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कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार ने अपने पांच चुनावी वादों में से अंतिम वादा ‘युवा निधि‘ का शुभारंभ किया है। इस योजना के तहत, राज्य के बेरोजगार युवाओं को प्रति माह आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस अवसर पर, सिद्धारमैया ने केंद्र की भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया है।
सिद्धारमैया ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपना वादा नहीं निभाया है कि वो हर साल दो करोड़ रोजगार पैदा करेंगे। उन्होंने कहा कि अब तक 20 करोड़ रोजगार होने चाहिए थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने शब्दों का पालन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में मोदी जितना झूठा प्रधानमंत्री कभी नहीं रहा है।
सिद्धारमैया ने पूछा क्या मोदी एक वित्तीय विशेषज्ञ हैं? उन्होंने कहा कि मोदी ने एक भाषण में कहा था कि अगर राज्य में गारंटी योजनाएं लागू की जाएंगी तो राज्य दिवालिया हो जाएगा, लेकिन हमारा राज्य पांच योजनाओं के लागू होने के बाद भी वित्तीय रूप से स्थिर है।
आपको बता दे कि इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, कौशल विकास, उद्यमिता और आजीविका मंत्री शरण प्रकाश पटील, परिवहन मंत्री रामलिंगरेड्डी, ग्रामीण विकास मंत्री प्रियंका खर्गे, उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर, युवा सशक्तिकरण और खेल मंत्री नगेंद्र, एमएलसी यू बी वेंकटेश उपस्थित थे।
इसी कार्यक्रम में कर्नाटक के मंत्री शिवानंद पटील ने एक ऐसा बयान दे दिया जिसने विवाद पैदा कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य के किसान सूखे का इंतजार करते हैं ताकि उनके कर्ज माफ हो जाएं। इस पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा है कि ऐसी बेपरवाह टिप्पणियों से बचना चाहिए। किसान हमारे अन्नदाता हैं, उनके प्रति सम्मान से बोलना हमारा कर्तव्य है।
आपको बता दे कि इस बयान ने कर्नाटक में राजनीतिक घमासान मचा दिया है, जिसमें कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बहस हुई है। कांग्रेस ने शिवानंद पटील के बयान को अस्वीकार करते हुए कहा कि यह एक अनुभवहीन और असंवेदनशील मंत्री का बयान है, जिसने किसानों के दर्द को नहीं समझा है। कांग्रेस ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों को लोन माफी के साथ–साथ अन्य सुविधाएं भी दी हैं, जैसे कृषि बीमा, नीचे ब्याज दर, उर्वरक और बीज की आपूर्ति, सिंचाई और बिजली की व्यवस्था आदि।
वहीं, भाजपा ने शिवानंद पटील के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि वे किसानों की असली आवाज़ हैं, जो कांग्रेस की लोन माफी की नीति को नकारते हैं। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस की लोन माफी की योजना एक धोखा है, जिससे किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ है। भाजपा ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों के हित में काम करती है, और उन्हें आधुनिक तकनीक, उचित बाजार मूल्य, और वैकल्पिक आय के स्रोत प्रदान करती है।इस तरह, कर्नाटक में राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है, जिसमें कांग्रेस और भाजपा के बीच किसानों के मुद्दे पर एक जोरदार टक्कर का माहौल बना हुआ है। अब देखना यह होगा कि इन बयानों और बहसों का किसानों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है, या यह सिर्फ एक राजनीतिक तमाशा ही रह जाता है।
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