छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट की शपथ.. 5 चेहरे विधायक बनते ही मंत्री बने 

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छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट की शपथ

9 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ

3 मंत्री पहली बार के विधायक हैं

5 चेहरे विधायक बनते ही मंत्री बने 

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की… विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाया गया…. उनके साथ अरुण साव और विजय शर्मा ने 13 दिसंबर को डिप्टी सीएम पद की शपथ ली… वहीं आज विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण हो गया…. साय मंत्रिमंडल में जिन 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, उनमें 3 पहली बार के विधायक हैं और पहली बार में ही मंत्री बने हैं.. अरुण साव और विजय शर्मा पहली ही बार जीतकर आए और मंत्री बने.. इस तरह 12 लोगों के मंत्रिमंडल में 5 चेहरे पहली बार विधायक बने और पहली ही बार में मंत्री बने हैं.. आज शपथ लेने वालों में पांच विधायक ऐसे हैं जो पहली बार मंत्री बने हैं…. लक्ष्मी राजवाड़े,  टंकराम वर्मा, ओपी चौधरी, श्यामबिहारी जायसवाल और लखनलाल देवांगन के नाम शामिल है..  वहीं पांच पुराने चेहरे भी शामिल हैं जो विधायक और मंत्री रहे हैं जिनमें विष्णुदेव साय, रामविचार नेताम, बृजमोहन अग्रवाल, दयालदास बघेल और केदार कश्यप शामिल हैं.. आपको बता दें कि 13 सदस्यीय मंत्रिमंडल में अभी एक सीट खाली है…. मुख्यमंत्री सहित प्रदेश मंत्रिमंडल में 13 सदस्यों की जगह है.. सीएम विष्णुदेव साय और दो डिप्टी सीएम बनने के बाद 9 मंत्री बनाए गए हैं… अभी एक सदस्य की जगह खाली है। 12 सदस्यीय कैबिनेट में अभी 6 ओबीसी, 3 आदिवासी, 2 सामान्य और 1 एससी हैं… अब आपको उन पांच चेहरों की पूरी जानकारी देंगे जो पहली बार विधायक बने और पहली बार में ही मंत्री बन गए.. इसके पीछे का क्या समीकरण है आपको समझाते हैं..

सबसे पहले बात करते हैं लक्ष्मी राजवाड़े की… जो कि ओबीसी चेहरा हैं… सरगुजा संभाग में 4 सामान्य सीटे हैं.. अंबिकापुर, प्रेमनगर, भटगांव, बैकुंठपुर और मनेंद्रगढ़ सामान्य सीट है… प्रेमनगर से भुलनसिंह मरावी को लड़ाया, जो आदिवासी हैं..आपको बता दें कि 14 सीटें सरगुजा में जीते और 5 महिलाएं यहां से जीतकर आईं.. लक्ष्मी के अलावा सांसद गोमती साय, रेणुका सिंह, शकुंतला पोर्ते और रायमुनि भगत चुनकर आईं…अब बात ओपी चौधरी की करते हैं जो पहली बार विधायक चुने गए है.. 2018 में IAS की नौकरी से इस्तीफा दिया और चुनाव लड़ा लेकिन हार गए… इस बार रायगढ़ से जीते..  और वो अमित शाह की पसंद हैं… उन्होंने कहा था इन्हें जिताइए बड़ा आदमी बनाएंगे और अब उन्हें मंत्री बनाया गया… एक और नाम है टंकराम वर्मा का..  विधायक से मंत्री टंकराम वर्मा को मंत्रालय में कामकाज का लंबा अनुभव है.. वो दयालदास बघेल के पीए भी थे.. साथ ही कुर्मी समाज में उनकी अच्छी खासी पकड़ है.. टंकराम वर्मा भागवत कथा और रामायण पाठ करवाने के लिए अपने क्षेत्र में जाने जाते हैं.. सांसद और मंत्री के पीए रहने के बाद वर्मा खुद मंत्री बने हैं… बात अरुण साव की करेंगे.. वो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे और बड़ा ओबीसी चेहरा हैं… पहली बार बीजेपी अध्यक्ष बने और अब पहली बार विधायक बनने के साथ ही डिप्टी सीएम की प्रोफाइल मिली….RSS से जुड़े रहे इसलिए संघ की भी पसंद… अब बात करेंगे विजय शर्मा की.. बीजपी ने इन्हें हिन्दुत्व के चेहरे के रूप में पेश किया.. कवर्धा से मोहम्मद अकबर को हराया जो कि दिग्गज मंत्री थे…कवर्धा में सांप्रदायिक तनाव हुए, उस वक्त शर्मा बीजेपी के जिला अध्यक्ष थे… इस दौरान वो जेल गए.. बाद में पार्टी में हिन्दुत्व का चेहरा बनकर सामने आए.. अब इन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया है… कुल मिलाकर साय कैबिनेट मे हर वर्ग को साधने की कोशिश की गई है.. ताकि 2024 की राह आसान हो सके.. 

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