राहुल गांधी ने 7 सितंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी, जो 30 जनवरी 2023 को समाप्त हुई थी। 145 दिनों तक चली इस यात्रा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने 4,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की थी। माना जाता है कि राहुल गांधी की यह यात्रा कांग्रेस के लिए बूस्टर डोज साबित हुई।-Bharat Jodo Yatra – rahul gandhi
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भारत जोड़ों यात्रा के दो साल पूरे हो गए हैं। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सराहना करते की गई है। कांग्रेस ने कहा है कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यह यात्रा पार्टी के लिए एक बड़ी बूस्टर डोज साबित हुई और इसको एक ऐतिहासिक जन आंदोलन बताया, जो समाज को एकजुट करने का जरिया बन गया।-Bharat Jodo Yatra – rahul gandhi
‘देश के हर कोने में सुनाई दे प्रेम की आवाज’
‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत की दूसरी वर्षगांठ पर, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा ने साबित कर दिया कि भारतीय स्वाभाविक रूप से प्रेम करने वाले लोग हैं और हमारा यह मकसद है कि देश के हर कोने में प्रेम की आवाज सुनाई दे।-Bharat Jodo Yatra – rahul gandhi
करोड़ों लोगों के दिलों में जागा प्रेम और सद्भाव
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुए लोगों ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल चलकर जो दूरी तय की, उससे करोड़ों लोगों के दिलों में प्रेम, आपसी सद्भाव और भाईचारे की अभूतपूर्व जनचेतना जागृत हुई।
लोकतंत्र को संजोए रखने का संघर्ष जारी रखने की अपील
खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि भारत जोड़ो यात्रा की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर मैं देशवासियों से केवल इतनी ही अपील करता हूं कि वे संविधान और लोकतंत्र को संजोए रखने का संघर्ष जारी रखें।
सत्ता के केंद्रीकरण के वास्तविक मुद्दों पर लड़ाई जारी
खरगे ने कहा कि आर्थिक असमानताओं, महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक अन्याय, संविधान को तोड़ने-मरोड़ने तथा सत्ता के केंद्रीकरण के वास्तविक मुद्दों पर हमारा संघर्ष जारी है। न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के हमारे संवैधानिक मूल्यों को सुरक्षित रखने का संकल्प और मजबूत होना चाहिए।
नफरत और विभाजन के एजेंडे को नहीं होने देंगे कामयाब
नफरत और विभाजन के एजेंडे को हम कामयाब नहीं होने देंगे। मोहब्बत और इंसानियत की जीत निश्चित है। कांग्रेस पार्टी थमेगी नहीं, रुकेगी नहीं। भारत माता की आवाज, हमारी आवाज है।
राहुल गांधी ने साझा किया भारत जोड़ों यात्रा का वीडियो
राहुल गांधी ने यात्रा की एक वीडियो ‘एक्स’ पर साझा करते हुए लिखा, “…‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने मुझे मौन की सुघड़ता से रू-ब-रू कराया। मैंने उत्साही भीड़ और नारों के बीच अपने साथ मौजूद व्यक्ति पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना और उसकी बात सुनना सीखा।
145 दिनों की यात्रा से हासिल किया ज्ञान
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने कहा, “उन 145 दिन में और उसके बाद के दो वर्ष में, मैंने अलग-अलग बैकग्राउंड के हजारों भारतीयों की बातें सुनीं। प्रत्येक व्यक्ति से ज्ञान हासिल किया, हर किसी ने मुझे कुछ नया सिखाया और सभी हमारी प्यारी भारत माता से जुड़े थे। इस यात्रा ने साबित कर दिया कि भारतीय स्वाभाविक रूप से प्रेम करने वाले लोग हैं।
‘भारत माता की आवाज देश के हर कोने में सुनाई दे’
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स लिखा कि जब मैंने यह यात्रा शुरू की थी तो कहा था कि प्रेम, नफरत पर विजय प्राप्त करेगा और आशा, भय पर जीत हासिल करेगी, आज हमारा मकसद केवल यह सुनिश्चित करना है कि भारत माता की आवाज, प्रेम की आवाज हमारे प्यारे देश के हर कोने में सुनाई दे।
‘मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम देने के लिए शुरू की गई यात्रा’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि दो साल पहले आज ही के दिन, ‘अनेकता में एकता’ के रंग लिए भारत जोड़ो यात्रा शुरू की गई थी। करोड़ों भारतवासियों की तकलीफ की आवाज सुनने के लिए, आर्थिक अन्याय के विरुद्ध जागरूकता के लिए, नफरत के विरुद्ध प्रेम का संदेश देने के लिए, मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम देने के लिए, 140 करोड़ हिंदुस्तानियों को जोड़ने के लिए, नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने के लिए और देशवासियों को यह यकीन दिलाने के लिए यात्रा शुरू की गई थी कि ‘फूट डालो राज करो’ का ये दूसरा दौर भी चला जाएगा और हमारी एकजुटता, समरसता व सौहार्द ही हमें मजबूत बनाएगा। भारत जोड़ो यात्रा देश को जोड़ने का राहुल गांधी जी का एक मिशन है – जो आज भी जारी है।”
जयराम रमेश ने कुछ यूं बयां की यात्रा की सफलता…
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली गई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पार्टी के लिए एक ‘बड़ी बूस्टर खुराक’ थी और इसने देश की राजनीति में बदलाव की शुरुआत की। कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली गई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत के आज दो साल पूरे हो गए। राहुल गांधी के नेतृत्व में 200 से अधिक ‘भारत जोड़ो यात्रियों’ ने 145 दिनों की अवधि में 12 राज्यों और दो केंद्र-शासित प्रदेशों से गुजरते हुए 4,000 किलोमीटर लंबी यात्रा पूरी की, जिनमें अधिकांश पैदल यात्री शामिल थे।
अभूतपूर्व संपर्क और सामूहिकता की पैदा हुई भावना
जयराम रमेश ने लिखा कि भारत जोड़ो यात्रा से अभूतपूर्व संपर्क और सामूहिकता की भावना पैदा हुई और यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए एक ‘बड़ी बूस्टर खुराक’ थी। इसने हमारे देश की राजनीति में भी बदलाव की शुरुआत की। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सफलता ने जनवरी-मार्च 2024 के दौरान मणिपुर से मुंबई तक ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के लिए प्रोत्साहित किया।
‘हर आवाज मायने रखती है’
कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “आइए हम न्याय और उज्ज्वल भविष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराएं, जहां हर व्यक्ति मायने रखता है और हर आवाज मायने रखती है।
7 सितंबर 2022 को शुरू हुई यात्रा का 30 जनवरी 2023 को हुआ समापन
राहुल ने सात सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू की थी। उन्होंने 30 जनवरी 2023 को श्रीनगर में 145 दिन लंबी इस यात्रा का समापन किया था।
राहुल गांधी ने पूरी की 4,000 किमी की यात्रा
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने यात्रा के दौरान 12 सार्वजनिक बैठकों, 100 से अधिक नुक्कड़ सभाओं और 13 प्रेस वार्ताओं को संबोधित किया। चार हजार किलोमीटर लंबी यात्रा के दौरान वह समर्थकों से लेकर विरोधियों तक का ध्यान खींचने में कामयाब रहे थे।
भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ी कई हस्तियां
‘भारत जोड़ो यात्रा’ में अलग-अलग क्षेत्र की हस्तियों ने हिस्सा लिया, जिनमें कमल हासन, पूजा भट्ट, रिया सेन, स्वरा भास्कर, रश्मि देसाई, आकांक्षा पुरी और अमोल पालेकर जैसे फिल्म एवं टीवी कलाकार शामिल थे।
RBI के पूर्व गवर्नर समेत पूर्व सेना प्रमुख भी हुए शामिल
पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) दीपक कपूर, पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल रामदास, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और पूर्व वित्त सचिव अरविंद मायाराम ने भी इस यात्रा में हिस्सा लिया था।
अखिलेश यादव से लेकर फारूक अब्दुल्ला तक यात्रा से जुड़े
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की महबूबा मुफ्ती, शिवसेना (UBT) के आदित्य ठाकरे, प्रियंका चतुर्वेदी व संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (NCP-SP) की सुप्रिया सुले और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जैसे विपक्षी नेता भी अलग-अलग पड़ाव पर इस यात्रा से जुड़े थे।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस फिर से रिवाइव कर गई। इसका पूरा श्रेय राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को जाता है। साथ ही, इस यात्रा के बाद राहुल गांधी में जो बदलाव और उनके काम करने का अंदाज जिस तरह से बदला, उससे यह साफ होता है कि इसमें कोई शक नहीं कि इस यात्रा के पूरी होने के बाद ही राहुल गांधी अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं और क्षेत्रीय दलों की अहमियत को समझकर एक अलायंस बनाकर मैदान में उतरे।
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