Why is peace-loving country Japan increasing its arsenal?

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Why is peace-loving country Japan increasing its arsenal?

शांतिपसंद देश जापान क्यों बढ़ा रहा है हथियारों का जखीरा?

दुनिया विश्वयुद्ध के मुहाने पर खड़ी है…. हथियारों की होड़ में सभी देश बारुद के पहाड़ बनाने में जुटे है…किसी भी वक्त एक चिंगारी तबाही ला सकती है…20 महीने से जारी यूक्रेन जंग के बीच दुनिया का सबसे शांतिप्रिय देश जापान लगातार अपना रक्षा बजट बढ़ा रहा है…दुनिया का सबसे शांति पसंद देश बारूदी खेल की तैयारी क्यों कर रहा है…आज हम आपको विस्तार से बताएंगे…

परमाणु बम की विभीषिका झेल चुके जापान के दो बड़े दुश्मन हैं…इसीलिए वो अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गया है…चीन के साथ बिगड़ते रिश्ते और नार्थ कोरिया के दोहरे खतरे से निपटने की तैयारी में जापान जुट गया है…जापान ने 2024 वित्त वर्ष के लिए रिकॉर्ड 52.67 अरब डॉलर के रक्षा बजट का प्रस्ताव रखा है…जो जापान के इतिहास में सबसे बड़ा रक्षा बजट है…

जापान ने वित्तीय वर्ष 2024 के लिए 7.7 ट्रिलियन येन की मांग की है…यह पिछले साल के 6.8 ट्रिलियन येन के बजट से एक ट्रिलयन येन ज्यादा है…लगातार दूसरे साल रक्षा बजट में एक ट्रिलियन का इजाफा किया है…जापान के डिफेंस बजट में युद्धपोत और हथियारों पर 900 अरब का खर्च किया जाएगा…जिसमें पानी के जहाजों में एयर डिफेंस मिसाइल तक शामिल हैं…इसके अलावा 600 अरब येन का लॉजिस्टिक पर खर्च होगा…17 अरब येन को तीन सैन्य जहाजों, 17 मालवाहक हेलीकॉप्टर पर खर्च होंगे

दुश्मनों से निपटने के लिए जापान हाइपरसोनिक हथियारों का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर इंटरसेप्टर मिसाइल भी विकसित करेगा….जिसके लिए उसने 75 अरब येन खर्च करने की योजना बनाई है…वहीं 64 अरब येन से ब्रिटेन और इटली के साथ अगली पीढ़ी के फाइटर जेट बनाने खर्च किए जाएंगे…चीन ने अपने पड़ोसी मुल्क ताइवान के खिलाफ आक्रामक रवैया अपना रखा है… जो कि जापान से ज्यादा दूर नहीं…चीन और जापान के बीच फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट के पानी को छोड़ने को लेकर विवाद चल रहा है…पार्सेल द्वीपों को लेकर भी चीन और जापान भिड़े हुए हैं…

2027 तक हथियारों पर खर्च के मामले में जापान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन जाएगा…रक्षा क्षेत्र में 200 स्टार्टअप को भी मंजूरी दी गई ताकि दुश्मनों को तबाह करने के लिए गोला बारुद की कोई कमी ना हो…डिफेंस को लेकर  खजाने खोलने वाले जापान के लिए वेस्टर्न आर्म्स सप्लायर को भी अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करना पड़ा….वो अपने एशियाई हेडक्वार्टर सिंगापुर और इंडोनेशिया से हटाकर जापान शिफ्ट कर रहे हैं….यही वेस्टर्न आर्म्स सप्लायर जापान की डील अमेरिका, ब्रिटेन और इटली से कराएगी….

Japan की सरकार ही नहीं वहा के लोग भी ड्रैगन को लेकर अलर्ट है…90 फीसदी जापानी मानते हैं कि उनके देश को चीन के हमला करने की स्थिति के लिए तैयारी करनी चाहिए…40 फीसदी लोग तो हमला का जवाब देने के लिए कानून और संविधान तक में संशोधन करने की मांग करते है…Japan का रक्षा बजट इस साल उसकी GDP का दो फीसदी बढ़ा है…दुनिया के लिए यह चिंता की बात हो सकती है…द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान परमाणु हमला झेलने वाले देश ने सैन्य खर्च ना करते हुए एक अलग रक्षा नीति बनाई थी जो अब पूरी तरह से बदलने वाली है जिसका कारण और कोई नहीं बल्कि चीन है…

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