बीजेपी के जन्म से ही लागू हैं तीन प्रमुख एजेंडे, राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के बाद अब यूनिफार्म सिविल कोड की बारी

HomeBlogबीजेपी के जन्म से ही लागू हैं तीन प्रमुख एजेंडे, राम मंदिर...

Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img

साल 1967 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मूल स्वरूप जनसंघ ने अपने घोषणा पत्र में पहली बार समान नागरिक संहिता यानि यूनिफार्म सिविल कोड का खुले तौर पर उल्लेख किया था। उस घोषणापत्र के मुताबिक यदि जनसंघ सत्ता में आएगी तो पूरे देश में यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया जाएगा। हांलाकि उन दिनों देश की जनता में कांग्रेस की लहर थी, ऐसे में जनसंघ के सत्ता में आने की सोचना भी लाजिमी नहीं था।- UCC In India

आपको बता दें कि 1967 से लेकर 1980 तक देश में कुछ बड़ी घटनाएं देखने को मिली जैसे कांग्रेस का बंटवारा, पाकिस्तान के साथ युद्ध 1971, आपातकाल आदि। ऐसे में यूनिफोर्म सिविल कोड का मुद्दा काफी हद तक पर्दे के पीछे चला गया। आखिर भारतीय जनसंघ से साल 1980 में जन्मी बीजेपी ने यूनिफार्म सिविल कोड का मुद्दा उठाया।- UCC In India

बीजेपी के घोषणापत्र में तीन प्रमुख मुद्दे राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370 और समान नागरिक संहिता प्रमुखता से बने रहे। हांलाकि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने इन तीनों मुद्दों को पूरा करने की क्षमता नहीं दिखाई लेकिन नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जब बीजेपी ने पूरे देश में लहर पैदा की तब राम मंदिर और अनुच्छेद 370 को पूरे आत्मविश्वास के साथ लागू कर दिया गया। साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, इससे पूर्व पीएम मोदी ने यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर जो बयान दिया है, इससे देश की सियासत गरमा गई है। खबरों के मुताबिक संसद के मानसून सत्र में मोदी सरकार यूनिफार्म सिविल कोड पर चर्चा करेगी।  

दरअसल भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर कहा कि ‘एक ही परिवार में दो लोगों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते, ऐसी दोहरी व्यवस्था से घर कैसे चल पाएगा’? इतना ही नहीं पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार-बार कहता है कि कॉमन सिविल कोड लाओ लेकिन वोट बैंक के भूखे लोग इसमें अड़ंगा लगा रहे हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी सबका साथ, सबका विकास की भावना से काम कर रही है।

यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर पीएम मोदी द्वारा दिए गए बयान के बाद ज्यादातर विपक्षी पार्टियों का कहना है कि पीएम मोदी लोकसभा चुनाव 2024 से पूर्व जनता का ध्यान बेराजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों से भटकाने के लिए यूसीसी का मुद्दा छेड़ा है। विपक्षी दलों का कहना है कि यूनिफोर्म सिविल कोड के जरिए बीजेपी देशभर में हिन्दू बहुसंख्यकवाद थोपने की कोशिश करेगी। इसके अतिरिक्त विपक्षी दलों का कहना है कि यूनिफार्म सिविल कोड के जरिए अल्पसंख्यक समुदायों के धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन संभव है। 

यूनिफार्म सिविल कोड का विरोध करने वाली विपक्षी पार्टियों में जेडीयू, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, सीपीआईएम प्रमुख रूप से शामिल हैं। जबकि आम आदमी पार्टी, शिव सेना (उद्धव ठाकरे गुट), लोजपा नेतृत्व ने यूनिफार्म सिविल कोड के पक्ष में बयान दिया है।

गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 और राम मंदिर निर्माण का मुद्दा पूरा हो चुका है। अब बीजेपी के पारंपरिक मतदाताओं में बेचैनी थी कि आखिर यूनिफार्म सिविल कोड कब लागू होगा।

#agendas  #birthofBJP #jansangh #bjp   #RamMandir  #Article370  #UniformCivilCode #pmmodi #narendramodi

RATE NOW
wpChatIcon