SLUGS
समुद्र में 300 फीट नीचे पनडुब्बी से द्वारका दर्शन होंगे
30 लोग बैठेंगे, गोताखोर-गाइड साथ रहेंगे
जन्माष्टमी या दिवाली से शुरुआत संभव
भगवान श्री कृष्ण की द्वारका नगरी हजारों साल पहले समुद्र में डूब चुकी है.. लेकिन भक्त अब उनके दर्शन बेहद नजदीक से कर सकेंगे… गुजरात सरकार मूल द्वारका दर्शन के लिए अरब सागर में यात्री पनडुब्बी चलाने जा रही है… सबमरीन का वजन करीब 35 टन होगा… इसमें एक बार में 30 लोग बैठ सकेंगे…. 2 गोताखोर और एक गाइड साथ रहेगा… राज्य पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव हारित शुक्ला के मुताबिक इस स्वदेशी सबमरीन का संचालन मझगांव डॉक ही करेगा…. जन्माष्टमी या दीपावली तक ये शुरू हो जाएगी… सबमरीन समुद्र में 300 फीट नीचे जाएगी.. इस रोमांचक सफर में 2 से ढाई घंटे लगेंगे.. किराया महंगा होगा, लेकिन आम आदमी का ध्यान रखते हुए गुजरात सरकार इसमें सब्सिडी जैसी रियायत दे सकती है… भारत सरकार की कंपनी मझगांव डॉक शिपयार्ड के साथ राज्य सरकार का MoU हो चुका है। जनवरी में होने जा रही वाइब्रेंट समिट में इसकी घोषणा होगी… अब आपको इस पनडुब्बी की खासियत बता दें… 35 टन वजनी सबमरीन एयर कंडीशंड रहेगी.. जिसमें 30 लोग बैठेंगे.. इसमें मेडिकल किट भी रहेगी.. इसमें 24 यात्री दो लाइन में बैठेंगे.. पनडुब्बी चलाने वाले दो सदस्य, 2 गोताखोर, एक गाइड और एक टेक्नीशियन साथ रहेगा… इसकी हर सीट विंडो व्यू देगी, ताकि 300 फीट गहराई में समुद्र के भीतर के प्राकृतिक सौंदर्य को आसानी से देख सकें.. यात्रियों को ऑक्सीजन मास्क, फेस मास्क और स्कूबा ड्रेस संचालन करने वाली एजेंसी ही देगी.. इनका किराया टिकट में शामिल रहेगा…इसमें प्राकृतिक रोशनी की व्यवस्था रहेगी.. संचार प्रणाली और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी सुविधा भी रहेगी…. सबमरीन में बैठकर भी सामने स्क्रीन पर भीतर की हलचल, जीव जंतु आदि देख सकेंगे और रिकॉर्ड कर सकेंगे.. दरअसल, केंद्र सरकार देश के धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए कई प्रोजेक्ट पर काम कर रही है… काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक, अयोध्या, केदारनाथ, सोमनाथ और द्वारका कॉरिडोर इसी प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है… द्वारका कॉरिडोर के तहत मूल द्वारका के दर्शन के लिए सबमरीन प्रोजेक्ट लाया जा रहा है… बेट द्वारका में ही अरब सागर में सबसे बड़ा केबल ब्रिज बन रहा है, जो जन्माष्टमी के आसपास शुरू होगा.. ये ब्रिज समुद्र में डूबी द्वारका की परिक्रमा का एहसास कराने वाला होगा… ब्लू फ्लैग का दर्जा हासिल कर चुके शिवराजपुर बीच के विकास और उसके संचालन का जिम्मा गुजरात सरकार अब एक निजी कंपनी को देने जा रही है… वाइब्रेंट समिट के दौरान संभवत: इस बारे में MoU हो सकता है। इसे देश का सबसे शानदार बीच बनाने की तैयारी है.. देवभूमि कॉरिडोर के तहत बेट द्वारका आईलैंड को दुनिया के नक्शे पर लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.. सबसे बड़ा आकर्षण सिग्नेचर ब्रिज है.. 900 करोड़ में बन रहा 2320 मीटर लंबा ये फोर लेन ब्रिज भारत का सबसे बड़ा केबल ब्रिज है.. ये 90% तैयार हो चुका है… इसी प्रोजेक्ट में 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल नागेश्वर मंदिर, हनुमानजी और उनके पुत्र का मकरध्वज मंदिर भी डेवलप हो रहा है… यानि भक्तों और पर्यटकों को लुभाने के लिए पूरी तैयारी कर लई है… समुद्र में 300 फीट नीचे पनडुब्बी से द्वारका के दर्शन के लिए आप भी तैयार हो जाइए..