देश में एंटी-पेपर लीक कानून लागू-Anti-paper leak news
21 जून रात को अधिसूचना जारी की
पेपर लीक पर 3 से 5 साल तक की सजा
10 लाख से लेकर 1 करोड़ तक का जुर्माना
NEET पेपर लीक को लेकर देशभर में हो रहा विरोध
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 फरवरी को बिल को मंजूरी दी थी-Anti-paper leak news
इन दिनो देश में NEET पेपर लीक मामले को लेकर बवाल मचा हुआ है.. जाहिर सी बात है इस परीक्षा से लाखों छात्रों का भविष्य जुड़ा होता है.. इस परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.. इसी को देखते हुए सरकार ने देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है.. क्या है ये कानून और इसके आने से क्या कुछ बदलाव होगा. आज के वीडियो में आपको बताएंगे.. नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR NEWS.. देश में एंटी-पेपर लीक कानून यानी पब्लिक एग्जामिनेशन एक्ट, 2024 लागू हो गया है.. केंद्र ने 21 जून की आधी रात इसकी अधिसूचना जारी की.. –Anti-paper leak news
ये कानून भर्ती परीक्षाओं में नकल और अन्य गड़बड़ियां रोकने के लिए लाया गया है.. इस कानून के तहत, पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल जेल की सजा होगी... इसे 10 लाख रुपए तक के जुर्माने के साथ 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है..परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर अगर दोषी होता है तो उस पर 1 करोड़ रुपए तक जुर्माना होगा…और सर्विस प्रोवाइडर अवैध गतिविधियों में शामिल है, तो उससे परीक्षा की लागत वसूली जाएगी.. NEET और UGC-NET जैसी परीक्षाओं में गड़बड़ियों के बीच ये कानून लाने का फैसला बड़ा कदम है..-Anti-paper leak news
इस कानून से पहले, केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों के पास परीक्षाओं में गड़बड़ी से जुड़े अपराधों से निपटने के लिए अलग से कोई ठोस कानून नहीं था. आपको बता दें कि पब्लिक एग्जामिनेशन एक्ट, इसी साल 6 फरवरी को लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पारित हुआ था.. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 फरवरी को बिल को मंजूरी देकर इसे कानून में बदल दिया..
इस कानून में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB), बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की परीक्षाएं शामिल होंगी. केंद्र के सभी मंत्रालयों, विभागों की भर्ती परीक्षाएं भी इस कानून के दायरे में होंगी. इसके तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे.. अब एक सवाल ये है कि सरकार ने आनन-फानन में अधिसूचना जारी क्यों की है..दरअसल, मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली NEET परीक्षा गड़बड़ी को लेकर विवादों में है.. केंद्र की नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इस साल 5 मई को ये एग्जाम लिया था.. इसमें लगभग 24 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे.. रिजल्ट 4 जून को आया था.इसमें 67 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने सौ फीसदी स्कोर हासिल किया यानी 720 नंबर की परीक्षा में उन्होंने पूरे 720 नंबर हासिल किए.. ऐसा पहली बार हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में छात्रों ने पूरे सौ फीसदी नंबर हासिल किए हों.. साल 2023 में सिर्फ दो छात्रों को सौ फीसदी नंबर आए थे.. इसके बाद पता चला कि 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे..
फिर परीक्षा का पेपर लीक होने का भी खुलासा हुआ.. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जिसके बाद केंद्र ने ग्रेस मार्क्स वाले 1563 स्टूडेंट्स के स्कोर कार्ड रद्द कर दिए और 23 जून फिर से इनकी परीक्षा लेने की बात कही.. NEET में गड़बड़ी और री-एग्जाम की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब तक 5 याचिकाएं दाखिल की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट इन सभी याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई करेगा.. हालांकि, कोर्ट ने एग्जाम को रद्द करने और काउंसिलिंग पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी है..
NEET पेपर लीक के बाद 9 दिन के अंदर NTA की तीन बड़ी परीक्षाएं रद्द या स्थगित कर दी गई हैं.. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी NEET जैसी राष्ट्रीय स्तर की 15 भर्ती परीक्षाएं कराती है.. NEET में गड़बड़ी को लेकर विवाद के बीच पिछले 9 दिनों में एजेंसी को UGC-NET सहित 3 बड़ी परीक्षाएं रद्द या स्थगित करनी पड़ी हैं.. कुछ अहम परीक्षाओं के बारे में आपको बताते हैं… एक है नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट.. ये परीक्षा 12 जून को दोपहर में हुई थी.. शाम को रद्द कर दी.. इसे 29,000 छात्रों ने ऑनलाइन मोड में दी.. यह परीक्षा 4 साल के इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम में एडमिशन के लिए होती है.. अब इसके रद्द करने की वजह ये है कि डेढ़ घंटे तक छात्र लॉग-इन नहीं कर पाए.. NTA ने तकनीकी गड़बड़ी बताकर परीक्षा रद्द की.. अब तक नई तारीख घोषित नहीं हुई है…
दूसरी परीक्षा जो रद्द की गई है वो है UGC-NET..ये परीक्षा 18 जून को ली गई थी. 19 जून को रद्द कर दी. देशभर के 9,08,580 छात्रों ने दी.. इसमें सफल अभ्यर्थी असिस्टेंट प्रोफेसर, जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए पात्र होते हैं.. इसके रद्द होने की वजह बताते हैं.. दरअसल शिक्षा मंत्री ने कहा कि टेलीग्राम पर पर्चा आ गया था.. मूल पर्चे से मिलाया तो वो मेल खा गया.. इसलिए रद्द करनी पड़ी.. तीसरी परीक्षा है CSIR-UGC-NET.. ये परीक्षा 25 जून से होनी थी, 21 जून को टाली दी गई.. 2 लाख से अधिक छात्रों का रजिस्ट्रेशन था..इस परीक्षा को पास करने के बाद अभ्यर्थी जूनियर रिसर्च फेलोशिप, लेक्चर-शिप/असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पात्र होते हैं..
अब इस परीक्षा के स्थगित होने की वजह NTA ने जरूरी परिस्थितियां और लॉजिस्टिक इश्यू बताया है.. अब इस कानून के तहत एग्जाम सेंटर में हर किसी को एंट्री नहीं मिलेगी..ये कानून ऑर्गेनाइज्ड गैंग्स, माफिया और इस तरह के कामों में लगे हुए लोगों से निपटने के लिए लाया गया है.. इसके साथ ही अगर सरकारी अधिकारी भी इसमें शामिल पाए जाते हैं, तो उनको भी अपराधी माना जाएगा.. किसी भी ऐसे व्यक्ति को जिसे पब्लिक एग्जाम या उससे जुड़ा काम नहीं दिया गया है, उसे एग्जाम सेंटर में एंट्री नहीं दी जाएगी.. एंटी-पेपर लीक कानून के तहत, अगर किसी गड़बड़ी में एग्जाम सेंटर की भूमिका पाई जाती है तो उस सेंटर को 4 साल तक के लिए सस्पेंड किया जा सकता है।
यानी उस सेंटर को अगले 4 साल तक के लिए कोई भी सरकारी एग्जाम कराने का अधिकार नहीं होगा। किसी संस्थान की संपत्ति कुर्क करने और जब्त करने का भी प्रावधान है और उससे परीक्षा की लागत भी वसूली जाएगी.कानून के तहत, कोई भी अधिकारी जो DSP या ACP के पद से नीचे न हो, परीक्षा में गड़बड़ी के मामलों की जांच कर सकता है..
केंद्र सरकार के पास किसी भी मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की शक्ति है.. अब इस कानून के आने के बाद से उम्मीद की जा सकती है कि परीक्षाओं में गड़बड़ी नहीं होगी.. जिससे लाखों छात्रों का भविष्य अंधकार में ना जाए.. ऐसी ही खबरों के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ…नमस्कार..
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