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तमिलनाडु में हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुई तबाही। इससे न केवल लाखों लोग प्रभावित हुए हैं, बल्कि राज्य के राजनीतिक दलों के बीच भी तनाव बढ़ गया है।
बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कोष के मुद्दे पर राज्य की शासक दल डीएमके और मुख्य विपक्षी दल एआईएडीएमके के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। एआईएडीएमके के महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पाडी के पालानीस्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने राहत सहायता के मामले में तमिलनाडु के साथ सौतेला व्यवहार किया है।
उन्होंने डीएमके सरकार से यह भी कहा कि वह अपने संसाधनों से पर्याप्त धनराशि आवंटित करे और हाल ही में हुई बारिश से प्रभावित लोगों की रक्षा करे। उन्होंने कहा, “डीएमके सरकार को दोषारोपण करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। राज्य सरकार को केंद्र के फंड का इंतजार नहीं करना चाहिए। वह बाढ़ पीड़ितों को तुरंत राहत सहायता देनी चाहिए, क्योंकि सरकार लोगों द्वारा चुनी गई है।”
उन्होंने और कहा, “साथ ही, लोगों की पीड़ा को समझते हुए, केंद्र सरकार को भी तमिलनाडु को उचित धनराशि आवंटित करनी चाहिए। पिछले में, जब भी प्राकृतिक आपदाएं आई हैं, तो एआईएडीएमके सरकार ने अपने फंड से लोगों की मदद तुरंत की है।”
डीएमके ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि वह बाढ़ पीड़ितों के लिए हर संभव मदद कर रही है। डीएमके के प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों में तुरंत राहत कार्यों को शुरू किया है और लोगों को खाना, पानी, दवा और शेल्टर प्रदान किया है।
वहीं, भाजपा ने भी इस मुद्दे पर अपना रुख साफ किया है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और तमिलनाडु प्रभारी सीटी रवि ने कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य को बाढ़ से निपटने के लिए हर संभव सहायता दी है और आगे भी देगी।
इस तरह, तमिलनाडु में बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कोष का मुद्दा राजनीतिक रंग में रंग गया है। लोग अभी भी अपनी मुश्किलों से जूझ रहे हैं। उम्मीद है कि राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगे और बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाएंगे।
इसके साथ ही, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्षी एआईएडीएमके के महासचिव एडप्पाडी के पालानीस्वामी ने मंगलवार को डीएमके पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने अल्पसंख्यकों की मांगों को पूरा नहीं किया है
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं कर रही है और वे आगामी लोकसभा चुनाव में विजयी होंगे।
इसके बाद, डीएमके ने एआईएडीएमके के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे बाढ़ पीड़ितों के लिए हर संभव मदद कर रहे हैं। डीएमके के प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों में तुरंत राहत कार्यों को शुरू किया है और लोगों को खाना, पानी, दवा और शेल्टर प्रदान किया है।
वहीं, भाजपा ने भी इस मुद्दे पर अपना रुख साफ किया है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और तमिलनाडु प्रभारी सीटी रवि ने कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य को बाढ़ से निपटने के लिए हर संभव सहायता दी है और आगे भी देगी।
इस तरह, तमिलनाडु में बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कोष का मुद्दा राजनीतिक रंग में रंग गया है। लोग अभी भी अपनी मुश्किलों से जूझ रहे हैं। उम्मीद है कि राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगे और बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाएंगे।
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