“Empowering Indian MSMEs: Insights into Self-Reliant India Fund”

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“भारत के लघु व्यवसायों को सशक्त बनाना: स्वनिर्भर एमएसएमई फंड”

हाल ही में Minister of State for Micro Small and Medium Enterprises ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के दौरान आत्मनिर्भर भारत कोष के संबंध में valuable insights प्रदान की।

What is Self-Reliant India (SRI) Fund?

o Atmanirbhar Bharat package के हिस्से के रूप में भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत (Self-Reliant India- SRI) कोष के माध्यम से MSME में equity infusion के लिये 50,000 करोड़ रुपए के allocation की घोषणा की है। 

o SRI फंड, equity or quasi-equity investments के लिये Mother-Fund और Daughter-Fund structure के माध्यम से संचालित होता है।

o NSIC Venture Capital Fund Limited- NVCFL को SRI कोष के कार्यान्वयन के लिये मदर फंड के रूप में नामित किया गया था।

·         इसे SEBI के साथ श्रेणी- II वैकल्पिक निवेश कोष (Alternative Investment Fund- AIF) के रूप में registered किया गया था।

§  Objectives of the SRI Fund:

o viable and high-potential MSMEs को इक्विटी फंड प्रदान करना तथा उनके विकास एवं बड़े उद्यमों में परिवर्तन को बढ़ावा देना।

o innovation, entrepreneurship, and competitiveness को बढ़ावा देकर भारतीय अर्थव्यवस्था में MSME क्षेत्र के योगदान को बढ़ाना।

o technological upgradation, research and development, and increased market access के लिये environment conducive बनाना। 

§  Composition of the SRI Fund:

o SRI कोष में 50,000 करोड़ रुपए शामिल हैं:

·         विशिष्ट MSME में इक्विटी निवेश शुरू करने के लिये भारत सरकार की ओर से 10,000 करोड़ रुपए।

·         निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता तथा निवेश का लाभ उठाते हुए Private Equity- PE और Venture Capital- VC फंड के माध्यम से 40,000 करोड़ रुपए एकत्र किये गए।

Significance of MSME Sector in India

o Employment Generation: MSME लगभग 110 मिलियन रोज़गार अवसर प्रदान करते हैं जो भारत में कुल रोज़गार का 22-23% है।

·         यह unemployment and underemployment को कम करने, inclusive growth and poverty reduction में योगदान करता है।

o Promotion of Entrepreneurship and Innovation: MSME क्षेत्र entrepreneurship and innovation की संस्कृति को बढ़ावा देता है।

·         यह व्यक्तियों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिये प्रोत्साहित करता है, स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देता है, साथ ही नवीन उत्पादों और सेवाओं के विकास में भी योगदान करता है।

o Boon for Rural Development: large-scale companies की तुलना में MSME ने न्यूनतम पूंजी लागत पर ग्रामीण क्षेत्रों के औद्योगीकरण में सहायता की है।

Way Forward

§  MSMEs के लिये Ease of Doing Business को बेहतर बनाने, नौकरशाही को कम करने और नियामक अनुपालन को सरल बनाने की दिशा में लगातार काम करने की आवश्यकता है। 

§  MSME को cutting-edge technologies, training, and mentorship तक पहुँच प्रदान करने के लिये mobile innovation labs स्थापित करने की आवश्यकता है ताकि  विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों को कवर किया जा सके।

§  यह सह-निवेश निधि सृजन का समय है, जबकि  सरकार निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ साझेदारी कर MSME innovations में निवेश करेगी।

o यह सहयोग न केवल नवीन व्यवसायों के विकास का समर्थन करेगा बल्कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी को भी बढ़ाएगा।

§  एक standardized impact assessment framework विकसित करने की आवश्यकता है जो MSME क्षेत्र में हुए innovations के societal and environmental benefits को माप सके।o ऐसे Businesses जो innovations के माध्यम से सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित करते हैं उन्हें additional recognition and support प्राप्त हो सकता है।

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