हैसियत और अर्थव्यवस्था का दिवाला निकला तो घुटनों पर आ गया पाकिस्तान…पेट में भूख की आग भड़की तो औकात में आ गया पाकिस्तान…भीख के कटोरे में जब च्वन्नी भी नसीब नहीं हो पा रही…तो अब अदावत छोड़ हिंदुस्तान से दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है पाकिस्तान..महंगाई ने सारे रिकॉर्ड्स तोड़े तो अब भारत से व्यापार के लिए गिड़गिड़ाने लगा पाकिस्तान…-india vs pakistan
दरअसल पाकिस्तान एक बार फिर भारत के साथ व्यापार शुरू करना चाहता है…बंद दरवाजों को फिर से खोलना चाहता है…दरअसल पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत से व्यापार शुरू करने की इच्छा जताई है…2019 में भारत ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था तब से ही पाकिस्तान में उस वक्त की इमरान खान सरकार ने भारत से व्यापार बंद किया था…उससे पहले 2019 में भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का स्टेटस ले लिया और पाकिस्तानी इंपोर्ट पर टैरिफ 200 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था…भारत ने ये कदम पुलवामा हमले के बाद उठाया था…लेकिन अब हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच व्यापार बंद होने से पाकिस्तानियों का हुक्का-पानी भी बंद हो गया है…ना वो भारत के साथ व्यापार कर पा रहे हैं और ना ही खाने को रोटी जुटा पा रहे हैं…इसलिए अब कोई चारा नहीं देख घुटनों पर पाक के हुक्मरान और अवाम दोनों आ गई है लेकिन क्या भारत पाकिस्तान को तवज्जो देगा.. -india vs pakistan
पाकिस्तान मूल के अमेरिकी नागिरक और अमेरिका के डेलावेयर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर मुक्तदर खान ने ये बात यूं ही नहीं कही है…हिंदुस्तान बराबर ये कहता रहा है कि आतंक को पालना आतंक की वकालत करना और भारत में आतंकियों की घुसपैठ कराना पाकिस्तान का मुख्य उद्देश्य है…ये बात कुछ दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कही थी…-india vs pakistan
इसलिए फिलहाल भारत तो कम से कम पाकिस्तान से व्यापार क्या किसी भी तरह के संबंध को कायम नहीं रखना चाहेगा… लेकिन यहां सवाल ये उठता है कि क्या पाकिस्तान में सरकार बदलने की वजह से वहां की नीतियां बदली हैं…क्योंकि इमरान खान ने व्यापार बंद किया था या फिर परिस्थितियों की वजह से पाकिस्तान ने पैंतरा बदला है…इसे समझना जरूरी है…
हिंदुस्तान-पाकिस्तान व्यापार की बात करे तो…पाकिस्तान हमसे कपास, ऑर्गेनिक केमिकल, प्लास्टिक, न्यूक्लियर रिएक्टर, बॉयलर्स, मशीनरी, मैकेनिकल, डिवाइस जैसी चीजे इंपोर्ट करता है.. जबकि भारत पाकिस्तान से फल, सूखे मेवे, नमक, सल्फर, कई तरह की धातुएं और चमड़ा मंगाती है…हालांकि कि कोविड के दौर में व्यापार बंद होने के बावजूद पाकिस्तान भारत से दवाएं मंगाता रहा.. लेकिन आज की तारीख में वाघा-अटारी बॉर्डर और कराची बंदरगाह से होने वाला व्यापार ना के बराबर है..
पाकिस्तान हमसे सबसे ज्यादा कॉटन लिया करता था…अब वो इसके लिए ब्राजील और अमेरिका पर निर्भर है…लंबे रास्ते से आने वाले इन उत्पादों पर समय के साथ पैसे भी काफी खर्च हो रहे हैं…फिलहाल पाकिस्तान जिस आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है, दूरदराज के देशों से आयात उसपर और भारी पड़ रहा है…तभी वो हिन्दुस्तान की तरफ मदद की आस लगाए देख रहा है…
घाटी से अनुच्छेद 370 खत्म होने पर पाकिस्तान को ऐसा सदमा लगा कि वो भुखमरी की कगार पर आ गया..
क्या पाकिस्तान की भुखमरी भारत ही दूर करेगा?
पाकिस्तान अपने ही बुने जाल से कैसे बाहर आएगा?