अगरएकसेज्यादादावेदारहोंतोकिसकोमिलताहै GI टैग?

0
109

जब भी हम GI टैग की बात करते हैं तो सबसे पहले दिमाग में जो बात आती है वो है अधिकार की…यानि GI टैग से ये पता चलता है कि किसी भी वस्तु की ओरिजिन कहां से हुई है…भारत में GI टैग्स किसी खास फसल, प्राकृतिक और मानव निर्मित सामानों को दिया जाता है…कई बार ऐसा भी होता है कि एक से अधिक राज्यों में बराबर रूप से पाई जाने वाली फसल या किसी प्राकृतिक वस्तु को उन सभी राज्यों का मिला-जुला GI टैग दिया जाए. यह बासमती चावल के साथ हुआ है. बासमती चावल पर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों का अधिकार है….

GI के अधिकार हासिल करने के लिए चेन्नई स्थित GI-डेटाबेस में अप्लाई करना पड़ता है…इसके अधिकार व्यक्तियों, उत्पादकों और संस्थाओं को दिए जा सकते हैं एक बार रजिस्ट्री हो जाने के बाद 10 सालों तक यह GI टैग मान्य होते हैं, जिसके बाद इन्हें फिर रिन्यू करवाना पड़ता है…पहला GI टैग साल 2004 में दार्जिलिंग चाय को दिया गया था… भारत में अभी तक 433 वस्तुओं को GI टैग दिया गया है…ये लिस्ट हर दो साल में अपडेट की जाती है…कर्नाटक एक ऐसा राज्य है जिसके पास सबसे अधिक 40 वस्तुओं के GI अधिकार हैं….उत्तर प्रदेश के पास अब तक कुल 31 टैग हैं, जिसमें 22 के आसपास तो काशी क्षेत्र के पास ही हैं…

रसगुल्लों की मिठास से शायद ही कोई अछूता रहा हो लेकिन यह मिठास पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बीच खटास का कारण बन गई थी…ये दोनों राज्य साल 2015 से इस विवाद में थे कि रसगुल्लों का GI टैग उनके प्रदेश को दिया जाना चाहिए…पश्चिम बंगाल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि रसगुल्ले को सबसे पहले नोबिन चंद्र दास नाम के हलवाई ने 1860 के दशक में बनाया था, वहीं ओडिशा का कहना है कि 12वीं शताब्दी से जगन्नाथ पुरी मंदिर में भोग लगाने के लिए रसगुल्लों का प्रयोग किया जाता था….आखिरकार 2 सालों की इस कानूनी लड़ाई में जीत पश्चिम बंगाल की हुई थी…

वहीं अगर पेटेंट की बात करें तो इसका मतलब है किसी व्यक्ति द्वारा खोजे, बनाए या पैदा किए गए किसी खास उत्पाद के उपयोग, प्रयोग और उत्पादन के कानूनी अधिकार…इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स यानि IPR के तहत तीन कैटेगरीज में पेटेंट के लिए अप्लाई किया जा सकता है…

यूटिलिटी पेटेंट सबसे आम किस्म का पेटेंट होता है…जब आप कोई नया सॉफ्टवेयर, दवाई, केमिकल या किसी भी तरह से उपयोग की जाने वाली वस्तु बनाते हैं, ये यूटिलिटी पेटेंट के अंतर्गत आता है…वहीं प्लांट पेटेंट में किसी खास किस्म का पौधा उगाना, चाहे वो फसल के लिए हो या हाइब्रिड पौधा हो, उसके उत्पादन के कानूनी अधिकारों के लिए प्लांट पेटेंट दिया जाता है और डिजइन पेटेंट में घर की, कार की या किसी दूसरी वस्तु की डिजाइन को कानूनी रूप से प्रयोग करने के लिए डिजाइन पेटेंट दिया जाता है…GI टैग्स भी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स यानि IPR का हिस्सा हैं जो पेटेंट्स से मिलते-जुलते ही हैं… जहां GI टैग किसी भौगोलिक परिस्थिति के आधार पर दिए जाते हैं, पेटेंट नई खोज और आविष्कारों को बचाए रखने का जरिया हैं.

 #gitag #gitags #rasgulla

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER.

Never miss out on the latest news.

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

RATE NOW

LEAVE A REPLY

We cannot recognize your api key. Please make sure to specify it in your website's header.

    null
     
    Please enter your comment!
    Please enter your name here