India joins US-led mineral club of 14 countries, expected to boost EV, electronics
अमेरिका के नेतृत्व वाले 14 देशों के mineral क्लब में शामिल हुआ भारत, ईवी, इलेक्ट्रॉनिक्स को बढ़ावा मिलने की उम्मीद
बता दें कि अमेरिकी नेतृत्व वाले 14 देशों के mineral सुरक्षा भागीदारी/ मिनरल सिक्योरिटी पार्टनरशिप यानि MSP समूह में भारत को भी शामिल किया गया है। इस मिनरल क्लब का मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण mineral आपूर्ति श्रृंखलाओं में सार्वजनिक और निजी निवेश को बढ़ावा देना है।
भारत-अमेरिका के संयुक्त बयान शुक्रवार सुबह जारी किए गए जिसमें दोनों देशों की सरकारों के इरादे को दोहराया गया कि हम मिलकर काम करने के लिए यह सुनिश्चित करें कि हमारे संबंधित बाजारों को आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों की बेहतरीन सप्लाई हो। इसी के साथ द्विपक्षीय सहयोग में तेजी लाने की पुष्टि की गई। महत्वपूर्ण mineral आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने के लिए एमएसपी समूह में भारत का स्वागत किया गया।
संयुक्त बयान में यह भी कहा गया कि पर्यावरण, सामाजिक और शासन मानकों सहित एमएसपी के सिद्धांतों पर सहमति व्यक्त करते हुए वैश्विक स्तर पर विविध और टिकाऊ महत्वपूर्ण ऊर्जा खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं के विकास में तेजी लाने के लिए अमेरिका एमएसपी में नए पार्टनर के रूप में भारत का उत्साहपूर्वक स्वागत करता है।
भारत सरकार एक महत्वाकांक्षी बदलाव के लिए सार्वजनिक और निजी परिवहन के एक बड़े हिस्से को इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित करने के उद्देश्य से काम कर रही है। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और सेमीकंडक्टर उद्योग के साथ-साथ महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति को सुरक्षित करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
सरकार के काफी प्रयासों के बाद अमेरिकी नेतृत्व वाले मिनरल सिक्योरिटी पार्टनरशिप समूह में भारत को शामिल किया गया है। केंद्र सरकार के कुछ वर्गों के भीतर काफी बेचैनी थी, जिसका उद्देश्य सुरक्षा के लिए चीन पर निर्भरता को कम करना भी है।
बताया जा रहा है कि एमएसपी ने लगभग 150 परियोजनाओं पर सहयोगात्मक कार्य की संभावना पर विचार किया है और एक दर्जन परियोजनाओं को शॉर्टलिस्ट किया है, जहां सदस्यों के काम शुरू करने की संभावना है। एमएसपी के तहत बैटरी सामग्री विकसित करना तथा दक्षिण अमेरिका में खनिज प्रसंस्करण की सुविधा विकसित करना शामिल है।
आधिकारिक सूत्रों ने संकेत दिया कि एक तरफ जहां समूह में शामिल होने के लिए भारत में गहरी रुचि थी, वहीं सरकार के कुछ वर्गों में सदस्यता के लिए साइन अप करने वालों की ओर से कुछ सौदेबाजी को लेकर भी बहस चल रही थी। अमेरिका के अलावा, एमएसपी में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कोरिया गणराज्य, स्वीडन, यूके, यूरोपीय आयोग, इटली और अब भारत शामिल हैं।
अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि एमएसपी समूह कोबाल्ट, निकल, लिथियम और 17 दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति श्रृंखलाओं पर ध्यान केंद्रित कर सकता हैं। यह बात आप भी जानते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग की जाने वाली बैटरियों के लिए कोबाल्ट, निकल और लिथियम की आवश्यकता होती है। यहां तककि सेमीकंडक्टर और उच्च.स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में खनिज की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
चीन इस क्षेत्र में एक मजबूत खिलाड़ी है और उसने दुर्लभ पृथ्वी खनिजों में प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है और कोबाल्ट जैसे तत्वों की सोर्सिंग के लिए अफ्रीका में खदानों का अधिग्रहण किया है।
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