Government Withdraws Controversial TRP Manipulation Case Against Republic TV
सरकार ने Republic TV के खिलाफ विवादास्पद टीआरपी हेरफेर मामला वापस ले लिया
काफी समय से विवादास्पद TRP मामले में , जिसमें अपने चैनल की छवि को बेहतर दिखाने के लिए फर्जी तरीके से TRP बढ़ाने वाले मामले के आरोप में अर्नब गोस्वामी द्वारा नेतृत्वित Republic TV को मुंबई पुलिस ने आरोपित किया था , उसे अब सरकार वापस ले रही है। हाल ही में दिए आदेशों के आधार पर, मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के वकील ने एस्प्लेनेड कोर्ट के सामने यह मामला वापस लेने के लिए एक आवेदन दायर किया है, क्योंकि उन्हें इस मामले में अब ऐसा कोई सुराग नहीं मिला जिसके आधार पर कहा जा सके की चैनल ने नियमो का उल्लंघन माना जा सके।
आपको बता दे कि, इस आवेदन को भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 321 के तहत स्थानांतरित किया जा रहा है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस मामले में कहा कि , “मौजूदा समय में सरकार के आदेशों के आधार पर, पूरे मामले को वापस लेने के लिए जो आवेदन कोर्ट के सामने पेश किया गया है। वो तभी भेजा जा सकता है जब सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि आरोपित अपराध भारतीय दण्ड संहिता के दायरे में नहीं आ रहा है और जो अपराध प्रारम्भिक दृष्टि में गंभीर दोष दिखाई दिया हो, तो सरकार के पास शक्ति होती है कि वो ऐसे केस में निर्णय ले सकती है और आरोपों से मुक्ति के लिए आवेदन कर सकती है। “
मुंबई पुलिस के इस अधिकारी ने आगे बताया “अब यह कोर्ट के विवेक पर है कि वह इस आवेदन को स्वीकार करता है या खारिज करता है। यदि कोर्ट को मामले की वापसी में गंभीर उल्लंघन का पता चलता है तो वह आवेदन को खारिज करेगा और मुकदमे की कार्रवाई को आगे जारी करेगा।
एक अन्य स्रोत के अनुसार, राज्य सरकार ने महा विकास आघाड़ी शासनकाल के दौरान पंजीकृत TRP छेड़छाड़ के बहुत चर्चित मामले की जांच कर रही है।
आपको बता दे कि ,TRP मामले की जांच को मुंबई पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे कि अगुवाई में की गयी थी , उनपे भी आरोप है की वे तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के निकट सहयोगी थे इसी वजह से वाजे और सिंह बाद में विवादों में फंस गए। कहा जाता था कि गोस्वामी को महा विकास आघाड़ी ने निशाना बनाया था क्योंकि वह सरकार के खिलाफ खबरे चला रहा था जो तथ्यों पर आधारित नहीं थीं।
इसके अलावा महा विकास आघाड़ी के कई प्रवक्ताओं ने कहा था कि गोस्वामी बीजेपी की ओर से महा विकास आघाड़ी की छवि को बदनाम करने के लिए एक एजेंडा चला रहा था। अक्टूबर 2020 में, सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसमें उन्होंने दावा किया कि TRP रेटिंग गोस्वामी द्वारा सिरमौरी न्यूज़ चैनल सहित अग्रणी न्यूज़ चैनलों द्वारा मानिपुलेट की जा रही हैं। हालांकि, Republic TV को FIR में एक आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया था। सिंह द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में नामित अन्य चैनल थे बॉक्स सिनेमा और फक्त मराठी।
आगे सिंह ने दावा किया कि चैनलों ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के CEO पार्थो दासगुप्ता को घूस देकर TRP को मानिपुलेट किया। इसके बाद, मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच ने गोस्वामी सहित 13 आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और सबूतों के नष्ट करने के विभिन्न धाराओं के तहत दो पूरक चार्जशीट दायर की थी , जिसमे यह भी आरोप लगाया गया था कि ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल द्वारा Bar-O-Meters प्राप्त करने वाले परिवारों को केवल कुछ ही चैनलों को देखने के लिए भुगतान किया जा रहा था, ताकि आरोपी व्यक्तियों के चैनलों को उच्च रेटिंग मिल सके। उच्च TRPs से विज्ञापनों की उच्च दर प्राप्त होती है और इससे न्यूज़ चैनलों के लिए अधिक राजस्व प्राप्त होता है।
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