‘पूरे दिन इंतजार करते हैं, लेकिन कोई नहीं आता’
पहलगाम हमले के बाद शिकारा मालिक संकट में आ गए है। पर्यटकों से रोजीरोटी कमाने वाले शिकारा मालिक हसन ने कहा कि हम पूरे दिन इंतजार करते हैं, लेकिन कोई नहीं आता। कश्मीर अपने आतिथ्य के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि हम शांति और पर्यटन की बहाली की मांग करते हैं। पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने मानता पर हमला बताया है।
पहले रोज कमाते थे 1500, अब 100 भी मुश्किल
वहीं स्थानीय निवासी मंजूर अहमद, जो पहले प्रतिदिन 1500 रुपये तक कमा लेते थे, अब मुश्किल से 100 रुपये कमा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पर्यटकों से अपील करते हैं कि वे घाटी में फिर से आएं और वुलर झील सहित कश्मीर की छिपी प्राकृतिक सुंदरता को देखें।
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कश्मीर में पर्यटन उद्योग पर गहरा असर
पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर में पर्यटन उद्योग पर गहरा असर पड़ा है। अप्रैल-मई में वुलर झील और अन्य पर्यटन स्थलों पर रोजाना हजारों पर्यटक आते थे, लेकिन हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। जिससे शिकारा मालिकों, टैक्सी चालकों और होटल मालिकों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं होटल, रेस्तरां और स्थानीय हस्तशिल्प व्यवसायों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है।
मॉक ड्रिल की तैयारियां
इस बीच, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने श्रीनगर की डल झील में मॉक ड्रिल का आयोजन किया, ताकि आपातकालीन तैयारियों को परखा जा सके।
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पाकिस्तान 12वें भी किया सीजफायर का उल्लंघन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई को देशभर में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का निर्देश दिया है। दूसरी ओर, नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा 12 दिनों तक संघर्ष विराम उल्लंघन के बाद, पुंछ जिले में सुरक्षा बलों ने सतर्कता बढ़ा दी है। पुलिस, सीआरपीएफ और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) ने नाकेबंदी, वाहन जांच और गश्त तेज कर दी है।