भारत Artemis समझौते में शामिल हुआ: अंतरिक्ष सहयोग की नई सीमाओं का अनावरण
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने United States की यात्रा के दौरान Artemis Accords में शामिल होने की घोषणा की।
§ National Aeronautics and Space Administration (NASA) and Indian Space Research Organisation (ISRO) ह्यूस्टन, टेक्सास के जॉनसन स्पेस सेंटर से प्रशिक्षित भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को वर्ष 2024 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में भेजने के लिये एक साथ कार्य करेंगे।
What are Artemis Accords?
o Artemis Accords U.S. State Department aur NASAद्वारा सात अन्य संस्थापक सदस्यों- Australia, Canada, Italy, Japan, Luxembourg, the United Arab Emirates, and the United Kingdom के साथ वर्ष 2020 में civil exploration को नियंत्रित करने तथा शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये outer space, the moon, Mars, comets, and asteroids के उपयोग के लिये सामान्य सिद्धांत स्थापित किये गए हैं।
o यह Outer Space Treaty of 1967 की नींव पर आधारित है।
· Outer Space Treaty अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून की नींव के रूप में कार्य करती है जो संयुक्त राष्ट्र के तहत एक multilateral pact है।
· यह treaty space को मानवता के लिये साझा संसाधन के रूप में महत्त्व देती है, national appropriation पर रोक लगाती है और अंतरिक्ष के peaceful उपयोग को प्रोत्साहित करती है।
o Signatory Countries
o भारत nonbinding Artemis Accords पर हस्ताक्षर करने वाला 27वाँ देश बन गया।
Commitments under the Accords:
o Peaceful Purposes: signatories अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये अंतरिक्ष गतिविधियों का संचालन करने हेतु सरकारों या एजेंसियों के बीच समझौता ज्ञापन (MOU) को लागू करेंगे।
o Common Infrastructure: हस्ताक्षरकर्ता वैज्ञानिक खोज और वाणिज्यिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिये साझा अन्वेषण बुनियादी ढाँचे के महत्त्व को स्वीकार करते हैं।
o Registration and Data Sharing: Relevant space objects का पंजीकरण और वैज्ञानिक डेटा को समय पर साझा करना। जब तक signatory की ओर से कार्य नहीं किया जाता तब तक निजी क्षेत्रों को छूट है।
o Preservation of Heritage: Signatories से historic landing sites, artifacts, and evidence पर गतिविधि के साक्ष्य को संरक्षित करने की उम्मीद की जाती है।
भारत के लिये समझौते से संबंधित लाभ और चुनौतियाँ:
§ लाभ:
o Artemis Accords में भारत की भागीदारी भारत को उन्नत प्रशिक्षण, तकनीकी प्रगति और वैज्ञानिक अवसरों तक पहुँच की सुविधा प्रदान करती है।
o चंद्रयान-3 मिशन जैसे अपने lunar exploration goals को आगे बढ़ाने में Artemis programme भारत के लिये लाभदायक हो सकता है।
o नासा के साथ सहयोग से Gaganyaan human mission और future ambitious space missions के लिये भारत की क्षमता में सुधार होगा।
o साथ ही भारत के cost-effective missions and innovative approach से Artemis program को भी लाभ होगा जिससे space exploration में पारस्परिक प्रगति को बढ़ावा मिलेगा।
§ चुनौतियाँ:
o China and Russia जैसी प्रमुख अंतरिक्ष शक्तियों (जिनके पास lunar exploration की अपनी योजनाएँ हैं) के खिलाफ अमेरिका के साथ गठबंधन के रूप में देखे जाने की संभावना।
o Artemis Accords की legal status and implications को लेकर अनिश्चितता, खासकर उस प्रावधान के संबंध में जिससे चंद्रमा तथा other celestial bodies पर unregulated mining की अनुमति मिलती है।
o किसी भी वर्तमान अथवा भविष्य के multilateral frameworks के तहत इसकी commitments और Artemis Accords के बीच संतुलन बनाए रखने की अनिवार्यता।
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