भारतीय जवानों की ताकत बढ़ाएंगे नए हथियार-India – Pakistan war news update
Igla और VSHORADS ने बढ़ाई ताकत
चीन-Pakistan की सीमा पर तैनाती
दोनों हथियारों की रेंज शानदार
चीन और Pakistan की सीमा पर भारतीय जवानों को अब दो ताकतवर और हैंडी हथियार मिलने वाले हैं. यानी इन्हें चलाना बेहद आसान होगा. इनसे कम दूरी के हवाई खतरों को खत्म किया जा सकता है. ये हैं कंधे से दागी जाने वाली Igla मिसाइल और दूसरी है स्वदेशी VSHORADS. सेना दोनों सीमाओं पर 3000 मिसाइलों के साथ 500 लॉन्चर्स तैनात करेगी… चीन और Pakistan की सीमा पर हवाई खतरों और हमलों को आसमान में ही खत्म करने के लिए भारतीय सेना ने नई तैयारी कर ली है. सेना ने 6800 करोड़ रुपए से दो हथियार प्रणाली को एक्वायर करने का फैसला किया है. सेना 500 से ज्यादा लॉन्चर्स के साथ दोनों सीमाओं पर 3000 हजार से ज्यादा मिसाइलों को तैनात करेगी. इनमें दो तरह की मिसाइलें होंगी… -India – Pakistan war news update
पहली कंधे से दागी जाने वाली मैन पोर्टेबल Igla-S मिसाइल. इसे रूस के साथ समझौते के तहत लाइसेंस लेकर भारत में ही बनाया जाता है. दूसरी है VSHORAD मिसाइल. यह स्वदेशी मिसाइल सिस्टम है. दोनों ही कम दूरी की रेंज के लिए उपयुक्त हथियार प्रणाली है. इन मिसाइलों से दुश्मन के ड्रोन, हेलिकॉप्टर, फाइटर जेट्स, मिसाइलों को ढेर किया जा सकता है. Igla का पुराना वर्जन 1989 में सेना में शामिल हुआ था. उसका नया वर्जन अब शामिल हो रहा है. इस बार जो इग्ला मिसाइल है वह लेजर गाइडेड होगी.-India – Pakistan war news update
हैदराबाद और पुणे की कंपनी इस मिसाइल सिस्टम के 200 लॉन्चर्स और 1200 मिसाइलें सेना और वायुसेना के बनाकर देंगी. इसमें से 700 वायुसेना के पास होंगी. बाकी लॉन्चर्स और मिसाइलें नेक्स्ट फेज में मिलेंगी. अब समझते हैं दोनों हथियारों की ताकत… आपको बता दें कि इग्ला-एस एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल का वजन 10.8 Kg है. जबकि पूरे सिस्टम का वजन 18 kg. सिस्टम की लंबाई 5.16 फीट होती है. व्यास 72 मिलिमीटर. इस मिसाइल की नोक पर 1.17 kg वजन का विस्फोटक लगाते हैं. Igla-S की रेंज 5 से 6 km है. अधिकतम 11 हजार फीट तक जा सकती है.. ये मिसाइल 2266 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टारगेट की तरफ बढ़ती है.
यानी दुश्मन को बचने का मौका कम ही मिलता है. नई इग्ला-एस हैंड-हेल्ड एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल भारतीय सेना में शामिल पुरानी इग्ला मिसाइल को बदलेगी. वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम को चीन और Pakistan सीमा पर तैनात किया जाना है. इसके कई सफल परीक्षण हो चुके हैं. ये एयर डिफेंस सिस्टम रूस के S-400 जैसा है… अभी तक इसे जमीन पर रखे मैन पोर्टेबल लॉन्चर से दागा जाता था..
अब इस लॉन्चर को ट्रक, बख्तरबंद वाहन, टैंक आदि पर भी लगा सकते हैं. इससे विमान, फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर, मिसाइल या ड्रोन को मार गिराया जा सकता है. इसे बनाने में डीआरडीओ की मदद हैदराबाद स्थित रिसर्च सेंटर ने की है. इस मिसाइल में कई तरह की नई आधुनिक तकनीकें लगी हैं.. जैसे- ड्यूल बैंड IIR सीकर, मिनिएचर रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम, इंटीग्रेटेड एवियोनिक्स.. आपको बता दें कि इसका प्रोपल्शन सिस्टम ड्यूल थ्रस्ट सॉलिड मोटर है, जो इसे तेज गति प्रदान करता है. इस मिसाइल का इस्तेमाल भारतीय सेनाएं एंटी-एयरक्राफ्ट वॉरफेयर में कर सकती हैं. इसका वजन 20.5 किलोग्राम है.
इसकी लंबाई करीब 6.7 फीट है और व्यास 3.5 इंच. यह अपने साथ 2 kg वजन का हथियार ले जा सकता है…इसकी रेंज 250 मीटर से 6 किलोमीटर है. अधिकतम 11,500 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. अधिकतम गति मैक 1.5 है. यानी 1800 किमी प्रतिघंटा. इससे पहले इसकी टेस्टिंग पिछले साल मार्च और 2022 में 27 सितंबर को की गई थी.. यानि इस दोनों हथियारों से दुश्मन के सिस्टम और हौसले दोनों को मार गिराया जा सकता है..