PM मोदी-राहुल के चुनावी भाषणों पर EC का नोटिस-pm modi v/s rahul gandhi
भाषण में नफरत फैलाने का आरोप
भाजपा-कांग्रेस पार्टी के अध्यक्षों से मांगा जवाब
29 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा
लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है.. और इसी के तहत नेताओं की बयानबाजी भी जारी है.. ऐसे में चुनाव आयोग की उन नेताओं और पार्टियों पर नजर है जो अपने भाषणों के जरिए नफरत फैला रहे हैं… चुनाव आयोग ने 25 अप्रैल को PM नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के भाषणों पर नोटिस जारी किया है…ये नोटिस आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 के सेक्शन 77 के तहत इश्यू किया गया है…-pm modi v/s rahul gandhi
चुनाव आयोग के पोल पैनल ने कांग्रेस और भाजपा की एक-दूसरे के खिलाफ की गई शिकायतों के आधार पर नोटिस जारी किया है.. यह पहली बार है जब आयोग ने स्टार प्रचारक की जगह पार्टी अध्यक्षों को नोटिस जारी किया है.. PM मोदी भाजपा और राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं… इस लिहाज से इनके भाषणों के लिए EC पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार माना है.. आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा है.. -pm modi v/s rahul gandhi
चुनाव आयोग से PM मोदी और राहुल गांधी के भाषण में आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की गई थी. शिकायत में कहा गया कि ये लीडर्स धर्म, जाति, समुदाय और भाषा के आधार पर लोगों को बांटने और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं.. अब आपको इन नेताओं के बयान के बारे में जानकारी देते हैं जिस पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है…पहले पीएम नरेंद्र मोदी की बात कर लेते हैं.. तो 21 अप्रैल 2024 को पीएम मोदी राजस्थान के बांसवाड़ा में थे…इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो लोगों की संपत्ति को ज्यादा बच्चे वालों में बांट देगी..
साथ ही PM ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उस टिप्पणी का भी जिक्र किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है… पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस हमलावर थी.. कांग्रेस ने कहा कि ये बयान दुर्भाग्यजनक है.. इस बयान को विभाजनकारी, दुर्भावना से भरा और समुदाय विशेष को टारगेट करने वाला बताया.. पार्टी ने कहा- चुनाव आयोग ‘संपत्ति का बंटवारा’ वाले बयान पर एक्शन ले.PM के संपत्ति जब्त करने वाले बयान के खिलाफ कांग्रेस और CPI-M ने अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई थी..
अब आपको बताते हैं कि चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को क्यों नोटिस भेजा,, आखिर राहुल गांधी ने ऐसा क्या बयान दिया था, जिस पर चुनाव आयोग को आपत्ति हुई.. दरअसल राहुल गांधी 18 अप्रैल को केरल में थे.. राहुल ने केरल की चुनावी सभा में गरीबी बढ़ने की बात कही थी.. उन्होंने यह भी कहा था कि 22 लोग भारत के 70 करोड़ लोगों से ज्यादा अमीर हैं... साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर उनकी सरकार आती है तो एक झटके में गरीबी खत्म हो जाएगी.. अब इस पर शिकायत क्या हुई ये आपको बताते हैं..दरअसल भाजपा ने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं…
राहुल गरीबी बढ़ने का झूठा दावा कर रहे हैं… वहीं ये शिकायतें मिलने के बाद इलेक्शन कमीशन ने स्टार प्रचारकों की फौज उतारने के लिए पहली नजर में पार्टी अध्यक्षों को ही जिम्मेदार ठहराया है.. आयोग ने कहा, “अपने प्रत्याशियों के कामों के लिए राजनीतिक दलों को ही पहली जिम्मेदारी उठानी चाहिए, खास तौर पर स्टार कैंपेनर्स के मामले में। ऊंचे पद पर बैठे लोगों के चुनावी भाषणों का असर ज्यादा गंभीर होता है।”..वहीं चुनाव आयोग ने 5 अप्रैल को आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी सिंह को भी नोटिस जारी किया था.. आतिशी ने कहा था कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का ऑफर मिला था और ऐसा नहीं करने पर जेल भेजने की धमकी दी गई थी.. चुनाव आयोग ने इसकी सच्चाई पर सवाल खड़े किए थे.. चुनावी समर में अक्सर ऐसा होता है कि नेता अति उत्साह में कुछ ज्यादा ही बोल जाते हैं. ऐसे में इस बार चुनाव आयोग ने काफी सख्ती बरती है.. ऐसी ही सियासी खबरों के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ…