Can better water management be done in Surat?
क्या सूरत मे Better water management किया जा सकता है ?।
उकाई बांध का बड़ा बहाव – सूरत के निचले क्षेत्रों में बढ़ी परेशानी
17 सितंबर को सूरत के यूकाई बांध में आई भारी बरसात के कारण 3 लाख क्यूसेक पानी को तापी नदी में छोड़ दिया गया। इस प्रकार के पानी के छोड़ा जाने से सूरत के नीचे के भागो के कई क्षेत्रों को बाढ़ का सामना करना पड़ा।
सूरत मे आई भारी बरसात के कारण बांध overflow हुआ और इसके परिणामस्वरूप, बांध में अधिश्रापण हुआ। अधिक बरसात के चलते नदी मे 3 लाख क्यूसेक जितना पनि छोड़ना पड़ा जिसके का पानी बाढ़ की तरह बढ़ गया और इससे नदी के नीचले क्षेत्रों में आधी रात को बाढ़ आई।
नानपुरा इलाके में पानी का कहर ।
ड़क्का ओवरा , कदरशाह नि नाल , नानपुरा इलाके में बाढ़ आने के कारण लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। हलकी वह के इलाके के लोगो को सावधान कर या गया था और समय रहते उनकी स्थानान्तर की व्यवस्था भी कर दी गयी । परिस्थितियो की गंभीरता को ध्यान मे रखते हुए गेट्स बांध कर दिये गए थे ताकि पानी सिटि तक न पाहुचे ।
कृत्रिम तलाव का पानी में डूबना:
विसर्जन के लिए जिन तालाब का निर्माण किया गया था वह भी इस बाढ़ की चपेट मे आ गया । सूरत के कोझवे में भी ओवरफ्लो होने की स्थिति बनी रही। यहाँ पर पुलिस अधिकारियों ने तुरंत प्रवृत्तियों की जांच की और सुरक्षा उपायों को बढ़ावा दिया। सूरत में हो रही बढ़ती समस्याओं के चलते पुलिस विभाग ने PSI सहित पुलिस बंदोबस्त को बढ़ावा दिया । लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई और स्थानीय प्रशासन और आरोग्य प्रशाशन भी तुरंतहरकत मे आ गए ।
यह बाढ़ की स्थिति सूरत के कृत्रिम आपदा प्रबंधन अधिकारियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुई है। लोगों की सुरक्षा और सहायता के लिए सरकारी अधिकारियों द्वारा सभी कदम उठाए जा रहे हैं। पुंपिंग के द्वारा पनि को निकालने और आरोग्य केंद्र द्वारा डीडीटी और दवाओ की छिड़काव जेसे कदम ठाए जा रहे है ।
ये सारे कदम सरहनीय है पीआर अगली बार ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिय सही वॉटर मैनेजमेंट की पूरी तैयारी हीना बहुत ज़रूरी है । ताकि इतनी भरी मात्र मे पानी का wastage न हो और स्थानिकों को भी किसी मुसीबत का सामना न करना पड़े
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