केंद्र की सत्ता में काबिज BJP श्रीराम मंदिर की पिच पर आक्रामक बैटिंग करने वाली है…पार्टी के तेवर देखकर तो यही लग रहा है और अगर ऐसा हुआ तो 2024 के चुनावों में उसे विपक्ष पर बड़ी बढ़त मिल सकती है…दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर हुई बैठक में लोकसभा चुनाव के कनेक्शन पर भी चर्चा हुई…क्या है BJP का सियासी रास्ता जो राम मंदिर से होकर जाता है…आज हम भी उसी रास्ते पर चलकर 2024 के सियासी संग्राम को समझने की कोशिश करेंगे…
BJP की पहचान माइक्रो लेवल पर काम करने वाली पार्टी की है…इसकी वही छाप Ram Lalla की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर होने जा रहे आयोजन पर भी नजर आ रही है…रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है लेकिन इसे लेकर देशभर में आयोजनों की श्रृंखला करीब महीने भर पहले से ही शुरू हो चुकी है…अयोध्या में बने भव्य मंदिर और श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले बीजेपी की रणनीति इस मुद्दे के साथ हर जिले, हर गांव-मोहल्ले और घर तक पहुंचने की है…पूजित अक्षत कलश यात्राएं निकलीं तो अब अक्षत के साथ भगवान राम की फोटो और पत्र बांटे जा रहे हैं…
घर-घर, गांव-गांव रामलला की भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जानकारी पहुंच जाने के बाद बीजेपी की रणनीति आस्था को धार देने की है…इसके लिए दर्शन की मुहिम चलाने से लेकर गांव-गांव मंदिर और दूसरे धार्मिक स्थलों पर आध्यात्मिक आयोजन करने वाली बड़ी रणनीति पर काम चल रहा है…बीजेपी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दो से ढाई महीने में दो से तीन करोड़ लोगों को राम मंदिर में दर्शन कराने का लक्ष्य रखा है…इसके लिए रेलवे स्पेशल ट्रेन चलाएगा जिससे राम भक्त आसाना से रामलला के दर्शन कर सकें…रामनवमी भी ज्यादा दूर नहीं है…रामनवमी में देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी तादाद में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं…ऐसे में कहा ये भी जा रहा है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की टाइमिंग भी लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के पक्ष में है…
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन में शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी के साथ ही लेफ्ट, टीएमसी समेत कई राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं को न्यौता गया है…लेकिन कार्यक्रम में इनके शामिल होने की उम्मीद ना के बराबर है…आरजेडी प्रमुख लालू यादव औरा राबड़ी देवी के आवास के बाहर एक पोस्टर लगा था जिसमें मंदिर को मानसिक गुलामी का मार्ग बताया गया था…विपक्षी पार्टियों के इसी रवैये पर बीजेपी ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है…इसे इस बात का संकेत माना जा रहा है कि बीजेपी की रणनीति विपक्ष को राम मंदिर की पिच पर घेरने की होगी…
बीजेपी राम मंदिर आंदोलन को लेकर बुकलेट भी वितरित करेगी जिसके जरिए पार्टी की मंदिर आंदोलन में अपनी भूमिका बताने की है…इसमें उन घटनाक्रमों का जिक्र भी किया जाएगा जो राम मंदिर आंदोलन की राह में या यूं कहें कि अयोध्या में भगवान का भव्य मंदिर बनने में रोड़े अटकाने के लिए हुए थे और जिनमें कथित रूप से विपक्ष की भूमिका थी…
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की टाइमिंग भी लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के पक्ष में है…
क्या राम मंदिर से होकर जाता है BJP का सियासी रास्ता?
प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल ना होने पर विपक्ष को कितना नुकसान होगा?
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