Prime Minister Narendra Modi’s Key Messages at the COP-28 Summit: A Special Program by AIRR News
COP-28 शिखर सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य संदेश: AIRR न्यूज़ द्वारा एक विशेष कार्यक्रम
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AIRR न्यूज़ के इस खास कार्यक्रम में हम आपको बताएंगे कि वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन समिट यानि COP-28 के बारे में और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समिट में कौन से महत्वपूर्ण संदेश दिए। तो चलिए शुरू करते हैं।
आपको बता दे की , COP-28, यानी संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन का 28वां सत्र, संयुक्त अरब अमीरात ने 2023 में अबू धाबी में मेजबानी करने की पेशकश की थी।
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ते स्तर को एक मिनिमम लेवेल पर स्थिर करना है, जिससे आने वाले समय और वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग के खतरनाक नतीजों को रोका जा सके। COP-28 का उद्देश्य है कि विश्व के सभी देश जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने और इसके प्रभावों को कम करने के लिए मिलकर साझा जिम्मेदारी लें। इस समिट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के जलवायु कार्रवाई के लिए किए गए प्रयासों और लक्ष्यों का विस्तार से वर्णन किया है, और विश्व के साथ सहयोग की भावना को दर्शाया है।
आपको बता दे की प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा है कि भारत ने जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए कई पहल की हैं, जैसे कि कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता में 45% तक की कमी लाने का लक्ष्य तय करना, नवीकरणीय ऊर्जा का शेयर 50% तक बढ़ाना, और 2070 तक नेट जीरो तक पहुंचने का संकल्प लेना। उन्होंने कहा कि ये लक्ष्य भारत के लिए आसान नहीं हैं, लेकिन भारत अपनी प्रतिबद्धता के साथ इन्हें पूरा करेगा।
इसके अलावा भी उन्होंने कुछ नए प्लानो का ऐलान किया है, जैसे कि प्रो प्लेनेट पॉजिटिव इनिशिएटिव, जो कार्बन उत्सृजन को रोकने के लिए जनभागीदारी से ग्रीन एनर्जी के साधन बनाने का अभियान है। उन्होंने ग्रीन क्रेडिट इनिशिएटिव की भी वकालत की है, जो विकासशील देशों को जलवायु फाइनेंस के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करेगा। उन्होंने भारत की मेजबानी में अगला सम्मेलन आयोजित कराने का प्रस्ताव भी रखा है, जो कि विश्व के लिए एक बड़ा सम्मान है।
इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और UAE के बीच की साझेदारी को भी बल दिया है, जो कि हरित और समृद्ध भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि दोनों देश नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक रूप से अग्रणी हैं, और जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई के लिए UAE की भी अटूट प्रतिबद्धता है।
इस तरह, प्रधानमंत्री मोदी ने COP-28 समिट में भारत के जलवायु कार्रवाई के लिए किए गए प्रयासों और लक्ष्यों का विस्तार से वर्णन किया है, और विश्व के साथ सहयोग की भावना को दर्शाया है। उन्होंने विकासशील देशों की चुनौतियों और आवश्यकताओं को भी उठाया है, और विकसित देशों से उनका समर्थन मांगा है।
आपको बता दे की COP-28 Summit में विश्व के विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें 80,000 से अधिक प्रतिनिधियों, सहित 140 से अधिक राष्ट्रपतियों और सरकारी नेताओं के साथ साथ इसमें पत्रकार, जलवायु विज्ञानी, व्यापारी और विभिन्न सामाजिक संघठन के लोग शामिल थे।
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