दोस्तों, यह सच है कि हर नौकरीपेशा इंसान अपने जीवन की ख्वाहिशों को कम करके पैसे बचाता है, ताकि भविष्य में वह अपना घर खरीद सके। लेकिन अगर हम मौजूदा दौर की बात करें तो बड़े शहरों विशेषकर मेट्रो सिटीज में घर खरीदना दिन-प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है।
बतौर उदाहरण यदि हम हॉट रियल एस्टेट स्पॉट जैसे दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो यहां 2 बीएचके फ्लैट खरीदने के लिए आपको कम से कम 50 लाख खर्च करने होंगे। ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि मेट्रो सिटीज में घर खरीदने के मुकाबले किराए पर मकान लेकर रहना कुछ ज्यादा फायदेमंद है।
यह सच है कि खुद का घर खरीदने के फैसले के पीछे इंसान की भावनाएं जुड़ी होती हैं, वह चाहता है कि उसका परिवार अपने छत के नीचे सुरक्षित जीवन गुजारे। लेकिन यदि हम इंसान की भावनाओं का अलग रख दें तो किराए का घर आपके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। तो आइए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर मेट्रो सिटीज में घर खरीदना फायदेमंद है या फिर किराए पर रहकर निवेश की रणनीति पर फोकस करना।
मिडिल क्लास शख्स के घर खरीदने का फंडा
हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि सामान्यतया मेट्रो सिटीज में 2 बीएचके फ्लैट की कीमत औसतन 50 लाख रुपए होती है। ऐसे में एक मिडिल क्लास इंसान 10 से 20 फीसदी ही डाउन पेमेंट दे पाता है। बतौर उदाहरण यादि आप 20 फीसदी यानि 10 लाख की डाउन पेमेंट करते हैं तो मकान के लिए 40 लाख रुपए लोन लेना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त रजिस्ट्री, स्टाम्प ड्यूटी, ब्रोकरेज चार्ज अलग से देने होंगे। घर में शिफ्ट होने के लिए फर्नीचर लगाने में भी कम से कम 5 लाख रुपए खर्च हो जाते हैं। ऐसे में मकान की कुल कीमत तकरीबन 58 से 60 लाख के करीब पहुंच जाती है।
बैंक लोन-किराया बनाम बचत
अगर हम 2 बीएचके फ्लैट के किराए की बात करें तो यह आपको 15 हजार रुपये महीने पर आसानी से मिल जाएगा। ऐसे में आपके हर महीने 16 हजार रुपए एक्सट्रा बच जाएंगे। यदि इनवेस्टमेंट की बात करें तो 12 फीसदी रिटर्न वाली SIP में 20 साल तक 16 हजार रुपए इनवेस्ट करने के बाद आपको करीब 1.60 करोड़ रुपये मिलेंगे।
किराए के मकान में रहने के फायदे
किराए के मकान में रहने पर आपको घर की रख-रखाव की जिम्मेदारियों से मुक्ति मिलती है। ऐसे में आप अपना समय और ध्यान किसी अन्य महत्वपूर्ण कामों में लगा सकते हैं। मकान से जुड़े आयकर और नगर निगम की ओर लागू किए शुल्कों का भी बोझ आप पर नहीं पड़ता है।
किराए का मकान ज्यादा फायदेमंद, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
मुम्बई में रहने वाले वित्तीय इन्फ्लुएंसर शरण हेगड़े की एक ट्वीट पोस्ट ने हंगामा मचा दिया है-“मैं सपनों के शहर मुंबई में रहता हूँ। मेरे फ्लैट की कीमत 7 करोड़ रुपए है लेकिन मैं किराए के रूप में सिर्फ 1.5 लाख रुपए चुकाता हूं। इसे EMI पर खरीदने पर मुझे प्रति माह ₹5 लाख का खर्च आता। डाउन पेमेंट में ₹ 1.4 करोड़ का भुगतान करने के बाद भी”।
बॉलीवुड में फिल्म निर्देशक ओनिर पिछले चार साल से एक किराए के अपार्टमेंट में रह रहे हैं। ओनिर का कहना है कि मैं एक फिल्ममेकर हूं और मुझे फिल्मों पर काम करने के लिए अधिकांश समय बाहर ही रहना पड़ता है। ऐसे में मैं मुम्बई में रिटायर होने की नहीं सोचता हूं। किराए के मकान में ज्यादा आजादी रहती है।
निजी घर के फायदे
आपको स्थायी निवास की गारंटी मिल जाती है। जिससे स्वयं तथा परिवार को आराम और सुरक्षापूर्ण जीवन बिताने का मौका मिलता है। घर खरीदने के बाद आप इसका इस्तेमाल निवेश के रूप में भी कर सकते हैं। भविष्य में यह घर आपको संपत्ति के रूप में उपयोग का अवसर देता है। खुद के घर में रहने से आप मकान मालिक और किराएदार के बीच संभावित विवादों से बचे रहते हैं।
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