Arvind Kejriwal की गिरफ्तारी की मामला-Arvind Kejriwal Arrest updates
सुप्रीम कोर्ट में हुई मामले की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी की टाइमिंग पर उठाए सवाल
लोकसभा चुनाव से पहले क्यों गिरफ्तार किया गया?
3 मई तक 5 सवालों के जवाब मांगे
एक तरफ लोकसभा चुनाव चल रहे हैं तो दूसरी तरफ दिल्ली का सियासी पारा शराब घोटाले पर हाई है.. इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal तिहाड़ जेल में बंद है.. नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR NEWS… दिल्ली शराब नीति केस में गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ Arvind Kejriwal की याचिका पर 30 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाए..-Arvind Kejriwal Arrest updates
बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय यानि ED के वकील ASG एसवी राजू से पूछा- दिल्ली के मुख्यमंत्री को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही क्यों गिरफ्तार किया गया। स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है, आप इससे इनकार नहीं कर सकते। कोर्ट ने 5 सवालों के जवाब के साथ 3 मई को सुनवाई की तारीख रखी… वहीं सुप्रीम कोर्ट ने ED से 5 सवाल पूछे हैं.. कि क्या बिना किसी न्यायिक कार्यवाही के विजय मदनलाल चौधरी या अन्य मामले में जो कहा गया है, उसके संदर्भ में आपराधिक कार्यवाही शुरू की जा सकती है? -Arvind Kejriwal Arrest updates
जस्टिस खन्ना ने कहा कि केजरीवाल के मामले में अब तक कोई कुर्की नहीं हुई है.. अगर हुई है तो ED को यह बताना होगा कि उनका संबंध कैसे था… वहीं मनीष सिसोदिया मामले में फैसले के दो हिस्से हैं- एक, जो उनके पक्ष में है, दूसरा, जो उनके पक्ष में नहीं है। केजरीवाल का मामला किस भाग में आता है?…तीसरा सवाल PMLA के सेक्शन-19 की व्याख्या कैसे की जाए, क्योंकि केजरीवाल जमानत के लिए आवेदन करने के बजाय गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ आ रहे हैं..
यदि वो बाद का रास्ता अपनाते हैं तो उन्हें PMLA के सेक्शन-45 के तहत उच्च प्रावधानों का सामना करना पड़ेगा?….चौथा सवाल कि मामले में कार्यवाही शुरू होने और कुछ समय बाद बार-बार शिकायत दर्ज होने के बीच का समय…इस संबंध में यह बताया गया कि अंतर के गंभीर नतीजे होंगे.. क्योंकि धारा 8 न्यायिक प्रक्रिया के लिए 365 दिनों की अधिकतम समय सीमा निर्धारित करती है.. पांचवां और आखिरी सवाल .. गिरफ्तारी की टाइमिंग को लेकर है.. कि चुनाव के पहले ऐसा क्यों किया?.…
वहीं आपको ये भी बताते हैं कि पिछली दो सुनवाई में क्या-क्या हुआ.. 29 अप्रैल को हुई सुनवाई में केजरीवाल की तरफ से दलीलें दी थीं.. जिसके तहत 3 स्टेज होती हैं.. दस्तावेज, विश्वास करने का कारण और आरोपी होना.. गिरफ्तार करने का अधिकार होने का मतलब यह नहीं कि गिरफ्तार कर लें. आरोप साबित होना चाहिए, सिर्फ शक नहीं होना चाहिए.. आपके पास पुख्ता या आरोपी साबित करने के सबूत होने चाहिए.. कुछ आधार होना चाहिए, जो हमें नहीं पता… वहीं केजरीवाल को CBI ने बुलाया, वे गए..
ED के नोटिस का डिटेल में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वे नहीं आ सकते। आप आज ये नहीं कह सकते हैं कि आप आए नहीं, इसलिए हमने गिरफ्तार कर लिया। ये मेरा अधिकार है कि मैं न जाऊं…इतना नहीं नहीं अगर कोई आरोपी कहता है कि मैं बयान नहीं दूंगा तो क्या आप कह सकते हैं कि आरोपी सहयोग नहीं कर रहा है, इसलिए उसे गिरफ्तार करते हैं? इन्होंने केजरीवाल को गिरफ्तार किया.. सेक्शन 50 के तहत वहां बयान नहीं लिए गए। डेढ़ साल तक गिरफ्तारी नहीं की गई। मेरी बेल को नकार दिए जाने से मुझे घर आकर गिरफ्तार करने का आधार नहीं बन जाता…
वहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि आपको ED ने जो नोटिस भेजे, आपने उन्हें नजरअंदाज क्यों किया। आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ यहां आए, आपने जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए। इस पर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि गिरफ्तारी अवैध है इसलिए। ED के वकील एसवी राजू ने कहा कि इन्होंने पिछली कस्टडी का भी विरोध नहीं किया था.. वहीं 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस देकर गिरफ्तारी पर जवाब मांगा था…
15 अप्रैल को अरविंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED से 24 अप्रैल तक जवाब मांगा था। हलफनामे में ED ने कहा कि कई बार समन भेजे जाने के बावजूद उन्होंने एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया. इतना ही नहीं ED ने यह भी कहा कि केजरीवाल को किसी दुर्भावना या दूसरे कारणों से गिरफ्तार नहीं किया गया है। किसी अपराध की जांच एक ऐसा क्षेत्र है जो जांच एजेंसी के लिए रिजर्व है। उनकी गिरफ्तारी भी जांच का हिस्सा है.. ED ने 24 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 9 बार समन मिलने के बावजूद केजरीवाल पूछताछ से बच रहे थे। उनके इसी रवैए से जांच अधिकारी को गिरफ्तारी की वजह मिली है।
साथ ही जांच अधिकारी के पास मौजूद चीजों ने भी यह साबित करने में मदद की है कि वे दोषी हैं। केजरीवाल से 21 मार्च को तलाशी के दौरान उनके मोबाइल फोन का पासवर्ड मांगा गया। ED की हिरासत के दौरान भी यही पूछा गया। उन्होंने इसे शेयर करने से इनकार कर दिया..वहीं इससे पहले 9 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही बताया था। साथ ही कहा था कि ED के पास गिरफ्तारी के पर्याप्त सबूत हैं। इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 10 अप्रैल को Arvind Kejriwal ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी…
15 अप्रैल को सुनवाई करते हुए शीर्ष कोर्ट ने 29 अप्रैल की तारीख दी थी।सिंघवी ने एक घंटे तक दलीलें रखी थीं.. आपको बता दें कि केजरीवाल से पहले शराब नीति केस में AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की भी गिरफ्तारी हुई थी। सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से जेल में बंद हैं। संजय सिंह को ED ने 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। इसी महीने 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। तिहाड़ में 6 महीने रहने के बाद 3 अप्रैल को वो बाहर आए थे..
इससे पहले के घटनाक्रम की बात करें तो दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 23 अप्रैल को Arvind Kejriwal की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ा दी.. इसके पहले केजरीवाल की कस्टडी 1 अप्रैल से 15 अप्रैल, फिर उसके बाद 23 अप्रैल तक बढ़ाई गई थी.. कोर्ट के इस आदेश के बाद केजरीवाल अब लोकसभा चुनाव के दूसरे और तीसरे फेज की वोटिंग के दौरान भी जेल में रहेंगे.. केजरीवाल के अलावा BRS नेता के. कविता और एक अन्य आरोपी चरनप्रीत की कस्टडी भी 7 मई तक बढ़ा दी गई है..
अभी ये मामला थमने वाला नहीं है.. लोकसभा और दिल्ली का सियासी गणित एक साथ ही चलता रहेगा.. इसी तरह की और सियासी खबरों के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ.