Bharatiya Janata Party: Who will become the ‘King’ of Rajasthan… Many names in the race for CM?
कौन बनेगा राजस्थान का ‘राजा’… सीएम की रेस में कई नाम ?
राजस्थान में Bharatiya Janata Party की शानदार जीत के बाद अब मंथन मुख्यमंत्री पद के दावेदारों पर है… वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह शेखावत और बाबा बालकनाथ समेत कई चेहरों पर अटकलें चल रही हैं… वसुंधरा राजे लगातार अपने समर्थक विधायकों से मुलाकात कर रही हैं… पार्टी के कुछ नेताओं ने दिल्ली में डारा डाल दिया है…बीजेपी में जहां मुख्यमंत्री चेहरे के चुनाव और सरकार गठन को लेकर हलचल तेज है तो कांग्रेस में हार पर घमासान मचा हुआ है.. इस बीच कांग्रेस में विधायक दल का नेता चुने जाने की कवायद भी चल रही है.. आने वाले समय में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की कांग्रेस में क्या भूमिका होगी, यह भी जल्द साफ हो सकता है…
राजस्थान में बीजेपी ने 115 सीटों पर कमल खिलाया तो कांग्रेस के हाथ महज 69 सीटें ही आईं.. 8 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की तो बसपा के 2 प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं… वहीं भारत आदिवासी पार्टी को भी 3 सीटों पर सफलता मिली है.. लेकिन अब उस सवाल के जवाब की ओर चलते हैं कि राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन बन सकता है.. वसुंधरा राजे रिजल्ट के अगले ही दिन एक्टिव हो गई.. मंगलवार को प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी सक्रिय हो गए…
दिल्ली में भी हलचल तेज है.. बाबा बालकनाथ, किरोड़ी मीणा भी काफी एक्टिव हैं.. इसके बाद कई सवाल उठ रहे हैं.. क्या वसुंधरा राजे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगी?.. क्या अर्जुन मेघवाल या किरोड़ी मीणा को सीएम बनाकर दलित या आदिवासी कार्ड खेला जाएगा?…. इस पर चर्चा करते हैं.. तो सबसे पहले वसुंधरा राजे सिंधिया की बात करते हैं.. अभी सबसे प्रबल दावेदारों में इनका नाम शामिल हैं.. दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं.. उन्हें प्रशासनिक अनुभव भी हैं, लेकिन सबसे बड़ा संकट है कि वो अपने दो कार्यकाल में सरकार को रिपीट नहीं करवा पाईं.. दूसरा, पिछले 5 साल में केंद्र से उन्हें ज्यादा महत्व नहीं मिल पाया… समर्थकों का दावा है कि राजे को 60 प्रतिशत विधायकों का समर्थन है.. इनके यहां डिनर पॉलिटिक्स में करीब 40 से ज्यादा विधायक शामिल हुए थे, हालांकि समर्थकों का 47 से अधिक का दावा है..
तीन विधायकों ने राजे को ही सीएम बनाने की पैरवी भी की.. अब बात करते हैं केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की.. अगर इन्हें सीएम बनाया गया तो इसका एक ही कारण होगा और वो है.. दलित फैक्टर… जो परिस्थितियां दिख रही हैं, इसमें अर्जुनराम मेघवाल का नाम सबसे ऊपर हैं, क्योंकि वे दलित समुदाय से आते हैं… राजस्थान में करीब 18 प्रतिशत और देश में 20 फीसदी दलित हैं.. बीजेपी का कोर वोट बैंक दलितों से अछूता है.. बीजेपी का किसी प्रदेश में दलित सीएम नहीं है, तो बीजेपी उनके नाम पर दांव खेलकर देशभर में लोकसभा चुनाव में इसे भुना सकती है.. दूसरा मेघवाल मोदी और शाह के करीबी हैं। तीसरा ब्यूरोक्रेट रह चुके हैं तो प्रशासनिक समझ भी है.. एक और नाम है ओम माथुर.. जो कि संघ से आते हैं और मोदी के करीबी भी है…पीएम नरेंद्र मोदी जब गुजरात में मुख्यमंत्री थे, तब से मोदी के काफी करीबी हैं..
राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं.. दूसरा, अभी छत्तीसगढ़ चुनाव में प्रभारी रह चुके हैं.. यहां बीजेपी के जीतने की संभावना नहीं के बराबर थी, ऐसे में उनकी रणनीति को इस जीत में काफी अहम माना जा रहा है.. दूसरा, माथुर को बनाने से बीजेपी को मारवाड़, मेवाड़ के राजनीतिक समीकरण भी साधने में काफी मदद मिलेगी… तीसरा वो कायस्थ समाज से आते हैं.. राजस्थान में कायस्थ समाज की सभी जगह स्वीकार्यता है.. कुलमिलाकर स्वीकार्यता सभी की हो सकती है.. लेकिन सीएम फेस कौन होगा ये बड़ा सवाल है… वहीं खबर ये भी है कि बीजेपी राजस्थान में कोई नया चेहरा भी प्रोजेक्ट कर सकती है….
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