Massive Scam in Bengal Municipal Jobs: Revelations from ED Raid

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नमस्कार, आप देख रहे है AIRR न्यूज। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे एक Bengal के मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के नेता सुजित बोस के घरों पर ED ने छापेमारी की है। यह छापेमारी एक नगरपालिका नौकरियों के घोटाले के संबंध में की गई है, जिसमें अनेक लोगों को अवैध तरीके से नौकरी दी गई है।-Bengal

आपको बता दे कि, इस घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ, जब ED ने 19 मार्च को कोलकाता के एक बिल्डर अयान शील को एक स्कूल नौकरियों के घोटाले में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया। ED का दावा है कि उन्होंने अयान के सॉल्ट लेक में ऑफिस में छापेमारी के दौरान कई नगरपालिकाओं में विभिन्न पदों के लिए आवेदकों के पेपर पाए गए थे।

इस घोटाले की जांच CBI और ED दोनों कर रहे हैं। इन दोनों एजेंसियों ने कोलकाता हाई कोर्ट को बताया है कि इस घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी का भी हाथ है, जिन्हें ED ने गिरफ्तार किया है।

इस घोटाले के पीछे कौन हैं?

 इसमें कितने लोग शामिल हैं? 

इसका राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है?

इन सभी सवालों के जवाब आपको मिलेंगे इस वीडियो में। तो चलिए शुरू करते हैं “Bengal Municipal Jobs का बड़ा घोटाला: ED की छापेमारी से खुलासे”

इस घोटाले का शुरुआती आधार एक याचिका था, जिसे 2017 में कोलकाता हाई कोर्ट में दायर किया गया था। इस याचिका में याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि उन्होंने 2016 में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (SLST) में भाग लिया था, जिसके माध्यम से राज्य-संचालित और राज्य-सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने अपने विषय में अच्छे अंक प्राप्त किए थे, लेकिन उन्हें मेरिट सूची में शामिल नहीं किया गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि कई ऐसे अभ्यर्थी थे, जिन्होंने कम अंक प्राप्त किए थे, लेकिन उन्हें मेरिट सूची में ऊपर रखा गया था।

इस याचिका के आधार पर, हाई कोर्ट ने CBI को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया। CBI ने अपनी जांच में पाया कि इस घोटाले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों, नियुक्ति समिति के सदस्यों और कुछ राजनीतिक नेताओं का भी इसमें हाथ है। CBI ने इस घोटाले के तहत लगभग 13,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षक कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द करने का आदेश दिया।

CBI ने अपनी जांच में यह भी पाया कि इस घोटाले में एक बिल्डर अयान शील का भी महत्वपूर्ण भूमिका है। अयान शील को ED ने एक अलग स्कूल नौकरियों के घोटाले में गिरफ्तार किया था, अयान शील पर आरोप है कि उन्होंने विभिन्न नगरपालिकाओं में शिक्षकों के पदों के लिए आवेदन करने वालों को झूठे आश्वासन देकर ठगा है। उन्होंने आवेदकों से रुपये लिए और उन्हें यह कहकर बेवकूफ बनाया कि वे उनके OMR शीट को बदलकर उन्हें चयनित करवा देंगे। ED का कहना है कि उन्होंने अयान के ऑफिस में छापेमारी के दौरान कई ऐसे OMR शीट पाए, जिनमें उत्तरों को बाद में बदला गया था। ED ने अयान को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करके गिरफ्तार किया है।

आपको बता दे कि, इस घोटाले के पीछे का दूसरा नाम पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी का है। CBI और ED ने दोनों ने उन्हें इस घोटाले का मुख्य षड्यंत्रकारी बताया है। उनका आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करके शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में दखल दिया और अपने चुने हुए लोगों को फायदा पहुंचाया। ED ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ चार्जशीट भी दायर की है। पार्थ चटर्जी ने इस घोटाले का इनकार किया है और कहा है कि वह नियुक्ति प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं निभाते थे। उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें राजनीतिक बदले के लिए फंसाया जा रहा है।

इस घोटाले का राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इस घोटाले के कारण, राज्य में कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो गई है। इससे बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ा है। इस घोटाले के खिलाफ शिक्षकों और आवेदकों के समूहों ने कई बार प्रदर्शन और हड़ताल की है। वे न्याय की मांग कर रहे हैं। वे कहते हैं कि उन्हें अपने हक के लिए लड़ना पड़ रहा है।

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