यह कहावत सही है कि राजस्थान की राजनीति लंबे समय से पुराने राजघरानों का घर रही है। देश को आजाद हुए कई दशक बीत चुके हैं बावजूद इसके इस राज्य के राजघरानें यहां की सियासत और सत्ता पर आज भी अपना मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं। राजस्थान के राजपरिवार अपने हितों के साधनों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं। यह सौ फीसदी सच है कि राजस्थान के राजपरिवार के लोग आजादी के बाद देश की प्रमुख पार्टियों जैसे जनसंघ या भाजपा, कांग्रेस आदि के साथ जुड़कर लोकसभा और विधानसभा के जरिए चुनाव जीतकर सियासत और सत्ता को मजबूती से पकड़े रखा।