पीएम मोदी ने झाबुआ से फूंका लोकसभा चुनाव का बिगुल, कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना

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झाबुआ में pm modi की सभा

लोकसभा चुनाव की तैयारी

सरकार की योजनाओं का किया बखान

कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 फरवरी को मध्य प्रदेश के झाबुआ से चुनावी शंखनाद किया है.. उन्होंने 

झाबुआ को 7,550 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं को सौगात दी.. इस दौरान उन्होंने राज्य की ‘आहार अनुदान योजना’ के तहत लगभग 2 लाख महिला लाभार्थियों को मासिक किस्त भी वितरित की. इस दौरान PM Modi ने एक जनसभा को संबोधित किया और कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की छुट्टी हुई थी, 2024 के लोकसभा चुनाव में सफाया होना तय है. कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए पीएम मोदी ने कहा,  कि बीते वर्षों में मध्य प्रदेश ने दो अलग-अलग दौर देखे हैं. एक डबल इंजन सरकार का दौर और दूसरा कांग्रेस के जमाने का काला दौर.. कम उम्र के युवाओं को शायद याद भी नहीं होगा, आज विकास के रास्ते पर तेजी से दौड़ रहा मध्य प्रदेश बीजेपी सरकार से पहले देश के सबसे बीमारू राज्यों में गिना जाता था.हमारे लिए जनजातीय समाज वोट बैंक नहीं,  देश का गौरव है.आपका सम्मान भी और आपका विकास भी.. ये मोदी की गारंटी है. आपके सपने, आपके बच्चों के सपने, नौजवानों के सपने.. एक भी आदिवासी बच्चा शिक्षा के अभाव में पीछे रह जाए, ये मोदी को मंजूर नहीं है.’प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ यहां आपके बीच आने से पहले मैंने देखा कि मेरी इस यात्रा को लेकर खूब चर्चाएं भी हो रही हैं. कुछ लोग कह रहे हैं कि मोदी मध्य प्रदेश में झाबुआ से लोकसभा की लड़ाई का आगाज करेगा. मैं बताना चाहता हूं कि मोदी लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए नहीं आया है. pm modi तो सेवक के तौर पर ईश्वर रूपी MP की जनता-जनार्दन का आभार करने आया है. मध्य प्रदेश में विधानसभा के नतीजों से आप पहले ही बता चुके हैं लोकसभा के लिए आपका मूड क्या रहने वाला है. इसलिए इस बार विपक्ष के बड़े-बड़े नेता पहले से ही कहने लगे हैं- 2024 में 400 पार, फिर एक बार मोदी सरकार.’दरअसल, झाबुआ में पीएम मोदी की रैली के पीछे बीजेपी का मकसद तीन राज्यों में लोकसभा की अनुसूचित जनजाति सीटों पर फोकस करना है. एमपी में 29 लोकसभा सीटें है, जिनमें 6 सीटें बैतूल, धार, खरगोन, मंडला, रतलाम-झाबुआ और शहडोल अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. इसके अलावा राजस्थान में 3 और गुजरात में 4 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. अगर रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट की बात करें तो यहां अब तक जितने भी लोकसभा चुनाव हुए हैं, उनमें से 90 फीसदी बार कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की है. कांग्रेस के इस मजबूत गढ़ को भेदने के लिए बीजेपी ने पीएम मोदी का झाबुआ में कार्यक्रम रखा है. मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जीत तो हासिल की, लेकिन आदिवासी अंचलों में पार्टी बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पायी. प्रदेश की 47 एसटी सीटों में से बीजेपी ने 24 सीटें जीतीं, तो कांग्रेस ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की. यानी आदिवासी बहुल सीटों पर बीजेपी को कांग्रेस से कांटे की टक्कर मिली. इसीलिए बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले आदिवासी वर्ग को साधने की कवायद में जुटी है

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