MP Election: Kamal Nath faces tough challenge from BJP in Chhindwara
छिंदवाड़ा में Kamal Nath को बीजेपी से कड़ी चुनौती मिल रही है
मध्य प्रदेश में एक बार फिर से कांग्रेस सत्ता पाने की कोशिश में लगी हुई है लेकिन कांग्रेस के लिए ये राह इतनी भी आसान नहीं है. कमलनाथ को उनके अपने गृहक्षेत्र छिंदवाड़ा में बीजेपी से कड़ी चुनौती मिलती दिख रही है. 76 साल के कमलनाथ फिलहाल छिंदवाड़ा से विधायक हैं. वह खुद को कट्टर हनुमान भक्त बताते हैं, अभ उनका मुकाबला अपने ही गृहनगर में बीजेपी उम्मीदवार विवेक बंटी साहू से है, जो खुद को शिव भक्त बताते है. साल 2018 के विधानसभा चुनावों में भी दोनों आमने-सामने थे. उस समय कमलनाथ ने विवेक साहू को 25,837 वोटों के अंतर से हरा दिया था.बीजेपी ने विवेक साहू को एक बार फिर से उम्मीदवार बनाकर छिंदवाड़ा सीट से कमलनाथ के सामने उतारा है. वहीं विवेक साहू अपनी पिछली हार का बदला लेने की पूरी कोशिश कमलनाथ से करने के मूड में हैं. बीजेपी उम्मीदवार विवेक साहू छिंदवाड़ा जिले के बीजेपी युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष हैं. वह स्टार निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता प्रोफ़ाइल और जाति संयोजन से अच्छी तरह परिचित हैं. वहीं बीजेपी कमलनाथ के हाथ से छिंदवाड़ा सीट छोड़ने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है. इस बात की पूरी संभावना है कि अगर कांग्रेस एक बार फिर से मध्य प्रदेश में सत्ता में लौटती है तो कमलनाथ ही सीएम बनेंगे. वह साल 2020 में भी चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि सत्ता संकट की वजह से उनको अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी. छह महीने पहले बीजेपी ने गाड़ी पर दूरबीन रखकर एक अभियान चलाया था, जिसमें कहा गया था कि वह पिछला चुनाव जीतने के बाद छिंदवाड़ा से गायब कमलनाथ की तलाश कर रहे हैं.अपने अभियान के माध्यम से, बीजेपी ने यह बात घर-घर में पहुंचाने की कोशिश की कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अपने निर्वाचन क्षेत्र में काम नहीं कर रहे हैं. कई लोगों का मानना है कि बीजेपी के इस कदम का मकसद छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से कमलनाथ को हराना है. इस सीट पर 1957 के बाद से कांग्रेस 13 बार जीत चुकी है तो वहीं बीजेपी को सिर्फ तीन बार ही जीत नसीब हुई है. बीजेपी इस चुनाव कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने के पूरे मूड में है. दोनों ही दल मतदाताओं को लुभाने के लिए अपनी धार्मिकता का प्रदर्शन करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं.कुछ साल पहले छिंदवाड़ा में 102 फीट से ज्यादा ऊंची हनुमान मूर्ति स्थापित करवाने वाले कमलनाथ खुद को ‘संकटमोचक’ के भक्त बताने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं. वहीं बीजेपी प्रत्याशी विवेक साहू भी भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति दिखाने में पीछे नहीं हैं. उन्होंने इस साल छिंदवाड़ा में भगवान शिव की 84 फुट ऊंची मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कराई है. उन्होंने अपने चुनाव अभियान की शुरुआत कमलनाथ की तरह ही पूजा-अर्चना से की. कमलनाथ हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले धीरेंद्र शास्त्री की मेजबानी कर चुके हैं साथ ही वह पंडित प्रदीप मिश्रा की भी मेजबानी कर चुके हैं. उनके इस कदम पर कांग्रेस के एक धड़े ने नाराजगी भी जताई थी.फिलहाल शिव भक्त और हनुमान भक्त आमने सामने है देखना होगा किसकी जीत होती है। आपको क्या लगता है शिव जी और हनुमान जी में किसकी जीत होगी अपनी राय कमेंट सेक्शन में ज़रूर दें
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