फैजाबाद की हार का हिसाब-किताब मिल्कीपुर में करना चाहती है BJP, यहां जानिए दोनों दल कैसे फिट कर रहे हैं समीकरण?

0
48
"BJP wants to settle the score of Faizabad defeat in Milkipur: How are the two parties fitting into the equation?".
"BJP wants to settle the score of Faizabad defeat in Milkipur: How are the two parties fitting into the equation?".

उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव, खासकरके, मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए, काफी तेज हो गए हैं। BJP, जो फैजाबाद सीट हार चुकी है, अपनी प्रतिष्ठा वापस पाना चाहती है, जबकि समाजवादी पार्टी (SP) अपनी ताकत बनाए रखना चाहती है। SP उम्मीदवार अजीत प्रसाद के खिलाफ हमले और अपहरण की FIR ने विवाद को बढ़ा दिया है। दोनों पार्टियां जाति के मुद्दे और आरोपों का इस्तेमाल कर समर्थन जुटाने में लगी हैं। चुनाव परिणाम क्षेत्र में राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है।

उत्तर प्रदेश में दस खाली विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने वाले हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण सीट मिल्कीपुर है। इस सीट के लिए मुकाबला तेज हो गया है। BJP और समाजवादी पार्टी (SP) दोनों के लिए यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। BJP पिछले चुनाव में फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा सीट हार गई थी, लेकिन अब वह मिल्कीपुर जीतने के लिए कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, सपा अपनी जीत को बरकरार रखने के लिए प्रयासरत है। इस चुनाव में एक एफआईआर ने हलचल बढ़ा दी है। 

BJP की जीत की जरूरत

लोकसभा चुनावों में BJP फैजाबाद सीट गंवा दी। यह लोकसभा क्षेत्र अयोध्या में राम मंदिर के लिए जाना जाता है। इस हार से उनकी प्रतिष्ठा को बड़ा धक्का लगा। अब, BJP मिल्कीपुर जीतकर अपनी स्थिति को फिर से मजबूत करना चाहती है।

समाजवादी पार्टी की प्रतिष्ठा

समाजवादी पार्टी भी मिल्कीपुर में जीत को बहुत महत्वपूर्ण मानती है। सपा ने लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा सीट जीत ली, जिससे उनकी ताकत बढ़ी है। सपा चाहती है कि वह मिल्कीपुर को भी बनाए रखे ताकि BJP को फिर से शर्मिंदगी का सामना करना पड़े।

FIR और विवाद

अजीत प्रसाद, जो सपा के संभावित उम्मीदवार हैं, उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें उन पर हमला करने और अपहरण का आरोप है। BJP इस मामले को सपा के गुंडागर्दी के तौर पर पेश कर रही है।

जाति का पहलू

एफआईआर दायर करने वाले व्यक्ति, रवि कुमार तिवारी, ब्राह्मण समुदाय से हैं। यह जाति का मुद्दा चुनाव में एक नई परत जोड़ता है। BJP इसे इस्तेमाल करके अजीत की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। 

BJP के आरोप

BJP के नेता, जैसे अमित मालवीय, अजीत के खिलाफ तीखे हमले कर रहे हैं। वे कहते हैं कि सपा की जीत के बाद से अपराध बढ़ गया है। वे अजीत के कथित कृत्यों को कानून-व्यवस्था के बड़े मुद्दे से जोड़ रहे हैं।

सपा की रक्षा

सपा इन आरोपों को राजनीतिक प्रतिशोध मानती है। वे कह रहे हैं कि BJP हार के डर से ऐसा कर रही है। सपा प्रवक्ता पवन पांडेय का कहना है कि BJP के ये कदम उनकी हताशा दिखाते हैं। वे इस मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहती हैं।

आगामी विरोध

अजीत प्रसाद 1 अक्टूबर को एक विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। वे BJP के गरीबों के खिलाफ हमलों को उजागर करना चाहते हैं। अजीत ने मिल्कीपुर क्षेत्र का दौरा किया है, लेकिन उन्होंने एफआईआर पर कोई कमेंट नहीं किया है।

उम्मीदवारों का अभी पता नहीं

अब तक किसी भी पार्टी ने मिल्कीपुर के लिए अपने उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। अजीत को सपा का टिकट मिलने की उम्मीद है, लेकिन यह अभी तक कन्फर्म नहीं हुआ है। सपा के नेता कहते हैं कि पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अजीत की उम्मीदवारी को समर्थन दिया है।

मिल्कीपुर में जाति की स्थिति

मिल्कीपुर की जनसंख्या में सभी वर्गों के लोग शामिल हैं। इसमें अनुसूचित जातियों में भी कई जातियों के लोग हैं, लेकिन पासी समुदाय की संख्या काफी अधिक है। इसके अलावा, यहां ब्राह्मण भी काफी अधिक संख्या में हैं। जिससे यह चुनाव और जटिल हो जाता है।

ब्राह्मणों का समर्थन

ब्राह्मण समुदाय ने ऐतिहासिक तौर पर सपा का समर्थन किया है, खासकर अवेधश प्रसाद के नेतृत्व को सपोर्ट किया है। हालांकि, कुछ लोग मानते हैं कि वे अजीत के खिलाफ एफआईआर के कारण BJP का समर्थन कर सकते हैं। यह अनिश्चितता आगामी चुनाव में एक बड़ा फैक्टर है।

कांग्रेस की भूमिका

कांग्रेस पार्टी भी इन चुनावों में शामिल होने की कोशिश कर रही है। वे सभी दस सीटों के लिए तैयारी कर रहे हैं। मिल्कीपुर में, उन्होंने एक स्थानीय ब्राह्मण नेता को मीडिया प्रमुख नियुक्त किया है। वे विभिन्न समुदायों से समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।

BJP की रणनीति

BJP हिंदू मतदाता को एकजुट करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। वह कहते हैं कि “बंटेंगे तो कटेंगे,” जिससे वे हिंदू मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

सपा का आत्मविश्वास

सपा का मानना है कि ब्राह्मण अभी भी उनका समर्थन करेंगे। वे कहते हैं कि सपा के शासन के दौरान ब्राह्मणों को टार्गेट नहीं किया गया था, जबकि BJP के शासन में ऐसा हो रहा है। उन्हें लगता है कि यही बात उनके लिए बहुत काम की है। 

मिल्कीपुर का महत्व

मिल्कीपुर जीतना दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण है। BJP के लिए, यह हालिया हार से उबरने का एक मौका है। सपा के लिए, यह अपनी ताकत को साबित करने का एक तरीका है।

गौरतलब है कि मिल्कीपुर के लिए मुकाबला तेज हो रहा है क्योंकि BJP और सपा आगामी उपचुनाव के लिए तैयार हो रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप के बीच और एफआईआर के विवाद ने चुनाव को और भी दिलचस्प बना दिया है। मतदाता इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में किस पार्टी का समर्थन करेंगे, यह देखने के लिए सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

#yogiadityanath #chifminister #up #uttarpradesh #ayodhya #election #bjp # samajadiparty #airrnews

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER.

Never miss out on the latest news.

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here