Taiwan, China and Philippines: A New Tension | AIRR News

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चीन और फिलीपींस के बीच ताइवान के मुद्दे पर एक नया तनाव उत्पन्न हुआ है, जब फिलीपींस के राष्ट्रपति ने ताइवान के नए राष्ट्रपति को बधाई दी। चीन ने इसे एक गंभीर राजनीतिक उल्लंघन और अपनी आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताया, और फिलीपींस के राजदूत को बुलाकर चेतावनी दी। इस वीडियो में, हम इस घटना के पीछे के कारणों, प्रमुख पात्रों, प्रभावों और चुनौतियों का विश्लेषण करेंगे।

नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज 

ताइवान एक द्वीप है, जो चीन के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। चीन ताइवान को अपना अभिन्न अंग मानता है, और उसे एक अलग देश के रूप में मानने वाले किसी भी देश के साथ रिश्ते तोड़ देता है। लेकिन ताइवान ने 1949 में चीन के नागरिक युद्ध के बाद से अपनी अलग पहचान बनाई है, और उसके पास अपनी विधानसभा, सरकार, सेना और झंडा है। ताइवान को दुनिया के कुछ देशों ने एक अलग देश के रूप में मान्यता दी है, जिसमें फिलीपींस भी शामिल है।

आपको बता दे की इस साल, ताइवान ने अपने राष्ट्रपति का चुनाव किया, जिसमें लाई चिंग-ते ने जीत हासिल की। लाई चिंग-ते एक ऐसे दल के नेता हैं, जो ताइवान की आजादी का समर्थन करते हैं, और चीन के दावों का विरोध करते हैं। उनकी जीत ने चीन को नाराज कर दिया और चीन ने उसे अपने एक-चीन नीति का पालन करने के लिए कहा।

फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्दिनांड मार्कोस ने इस बात को अनदेखा करते हुए, लाई चिंग-ते को उनकी जीत की बधाई दी, और उनसे सहयोग करने की इच्छा जताई। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “मुझे आपकी जीत पर गर्व है, और मुझे उम्मीद है कि हम फिलीपींस और ताइवान के बीच के आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को और मजबूत बनाने में सहयोग करेंगे।” उन्होंने लाई चिंग-ते को एक “विश्वस्तरीय नेता” और एक “विश्व के लिए एक प्रेरणा” बताया।

इस पोस्ट का चीन ने कड़ा विरोध किया, और फिलीपींस के राजदूत को बुलाकर उसे एक नोट दिया, जिसमें उसे अपने राष्ट्रपति के बयान को वापस लेने और चीन के एक-चीन नीति का सम्मान करने के लिए कहा गया। चीन ने कहा कि फिलीपींस का यह कदम दोनों देशों के बीच के दोस्ताने रिश्तों को बिगाड़ने का कारण बन सकता है, और ताइवान को एक अलग देश के रूप में मानने वाले किसी भी देश के साथ चीन रिश्ते तोड़ देगा।

वैसे फिलीपींस के राजदूत ने चीन के आरोपों को खारिज करते हुए, अपने राष्ट्रपति के बयान को एक व्यक्तिगत राय के रूप में प्रस्तुत किया, और कहा कि वह फिलीपींस की बाहरी नीति का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। उन्होंने कहा कि फिलीपींस चीन के साथ शांतिपूर्ण और सहयोगी रिश्ते बनाए रखना चाहता है, और ताइवान के मुद्दे पर चीन की एक-चीन नीति का सम्मान करता है।

ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने फिलीपींस के राष्ट्रपति के बयान को स्वागत किया, और उन्हें एक मित्र और सहयोगी के रूप में धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वे फिलीपींस के साथ आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और चीन के दबाव के बावजूद ताइवान की आजादी और लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष करेंगे।

ऐसे में इस घटना ने चीन, फिलीपींस और ताइवान के बीच के रिश्तों में एक नया मोड़ ला दिया है, जो इन देशों के लिए नई चुनौतियां और संभावनाएं पैदा करता है। चीन अपनी एक-चीन नीति को लागू करने के लिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना जारी रखेगा, जबकि ताइवान अपनी आजादी और लोकतंत्र को सुरक्षित करने के लिए अपने दोस्तों और सहयोगियों का समर्थन ढूंढेगा। फिलीपींस को इन दोनों देशों के बीच एक संतुलन बनाने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा, और अपने राष्ट्रहितों को सुनिश्चित करने के लिए एक समझौता करना होगा।

आज के लिए इतना ही।  नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़। 

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