देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक साथ तीन राज्यों के High Court judges ने दूसरे राज्य में ट्रांसफर की मांग की है…जिसे स्वीकार भी कर लिया गया है…हाईकोर्ट के ये तीनों जज किस राज्य से हैं…किस राज्य में इनका ट्रांसफर हो रहा है और इसके पीछे की वजह क्या है आज हम इसी पर विस्तार से बात करेंगे…
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को हाईकोर्ट के तीन जजों के ट्रांसफर का प्रस्ताव सौंपा है…जिसके तहत कोलकाता, केरल और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय से एक-एक जजों को उनके राज्य के बाहर ट्रांसफर की अनुमति दे दी है…मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने केंद्र को हाई कोर्ट के तीन न्यायाधीशों के ट्रांसफर की सिफारिश की है…दरअसल इन तीनों न्यायाधीशों ने अपने तबादले का अनुरोध किया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने ये प्रस्ताव रखा…
13 फरवरी को कॉलेजियम की बैठक में जस्टिस संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायामूर्ति अनिरुद्ध बोस भी शामिल थे…कॉलेजियम ने कलकत्ता हाई कोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस मौसमी भट्टाचार्य को किसी दूसरे हाई में ट्रांसफर के अनुरोध को स्वीकार कर लिया…कॉलेजियम ने बताया कि 12 फरवरी 2024 को एक पत्र लिखकर जस्टिस मौसमी भट्टाचार्य ने व्यक्तिगत कारणों से कलकत्ता हाई कोर्ट से किसी दूसरे हाईकोर्ट में ट्रांसफर की मांग की थी और अब कलकत्ता हाई कोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस मौसमी भट्टाचार्य को न्याय को बेहतर प्रशासन के हित में तेलंगाना हाई कोर्ट में ट्रांसफर किये जाने की सिफारिश की गई है…
इतना ही नहीं कॉलेजियम ने केरल हाईकोर्ट के जस्टिस अनु शिवरमन के अनुरोध को भी स्वीकार कर लिया है…जस्टिस शिवरमन ने केरल से बाहर ट्रांसफर की मांग की थी…उन्हें अब कर्नाटक हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश की है…इसमें कहा गया है, ‘कॉलेजियम ने अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और यह सिफारिश करने का संकल्प लिया है कि न्याय के बेहतर प्रशासन के हित में सुश्री न्यायमूर्ति अनु शिवरामन को कर्नाटक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया जाए’…
डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम जिसमें जस्टिस संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायामूर्ति अनिरुद्ध बोस शामिल थे उसने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस सुजॉय पॉल के अनुरोध को भी स्वीकार कर लिया है…जस्टिस सुजॉय पॉल ने बताया था कि उनका बेटा मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय में वकालत कर रहा है…इस वजह से उनका ट्रांसफर किसी दूसरे राज्य के हाईकोर्ट में कर दिया जाय…जिसे पूरी तरह से स्वीकार करते हुए कॉलेजियम ने जस्टिस सुजॉय पॉल को तेलंगाना उच्च न्यायालय में ट्रांसफर करने की सिफारिश की है…
देश में सबको उचित न्याय मिले इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम आए दिन ऐसे तमाम फैसले लेती है जिससे न्याय की आस लगाए बैठी जनता के मन में न्यायपालिका के लिए इज्जत और बढ़ जाती है…इससे पीछे के कारण भले ही अलग-अलग हों लेकिन मकसद एक ही है…लोगों को उचित और समय से न्याय दिलाना जिसमें देश की न्यायपालिका दिन-रात लगी है…