NSG Squad के वो कमांडों जो ‘सूंघ’ लेते हैं हर खतरा…G20 आयोजन में लगी है ड्यूटी
इंडिया में पहली बार इतने बड़े स्तर पर हो रहे G20 सम्मेलन के लिए दिल्ली में कई स्तर की सुरक्षा व्यवस्था की गई है…विदेशी मेहमानों की सुरक्षा में दिल्ली पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स समेत NSG Squad कमांडो को भी तैनात किया गया है…
G20 सम्मेलन के आयोजन स्थलों पर एक खास तरह की ब्रिगेड भी ड्यूटी पर होगी…इस ब्रिगेड के सैनिक चार पैरों पर चलते हैं…ये सूंघकर किसी भी खतरे का पता लगा लेते हैं…NSG की यह खास स्क्वॉड डॉग्स की है…इन्हें ऐसे ट्रेंड किया जाता है कि ये छुपे विस्फोटकों का आसानी से पता लगा लेते हैं…इस वीडियो में NSG की इसी खास स्क्वॉड की खासियतों पर बात करेंगे…
दिल्ली में होने वाले G20 के आयोजन स्थलों पर NSG की इस खास स्क्वॉड के 20 स्पेशल ट्रेंन्ड सिक्योरिटी मेंबर्स ड्यूटी पर रहेंगे…राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के खास K-9 दस्ते के ये चार पैर वाले सैनिक हैं…G20 के आयोजन स्थलों पर करण, गूगल, जोरो और उनके सहयोगी विशेष उपकरणों से सुसज्जित होंगे…इन उपकरणों में नाइट विजन ग्लास, क्यूटली डॉगल्स, वॉकी टॉकी तक शामिल हैं…ये छिपे विस्फोटकों को सूंघ लेते हैं….एक इशारा पाकर दुश्मन को चीर डालते हैं…इसीलिए इस भव्य आयोजन के मौके पर इनकी तैनाती की गई है…
डॉग यूनिट की ड्यूटी राजघाट, ITPO और पूसा परिसर जैसे प्रमुख स्थानों पर लगी है…इसके अलावा यह यूनिट हाउस इंटरवेंशन टीमों के साथ भी मोर्चा संभालेगी…इस यूनिट में लैब्राडोर, जर्मन शेफर्ड, बेल्जियन मैलिनोइस और कॉकर स्पैनियल जैसी नस्ल के कुत्ते हैं….ये NSG कमांडों के साथ हर कदम रहने के लिए सुबह 4 बजे से ट्रेनिंग में जुट जाते हैं…जवानों की तरह इनकी दिनचर्या भी बेहद कठिन होती है…इन्हें शहरी इलाकों में नेविगेट करना सिखाया गया है…विस्फोटकों को सूंघ लेने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है…खास बात ये कि G20 आयोजन स्थलों को सुरक्षित करने के लिए LED लाइट-गाइडेड निर्देशों के लिए भी इन्हें प्रशिक्षित किया गया है…
NSG की इस खास स्क्वॉड को ‘जैमिंग टेक्नोलॉजी’ में भी ट्रेंड किया गया है…इससे इम्प्रोवाइज्ड विस्फोटक उपकरणों का पता लगाया जाता है…डॉग्स जो भी उपकरण ले जाएंगे उनका अपना एन्क्रिप्टेड नेटवर्क होगा…IED का पता लगने पर डॉग को उस स्थान पर भेजा जाएगा…डिवाइस से उत्सर्जित होने वाले संकेतों को रोकने के लिए एक जैमर छोड़ा जाएगा…ये डॉग्स संदिग्धों से राइफल और हथियार भी छीन सकते हैं…उन्हें हैंडलर तक ले जा सकते हैं…यह बंधक स्थितियों में उपयोगी होगा…यानि कुल मिलाकर ये कि ये डॉग्स एक ट्रेंड कमांडो की तरह काम करते हैं और सुरक्षा के हर घेरे को और मजबूत करते हैं…
आतंकी खतरों की बदलती शक्ल को देखते हुए NSG ने अपनी डॉग यूनिटों की बम-डिटेक्शन स्किल को बेहतर बनाने के लिए कई पहल शुरू की है…पिछले साल K-9 के मेंबर्स ने कई घरेलू और नई विस्फोटक सामग्रियों के साथ ट्रेनिंग ली है… इसके अलावा ये ऊंचाई पर स्थित वस्तुओं के अलावा छिपी हुई और गहराई में दबी वस्तुओं का पता लगा सकते हैं…इनके चलते दुश्मन हमारी तरफ नज़र उठाकर देख भी नहीं सकता…
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