इस सप्ताह शेयर बाजार: घरेलू शेयर बाजार पहले से ही विदेशी निवेशकों की बिक्री का सामना कर रहा है और अब नए सप्ताह की शुरुआत से पहले हिंडनबर्ग ने एक नई रिपोर्ट जारी कर एक बड़ा प्रभाव डाला है। -Stock Market Outlook Hindenburg
घरेलू शेयर बाजार, विशेष रूप से अडानी समूह के शेयरों के लिए, कल सोमवार से आरंभ हो रहा नया सप्ताह turbulence से भरा हो सकता है। बाजार पर पहले से ही विदेशी निवेशकों द्वारा की जा रही बिकवाली का दबाव बना हुआ है। अब हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई नई रिपोर्ट ने उस स्थिति के पुनरावृत्ति की संभावना को बढ़ा दिया है, जो पिछले वर्ष की शुरुआत में अडानी के खिलाफ आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बाजार में देखी गई थी।
बाजार को आने लगी डेढ़ साल पहले की याद
अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले वर्ष जनवरी में अडानी समूह के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें शेयरों के मूल्य को प्रभावित करने और शेल कंपनियों के नेटवर्क के माध्यम से धन के हेरफेर करने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसके परिणामस्वरूप बाजार में व्यापक बिकवाली हुई और अडानी के शेयरों पर कई दिनों तक लोअर सर्किट लगा रहा। हाल की रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने अडानी और सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच के बीच वित्तीय संबंधों का दावा किया है। हालांकि, सेबी की प्रमुख ने एक बयान जारी कर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को निराधार और चरित्र हत्या का प्रयास बताया है। अडानी समूह ने भी अपनी प्रतिक्रिया में सेबी प्रमुख के साथ किसी भी वित्तीय संबंध से इनकार किया है।
अडानी समूह को हुआ था अरबों डॉलर का नुकसान
हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह के खिलाफ पहली रिपोर्ट 24 जनवरी 2023 को प्रकाशित हुई थी। इस रिपोर्ट के प्रकाश में आते ही बाजार में हड़कंप मच गया और निवेशक अडानी के शेयरों की बिक्री करने लगे। रिपोर्ट के बाद लगभग एक महीने तक अडानी के शेयरों पर लोअर सर्किट लगते रहे। अडानी समूह के कई शेयरों के मूल्य तेजी से घटकर आधे हो गए। समूह के शेयरों में 83 प्रतिशत तक की गिरावट आई और अडानी समूह की कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 80 बिलियन डॉलर से अधिक की कमी आई। -Stock Market Outlook Hindenburg
अडानी की क्यूआईपी की योजना से पहले रिपोर्ट
हिंडनबर्ग की पहली रिपोर्ट और इस बार की रिपोर्ट की टाइमिंग में एक और संयोग दिख रहा है. पिछले साल जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई थी, उस समय अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज बाजार में एफपीओ लाकर लगभग 2 बिलियन डॉलर जुटाने का प्रयास करने वाली थी. रिपोर्ट से शुरू हुए विवाद ने एफपीओ को भी अपना शिकार बना लिया था और अडानी समूह ने पूरा सब्सक्राइब हो जाने के बाद भी एफपीओ को वापस लेकर निवेशकों के पैसे लौटा दिए थे. इस बार फिर रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब अडानी एंटरप्राइजेज क्यूआईपी के जरिए लगभग 1 बिलियन डॉलर जुटाने की तैयारी कर रही है.
दो महीने बाद फिर बिकवाल हुए एफपीआई
हिंडनबर्ग की यह रिपोर्ट उस समय प्रकाशित हुई है, जब बाजार पहले से ही दबाव में है। जून और जुलाई में लगभग दो महीने तक भारतीय बाजार में जोरदार खरीदारी करने के बाद, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) ने एक बार फिर से भारतीय शेयरों की बिक्री शुरू कर दी है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने में अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक के भारतीय शेयरों को बेचा है। -Stock Market Outlook Hindenburg
घरेलू इन्वेस्टर संभाल लेंगे बाजार- एक्सपर्ट की राय
कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का बाजार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। केडियानॉमिक्स के संस्थापक सुशील केडिया का कहना है कि शेयर बाजार में तेजी आने की संभावना है। निफ्टी और बैंक निफ्टी दोनों में सकारात्मक रुझान बना रहेगा। उन्होंने एक मीम साझा करके यह दर्शाने का प्रयास किया कि घरेलू निवेशक इस बार हिंडनबर्ग के प्रयासों को विफल कर देंगे।
बीते सप्ताह इतने नुकसान में रहा बाजार
पिछले सप्ताह के दौरान घरेलू शेयर बाजार में डेढ़ प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। सप्ताह के अंतिम दिन, दोनों प्रमुख सूचकांकों ने शानदार तेजी के साथ समापन किया, लेकिन पूरे सप्ताह की गिरावट की भरपाई नहीं हो सकी। 9 अगस्त को, बीएसई सेंसेक्स 819.69 अंक (1.04 प्रतिशत) की वृद्धि के साथ 79,705.91 अंक पर और एनएसई निफ्टी 250.50 अंक (1.04 प्रतिशत) की बढ़त के साथ 24,367.50 अंक पर बंद हुआ। हालांकि, साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में 1,276.04 अंक (1.56 प्रतिशत) और निफ्टी में 350.20 अंक (1.41 प्रतिशत) की गिरावट आई। यह घरेलू बाजार के लिए लगातार दूसरा सप्ताह था जिसमें नुकसान हुआ।
सप्ताह के दौरान आने वाले हैं महंगाई के आंकड़े
भविष्य के दृष्टिकोण पर चर्चा करते हुए, पहले दिन बाजार पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का प्रभाव स्पष्ट हो सकता है। विशेष रूप से, विश्लेषकों की निगाहें अडानी के शेयरों पर केंद्रित रहेंगी। इस सप्ताह महंगाई के आंकड़े भी जारी होने वाले हैं, जो बाजार को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, विदेशी बाजारों की गतिविधियाँ, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति में बदलाव भी बाजार पर प्रभाव डाल सकते हैं।
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