जीवन की गाड़ी चलती रहे इसके लिए हमें हर हाल में पैसों की ज़रूरत पड़ती है लेकिन हर कोई अपनी आय के मुताबिक ही खर्च करता है…लेकिन कभी-कभी हमारे खर्चे हमारी आय से ज्यादा हो जाते हैं जिसको संभालने के लिए हमें क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन का सहारा लेना पड़ता है…लेकिन अब इसकी भी मदद ले पाना थोड़ा मुश्किल होगा…हम ऐसा क्यों कह रहे हैं और इसका समाधान क्या होगा आज हम अपने इस वीडियो में विस्तार से बताएंगे…
अनसिक्योर्ड लोन पर बढ़ते डिफॉल्ट को देखते हुए RBI ने बैंकिंग नियमों को और कड़ा कर दिया है…आने वाले समय में आपके लिए पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड लेना थोड़ा मुश्किल हो सकता है…क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने देश भर के बैंको से अनसिक्योर्ड रिटेल लोन और क्रेडिट कार्ड इश्यू करने से पहले ग्राहक के बैकग्राउंड चेक को और सख्त करने को कहा है…ऐसा इसलिए क्योंकि अनसिक्योर्ड लोन मैं बैंकों के पास कुछ गिरवी नहीं होता और इस तरह के लोन डूबने का रिस्क बढ़ते हुए देख RBI बैंकों को आगाह कर रहा है…संभावित डिफॉल्ट के बढ़ते जोखिम के बीच RBI बैंको के असुरक्षित पोर्टफोलियो पर लगाम भी लगा सकता है…
कोरोना काल से ही पूरी दुनिया समेत भारत मे भी क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन का चलन काफी बढ़ गया है…इस आंकड़े के मुताबिक साल 2022 में पर्सनल लोन 7.8 करोड़ से बढ़कर 9.9 करोड़ हो गया जो लगभग 24 फीसदी की बढ़ोतरी थी…वहीं क्रेडिट कार्ड पर लोन में 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी जो 1.3 लाख करोड़ से बढ़कर 1.7 लाख करोड़ हो गई थी…
इन अनसिक्योर्ड लोन की रफ़्तार साल 2023 में भी थम नहीं रही है…RBI के डाटा के मुताबिक़ फरवरी 2022 के मुक़ाबले इस साल फरवरी 2023 तक पर्सनल लोन 20.4% बढ़े हैं तो जनवरी 2023 तक क्रेडिट कार्ड आउटस्टैंडिंग 29.6 फीसदी के रिकॉर्ड तोड़ हाई पर थी…
महंगाई और बढ़ी हुई ब्याज दरों के बीच देश के सेंट्रल बैंक के लिये इस तरह अनसिक्योर्ड क्रेडिट ग्रोथ एक चिंता का विषय है…संभावित डिफ़ॉल्ट की आशंका देखते हुये RBI ने बैंकों को अनसिक्योर्ड लोन को लेकर सख़्ती बरतने को कहा है. लोन या क्रेडिट कार्ड देने से पहले बैकग्राउंड चेक को और ठोस करने के कहा है जिस वजह से बैंक टेक्नॉलिजी का सहारा ले रहे है.
30 दिसंबर 2022 से 21 अप्रैल 2023 तक बैंकों के ऊपर क्रेडिट कार्ड से हुआ लोन 1.8 लाख करोड़ से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गया है…घर का किराया तक लोग क्रेडिट कार्ड से भरना शुरू हो गये है जो फ्रॉड की एक बड़ी वजह है…इसी वजह से कई बैंकों ने क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से किराया देने को रोकने के लिए 1 से 1.5 फीसदी तक चार्ज लेना शुरू कर दिया है तो कुछ ने रिवॉर्ड प्वाइंट घटा लिए हैं…मक़सद अनसिक्योर्ड लोन के संभावित NPA को कम करना…
सूत्र बताते हैं कि RBI अनसिक्योर्ड लोन में रिस्क वेट बढ़ा सकता है…मतलब ये कि अनसिक्योर्ड लोन डूबने के डर को देखते हुए बैंकों को ज़्यादा प्रोविजनिंग करनी पड़ सकती है जो फिलहाल पर्सनल लोन के लिये 100% है और क्रेडिट कार्ड रिसिवेबल्स के लिये 125% है…
#rbi #creditcard #loan #finance