सड़क के किनारे लगे बोर्ड पर लिखी गई लाइन पर गौर कीजिए, “यह जमीन बिकाऊ नही हैं, दलालों से सावधान” तो इसको देखने के बाद किसी के भी मन में यह खयाल आ सकता है कि ऐसा क्यों लिखा गया है और इसमें क्या खास है…. इस पूरे मामले के बारे में जानकारी होने पर या तो आप सिर पकड़ लेंगे या फिर इस मामलें में पुलिसिया कार्रवाई पर आपको हंसी आएगी….. –Uttar Pradesh crime case
आपकी जानकारी के लिए बता दूं, यह पूरा मसला उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के हाटा कोतवाली के महुआरी गांव का है….. जहां पुस्तैनी जमीन जायदाद के लिए एक जिंदा व्यक्ति को दो बार मरना पड़ा……. मामला 2011 में मर चुके ‘शब्द प्रकाश’ की मौत से जुड़ा है…… 2011 में मर चुके शब्द प्रकाश ने 27-08-2014 में अपने विरोधी पुरुषोत्तम व उनके भाई जयनाथ सिंह के अलावा पुरुषोत्तम के दोनों बेटों राजेश और भीम पर 419, 420, 467, 468, 471 धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज लगाना और धमकी देने की धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करा दिया….. मामले की जांच करने वाले विवेचक ने 23-11-2014 में इस मामलें की कसया कोर्ट में चार्जशीट लगा दी….. विरोधी पार्टी को 2019 में इस मामले में जब नोटिस मिला तो वे हैरान रह गए….. इसके बाद पुरुषोत्तम समेत चारों ने हाईकोर्ट में चार्जशीट को रद्द करने की अपील दायर की…… उन्होंने केस को चैलेंज किया कि पूरा केस ही फर्जी है…… जिसका समर्थन CJM कुशीनगर की रिपोर्ट में भी किया गया…… -Uttar Pradesh crime case
उन्होंने मृतक की पत्नी के बयान और मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर रिपोर्ट दी थी….. वकील ने कोर्ट में कहा कि मृतक व्यक्ति कैसे केस कर सकता है….. मृत्यु प्रमाण पत्र समेत अन्य साक्ष्य प्रस्तुत किए गए और चारों ने चार्जशीट रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में अपील दायर की….. जिसके बाद कुशीनगर पुलिस के इस कारनामे का मामला सामने आया……. इस मामले में तब हैरानी हुई जब मृतक शब्द प्रकाश का भूत यही नहीं रुका उसने हाई कोर्ट में दाखिल याचिका पर 19-11-2023 को वकालतनामा पर हस्ताक्षर भी कर दिया…… प्रयागराज हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सौरभ श्याम की बेंच में जब यह मामला पहुंचा तो जज साहब भी यह मामला देखकर हैरत में पड़ गए और उन्होंने पूछा कि पुलिस ने 3 साल पहले मर चुके आदमी का बयान कैसे लिया?-Uttar Pradesh crime case
VO — अब आपको इस मामले के आगे की कहानी बताते हैं जिसे जानकर आप और हैरान हो जायेंगे….. जिस व्यक्ति की 19 दिसंबर 2011 में मौत हो चुकी है… वह व्यक्ति फिर से 19 दिसंबर 2016 में कैसे मर गया….. हैरान हो गए न…. आखिर यह कैसे हो सकता है…. स्क्रीन पर दिखने वाले यह दो मृत्यु प्रमाण पत्र देखिए जो हाटा नगर पालिका ने जारी किया है…. एक ही व्यक्ति के दो बार मृत्यु प्रमाण पत्र कैसे जारी हुए, यह जांच का विषय है….. फिलहाल इस मामलें में वादी शब्द प्रकाश की मौत हो चुकी है…… जबकि विपक्ष के चार लोगों में केस की पैरवी कर रहे जयनाथ सिंह की मौत हो चुकी है…. वहीं मृतक शब्द प्रकाश के भाई संत प्रकाश का कहना है कि इनकी असल मौत 19 दिसंबर 2016 को कैंसर से हुई….. जिनका इलाज मुंबई के टाटा मेमोरियल केंसर हॉस्पिटल में चल रहा था….. जिनको 27-5-2016 को भर्ती भी करवाया गया था…… वहीं पुरुषोत्तम के बेटे राजेश का कहना है कि उनकी मौत 2011 में हुई थी…..
बाईट — राजेश सिंह , पिटिशनर .
VO:– कुशीनगर पुलिस की इस केस में दिए गए तथ्यों से मैं हैरान हूं…. किस तरह से पुलिस अपराध की विवेचना करती है….. पुलिस ने तीन साल पहले मर चुके आदमी का बयान दर्ज कर लिया….. ये कैसे किया होगा? फिलहाल कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक कुशीनगर को निर्देश दिया है कि यहां एक ‘भूत’ निर्दोष को परेशान कर रहा है….. भूत विवेचना अधिकारी को अपना बयान दर्ज करा रहा है….. ऐसे विवेचना अधिकारी की जांच करके रिपोर्ट पेश करें…… फिलहाल इस मामलें में कुशीनगर एसपी ने शुरुआती जांच में पाया कि शब्द प्रकाश की मौत से जुड़े दो मृत्यु प्रमाण पत्र मिले…… सभी तथ्यों की जांच की जा रही है….. यदि मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी पाया जाता है तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी…..
Byte:– संत प्रकाश, मृतक शब्द प्रकाश के भाई .
Byte:– संतोष कुमार मिश्रा, पुलिस अधीक्षक – कुशीनगर .