमारा फैसला बिल्कुल सही है..”TDP-BJP”
केंद्र सरकार ने आंध्र के लिए अपने वादे पूरे नहीं किए.. हम बजट सत्र की शुरुआत से ही संसद में मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, पर अब तक कोई जवाब नहीं मिला.. आपको बता दें कि जून में भी अमित शाह से चंद्रबाबू नायडू की मुलाकात हुई थी.. चंद्रबाबू नायडू ने जून 2023 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.. इसके बाद से ही 2024 लोकसभा चुनावों से पहले TDP की NDA में वापसी के कयास तेज हो गए थे... आपको बता दें कि अगस्त 1995 में चंद्रबाबू नायडू ने NTR की सरकार गिराकर अपनी सरकार बनाई.. NTR की पार्टी TDP भी दो टुकड़ों में बंटी..
TDP (नायडू) का नेतृत्व चंद्रबाबू नायडू कर रहे थे.. 96 के लोकसभा चुनावों के लिए नायडू की TDP अटल के नेतृत्व में NDA में शामिल हो गई.. लेकिन तबसे लेकर 2009 के लोकसभा चुनाव तक संयुक्त आंध्रप्रदेश की 42 सीटों पर BJP एक भी सीट नहीं जीती.. साल 2014 में TDP और BJP ने आंध्रप्रदेश में एक साथ चुनाव लड़ा.. चुनाव के नतीजे आने के बाद आंध्रप्रदेश का विभाजन हो गया था। और फिर साल 2018 में TDP गठबंधन से अलग हो गई.. वहीं अब एक बार फिर से TDP ने बीजेपी से गठबंधन हुआ है. अब लोकसभा चुनाव में इसका कितना फायदा होगा ये तो रिजल्ट के बाद ही मालूम चलेगा…