दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडार वाले देश पर किसकी नज़र
कभी-कभी आपकी सबसे बड़ी ताकत ही आपकी सबसे बड़ी कमजोरी बन जाती है…कुछ ऐसा ही हुआ वेनेजुएला के साथ…
वेनेजुएला में बड़ी संख्या में तेल का भंडार है…लेकिन कहा जाता है कि यही ताकत उसकी कई आर्थिक समस्याओं का कारण भी बन गई है…प्राकृतिक संसाधनों से सपन्न होने के बावजूद आज इस देश में गरीबी चरम पर है…जरूरी चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं…
वेनेजुएला की हालत इसलिए भी खराब हुई क्योंकि यहां सरकारों ने वोटों के लिए लोगों को फ्री में योजनाओं का लाभ देना शुरू कर दिया…जब वेनेजुएला के लोगों ने सोशलिस्ट पार्टी के लीडर ह्यूगो शावेज को अपना राष्ट्रपति चुना तो उसके बाद हालात और खराब हो गए…ह्यूगो शावेज का मानना था कि वेनेजुएला को दुनिया में तेल बेच कर जितना भी पैसा मिलता है वो पैसा वहां के लोगों पर खर्च होना चाहिए…जब वो राष्ट्रपति बने तो उन्होंने इस अमीर देश में अमीर लोगों के लिए सबकुछ मुफ्त कर दिया…इसमें पानी, बिजली, स्कूल की फीस से लेकर अस्पताल का इलाज और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सबकुछ मुफ्त हो गया और यही वेनेजुएला की बर्बादी का कारण बना…
पिछले 20 सालों में वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है…बड़े पैमाने पर नेशनलाइजेशन और रेगुलेशन के चलते प्राइवेट सेक्टर की हालत बिगड़ गई है…करप्शन इस कदर हावी हो गया कि अरबों रुपए का कोई हिसाब ही नहीं हैं…ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने भी वेनेजुएला को सबसे करप्ट देशों में से एक माना है…इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतें गिरने के चलते यहां आर्थिक संकट खड़ा हो गया…देश में बिजली और खाद्य पदार्थों की सप्लाई सीमित हो गई है….
अमेरिका एक समय तक वेनेजुएला का सबसे बड़ा तेल ग्राहक था…लेकिन साल 2018 में अमेरिका ने वेनेजुएला पर प्रतिबंध लगाकर ना सिर्फ खुद को अलग कर लिया बल्कि उसकी आय का सबसे बड़ा स्रोत भी बंद कर दिया…अमेरिका इतने पर ही नहीं रुका…इसके अलावा अमरीका ने तेल और दूसरे उत्पादों का व्यापार करने वाले देशों पर भी जुर्माना लगाने की चेतावनी दी…इसके पीछे सबसे बड़ी वजह वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो हैं…अमरीका समेत कई पश्चिमी देश निकोलस मादुरो का विरोध कर रहे हैं और उन्हें राष्ट्रपति के तौर पर मान्यता नहीं देते…प्रतिबंधों के चलते वेनेजुएला में कच्चे तेल का उत्पादन लगातार घटता जा रहा है…क्योंकि ज्यादातर खरीददारों ने प्रतिबंध लगा दिया है…
वेनेजुएला में राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का विरोध चरम पर है, विरोधी दल के नेता जुआन गुएडो ने खुद को वेनेजुएला का राष्ट्रपति घोषित किया है…उन्हें अंतरारष्ट्रीय स्तर पर भारी समर्थन भी मिला है…उन्हें अपने देश में संसद के समर्थन के अलावा दुनिया में अमेरिका की अगुआई में ब्रिटेन सहित यूरोपियन यूनियन, कनाडा, ब्राजील, अर्जेंटीना, कोलंबिया, ऑस्ट्रेलिया और इजराइल जैसे देश भी शामिल हैं…वहीं वर्तमान राष्ट्रपति मादुरो के समर्थन में देश की सेना और दुनिया में चीन, रूस, ग्रीस जैसे देश शामिल हैं…यानि वेनेजुएला में पक्ष और विपक्ष के समर्थन में भी दुनिया बंटी हुई है…
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