आज हम Lok Sabha Elections 2024 के पहले चरण की महत्वपूर्ण खबरों के साथ आपके सामने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतदाताओं से प्राप्त उत्कृष्ट प्रतिक्रिया पर प्रसन्नता व्यक्त की है, जो पूरे भारत में बीजेपी शासित एनडीए के समर्थन में वृद्धि का संकेत देती है। लेकिन क्या पहले चरण के मतदान प्रतिशत से Lok Sabha Elections 2024 में एनडीए की जीत का अनुमान लगाया जा सकता है?
या फिर पश्चिम बंगाल और मणिपुर में हुई हिंसा का चुनाव परिणामों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
और प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में इतनी लहर क्यों चल रही है?
सबके जेहन में उठ रहे इन्ही सब सवालो का जवाब लेकर हम आपके साथ है। नमस्कार आप देख रहे है AIRR न्यूज़।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “पहले चरण में शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है! आज मतदान करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद। आज के मतदान से बेहतरीन प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है। यह स्पष्ट है कि पूरे भारत में लोग एनडीए को रिकॉर्ड संख्या में वोट दे रहे हैं।”
आपको बता दे की चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, Lok Sabha Elections 2024 के पहले चरण में कुल 60.03 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 102 लोकसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ।
पश्चिम बंगाल और मणिपुर जैसे कुछ राज्यों से हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आईं, लेकिन कुल मिलाकर Lok Sabha Elections 2024 का पहला चरण शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।
पश्चिम बंगाल के कूचबिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी निर्वाचन क्षेत्रों में, जहां शुक्रवार को मतदान हुआ, कूचबिहार के चंदामारी इलाके में सुबह के समय पथराव की एक घटना हुई। इस झड़प में बीजेपी का एक बूथ कार्यकर्ता घायल हो गया।
मणिपुर, जहां पिछले साल से जातीय हिंसा जारी है, में शुक्रवार के मतदान के दौरान कम से कम एक मतदान केंद्र पर कब्जे का मामला सामने आया। खबरों के अनुसार, हथियारबंद लोगों ने इंफाल पूर्व के खोंगमान इलाके में एक मतदान केंद्र पर हमला किया, जहाँ उन्होंने फर्जी वोट डाले और एक वीवीपैट मशीन को नुकसान पहुंचाया।
इस बीच, छत्तीसगढ़ के बैहरमगढ़ में एक आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ का एक अधिकारी घायल हो गया। पुलिस के अनुसार, सहायक कमांडेंट मतदान ड्यूटी के सिलसिले में चिहका गांव के पास मौजूद थे जब विस्फोट हुआ। घायल अधिकारी को इलाज के लिए बैहरमगढ़ अस्पताल ले जाया गया।
हालाँकि पिछले चुनावो में 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकवादी हमले ने राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनाव का एक प्रमुख मुद्दा बना दिया और इसी को भाजपा की जीत का सबसे बड़ा कारक माना गया था। जिसके बाद हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद भारतीय वायु सेना ने पुलवामा हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी कैंपों पर हवाई हमले किए। इस हवाई हमले ने प्रधानमंत्री मोदी की छवि को एक मजबूत नेता के रूप में और मजबूत किया।
ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस चुनाव में एक प्रमुख कारक हैं। वह व्यक्तिगत रूप से बहुत लोकप्रिय हैं, और मतदाताओं के बीच उनकी स्वच्छ छवि है।
इसके उलट राहुल गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्ष के मुख्य उम्मीदवार हैं। वह देश की बेरोजगारी समस्या और किसानों की दुर्दशा जैसे मुद्दों पर मोदी सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
बाकि Lok Sabha Elections 2024 के पहले चरण का मतदान रिकॉर्ड मतदान प्रतिशत और पूरे भारत में मतदाताओं के बीच उत्साह का संकेत देता है। प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत रूप से लोकप्रिय बने हुए हैं, और एनडीए उनके नेतृत्व में एक मजबूत अभियान चला रही है।
हालाँकि, विपक्षी दल भी क्षेत्रीय गठबंधनों के माध्यम से एकजुट होकर चुनौती दे रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास जैसे प्रमुख मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला कर रहे हैं।
पहले चरण में कुछ हिंसा की घटनाएं हुई हैं, जिसने चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। इससे मतदाताओं के मन में मतदान के प्रति अनिच्छा पैदा हो सकती है और मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है।
वैसे पहले चरण का मतदान प्रतिशत आम तौर पर पूरे चुनाव के परिणामों का संकेत देता है। 60.03% का मतदान प्रतिशत एनडीए के लिए अनुकूल माना जा सकता है।
हालाँकि, विपक्षी गठबंधन भी मजबूत हैं, खासकर तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में। ये गठबंधन एनडीए की कुछ सीटें छीन सकते हैं।
पहले चरण में हुई हिंसा की घटनाओं का भी चुनाव परिणाम पर प्रभाव पड़ सकता है। कुछ मतदाता हिंसा के डर से मतदान करने से बच सकते हैं। इससे विपक्षी दलों को लाभ हो सकता है, जो ध्रुवीकरण और डर की राजनीति का आरोप लगाकर एनडीए को लक्षित कर रहे हैं।
अगर पिछले रिकॉर्ड देखे तो 2014 के Lok Sabha Elections 2024 में, पहले चरण में 67% मतदान हुआ और एनडीए ने 336 सीटें जीतीं।
वही 2019 के Lok Sabha Elections 2024 में, पहले चरण में 66% मतदान हुआ और एनडीए ने 303 सीटें जीतीं।
ऐसे में जब पहले चरण में हुए मतदान में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत तमिलनाडु (73.98%) में दर्ज किया गया, जबकि सबसे कम मतदान प्रतिशत बिहार (53.84%) में दर्ज किया गया तो इसके मायने यही लग रहे है की भाजपा को इससे बढ़त मिल रही है।
तो इस तरह हमने जाना की पहले चरण का मतदान एनडीए और विपक्षी गठबंधनों दोनों के लिए मिला-जुला संकेत देता है। जबकि एनडीए को उच्च मतदान प्रतिशत से लाभ हो सकता है, विपक्षी दलों के एकजुट होने और पहले चरण में हिंसा की घटनाओं से उनके जीतने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। अंततः, चुनाव परिणाम कई कारकों पर निर्भर करेंगे, जिनमें चुनावी मुद्दों पर मतदाताओं की धारणा, क्षेत्रीय गठबंधन और समग्र राजनीतिक माहौल शामिल हैं।
नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
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