भारत के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स मार्केट में बैटरी स्वैपिंग सेन्टर की भारी कमी
दोस्तों, बैटरी स्वैपिंग स्टेशन पर डिस्चार्ज बैटरी को बदलकर चार्ज की गई बैटरी दी जाती है। मौजूदा समय में बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों की भारी कमी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स मार्केट के विस्तार में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है। बता दें कि दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बैटरी को फुल चार्ज होने में तीन से चार घंटे लगते हैं। यदि आपके पास पॉवरफुल चार्जिंग विकल्प मौजूद है तब भी बैटरी चार्ज होने में कम से कम एक घंटे का समय लगता ही है। ऐसे में ग्राहक अब इतना लंबा इंतजार नहीं करना चाहते है लिहाजा उनकी उम्मीद बैटरी स्वैपिंग सेन्टर की तरफ बढ़ गई है।
बता दें कि चार्जिंग प्वाइंट के मुकाबले बैटरी स्वैपिंग सेन्टर के लिए बहुत कम जगह की जरूरत होती है। ऐसे में यह शहरी क्षेत्रों के लिए काफी उपयुक्त है। बतौर उदाहरण बैटरी स्वैप स्टेशन को किराना स्टोर के बाहर भी स्थापित किया जा सकता है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि ग्राहकों के पास बिना बैटरी के भी इलेकिट्रक व्हीकल्स खरीदने का विकल्प होता है। इसके लिए वे स्वैप सब्सक्रिप्शन का विकल्प चुन सकते हैं और अपने वाहन में स्वैपेबल बैटरी लोड कर सकते हैं।
सरकार के सहयोग से कुछ स्वदेशी स्टार्टअप्स जैसे दिल्ली स्थित बैटरी स्मार्ट और शेरू और बेंगलुरु स्थित यूलु, बाउंस इन्फिनिटी,सन मोबिलिटी बैटरी स्वैपिंग सेन्टर चला रही है। बावजूद इसके चार्जिंग स्टेशनों की अपर्याप्त उपलब्धता भारतीय ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है।
मौजूदा समय में बैटरी स्मार्ट के दिल्ली, फरीदाबाद, गुड़गांव, जयपुर और लखनऊ जैसे 12 शहरों में 350 से अधिक स्वैप स्टेशन हैं, जबकि सन मोबिलिटी के नोएडा, दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, गुड़गांव, चंडीगढ़, त्रिवेंद्रम, कालीकट सहित भारत के 18 शहरों में 150 से अधिक स्वैप पॉइंट हैं।
भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ मिलकर स्टार्ट-अप वोल्टअप कम्पनी बैटरी-एज-ए-सर्विस आगामी तीन सालों में देश के तकरीबन 50 शहरों में 650 स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है। इसके अतिरिक्त यह कंपनी BPCL के साथ मिलकर साल 2024 में पूरे देश में 150 स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने वाली है।
बता दें कि वोल्टअप कंपनी अकेले दिल्ली/एनसीआर 50 से अधिक बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने वाली है। मौजूदा समय में देश के आठ राज्यों में 110 से अधिक बैटरी स्वैपिंग स्टेशन उपलब्ध हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी की अदला-बदली करने में महज 1 मिनट का समय लगता है। बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों पर बैटरी की मेंटेनेंस और सर्विस की सुविधा भी मिलेगी। ऑप्स इंजन के जरिए इन स्मार्ट स्टेशनों की निगरानी की जाएगी ताकि बैटरी चार्जिंग टेंपरेचर और सेल बैलेंसिंग बना रहे। गौरतलब है कि भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इकोसिस्टम में तेजी से बदलाव लाने के लिए बैटरी स्वैपिंग के क्षेत्र में जबरदस्त तरीके से हाथपांव मार रही है। इसके लिए केन्द्र सरकार अपने बजट में बैटरी स्वैपिंग को लेकर पहले ही कई योजनाएं पेश कर चुकी है।