BJP’s rule in Madhya Pradesh… Whose head will be crowned CM?
BJP’s rule in Madhya Pradesh… किसके सिर सीएम का ताज ?
मध्यप्रदेश में जिस तरह से बीजेपी की बंपर जीत हुई है.. वो कमाल है.. 230 विधानसभा सीटों में बीजेपी ने 163 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है.. वहीं कांग्रेस 66 सीटों पर सिमट कर रह गई.. बीजेपी की शानदार जीत के बाद अब सबके जहन में एक ही सवाल है कि मध्यप्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा… दरअसल बीजेपी ने मध्यप्रदेश में किसी भी चेहरे पर नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा था..
पार्टी की ये रणनीति सफल भी रही. पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों के चुनाव लड़ने से शिवराज सिंह चौहान को दरकिनार किया जा रहा है, लेकिन बीजेपी के इतिहास में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले मुख्यमंत्री का दावा बीजेपी के शानदार प्रदर्शन से मजबूत हो गया है. शिवराज के अलावा मुख्यमंत्री की रेस में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और ज्योतिरादित्य सिंधिया, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नाम भी शामिल हैं.
CM की दौड़ में दो ब्राह्मण नेता भी शामिल हैं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और पहली बार के सांसद वीडी शर्मा, और पांचवीं बार विधायक बने और राज्य कैबिनेट में मंत्री राजेंद्र शुक्ला… ये दोनों ही विंध्य क्षेत्र से आते हैं. मध्य प्रदेश बीजेपी के एक बड़े वर्ग का मानना है कि शिवराज सिंह चौहान कम से कम अगले लोकसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं. दरअसल लोकसभा चुनाव में 6 महीने से भी कम का समय बचा है. वहीं दूसरों का मानना है कि बीजेपी ने इस बार जो, 166 सीटें जीती हैं, उनमें बहुमत से 47 सीटें ज्यादा हैं. जिसकी वजह से पार्टी के पास विकल्प चुनने के लिए जरूरी मदद मिल सकती है. इस बीच कैलाश विजयवर्गीय के नाम की चर्चा भी तेज है. वो मालवा-निमाड़ क्षेत्र से आते हैं, जहां बीजेपी ने 66 में से 47 सीटें जीती हैं.
कैलाश विजयवर्गीय को गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है, लेकिन पश्चिम बंगाल में रेस केस में नाम आने के बाद उनके CM पद की संभावनाओं पर असर पड़ सकता है.. वहीं दो ओबीसी नेताओं में शामिल प्रह्लाद सिंह पटेल ने बुंदेलखंड, महाकोशल, मध्य मध्य प्रदेश और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में पार्टी की सफलता के लिए बड़े पैमाने पर काम किया. वो पार्टी के पुराने नेता हैं. लोधी जाति के नेता को सीएम के लिए चुनने से उत्तर प्रदेश के आसपास के बुंदेलखंड और रोहिलखंड क्षेत्रों में भी पार्टी की चुनावी संभावनाएं बढ़ सकती हैं… माना ये भी जा रहा है कि ज्योतिरादित्य भी सीएम पद के लिए मजबूत दावेदार के रूप में देखा जा रहा है..
वहीं इसका एक कारण उनका प्रधानमंत्री मोदी से उनकी करीबी भी है.. सीएम बनाए जाने के कयासों के बीच सिंधिया ने कहा है कि वो सीएम पद की रेस में नहीं हैं.. कोई कुछ भी कहे लेकिन दावेदार कई हैं.. लेकिन समीकरण किसका सही बैठता है ये जल्द ही साफ हो जाएगा… क्योंकि बीजेपी को सारे समीकरण साधने होंगे.. जिसमें जनरल, OBC और आदिवासी को साधना सबसे अहम है… भोपाल से लेकर दिल्ली तक मुलाकातों का दौर तेज है.. अब किसके सिर पर सीएम का ताज होगा इसका फैसला आलाकमान को करना है…
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